प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भगोड़ा घोषित महोबा के बर्खास्त एसपी मणिलाल पाटीदार के वकील की याचिका को आधारहीन और न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग मानते हुए उन पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. साथ ही दिल्ली बार काउंसिल से याची (अधिवक्ता) के कृत्य पर निर्णय लेने को कहा है. कोर्ट ने जुर्माने की राशि एक माह में हाईकोर्ट के विधि कोष में जमा करने का निर्देश भी दिया है.
यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केशरवानी एवं न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने याची (पाटीदार के वकील) और राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल व अपर शासकीय अधिवक्ता आशुतोष कुमार संड को सुनकर दिया है. अधिवक्ता ने याचिका दाखिल करके लखनऊ के हजरतगंज और प्रयागराज के कर्नलगंज इंस्पेक्टर को उसकी एफआईआर दर्ज करने व एफआईआर की कॉपी उपलब्ध कराने का निर्देश दिए जाने की मांग की थी. साथ ही सीबीआई को दोनों एफआईआर की विवेचना का निर्देश देने की मांग भी की थी. इसके अलावा मणिलाल पाटीदार से मुलाकात करने के लिए पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराने की मांग भी वकील ने की थी. कोर्ट ने इसे न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग मानते हुए याची वकील पर जुर्माना लगाया है.
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निलंबित IPS मणिलाल पाटीदार महोबा जिले के एसपी थे. उन पर क्रशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी से रंगदारी मांगने और उनकी हत्या में शामिल होने का मुकदमा दर्ज है. फरार आईपीएस अधिकारी मणिलाल पाटीदार पर पहले 25 हजार रुपए का इनाम था, लेकिन बाद में इसे बढ़ाकर 50 हजार रुपए कर दिया गया. महोबा के कबरई निवासी इंद्रकांत त्रिपाठी ने 7 सितंबर 2020 को मणिलाल पाटीदार पर आरोप लगाए थे. तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार पर खनन के मामले में रिश्वत मांगने का आरोप लगाया गया. इतना ही नहीं, इंद्रकांत त्रिपाठी ने मणिलाल पाटीदार पर खुद की हत्या कराने की आशंका जताते हुए एक वीडियो वायरल कर दिया.