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जौहर ट्रस्ट सोसायटी के सदस्य को हाईकोर्ट से राहत, ये दिए आदेश

मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट सोसायटी के सदस्य के उत्पीड़न पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. इस मामले में कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाबी हलफनामा मांगा है. याची पर किसानों से जबरन जमीन का बैनामा कराने का आरोप है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट
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Published : Nov 20, 2020, 10:46 PM IST

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट सोसायटी के सदस्य मोहम्मद फसीह जैदी के खिलाफ उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी है. इनके खिलाफ एमपीएमएलए विशेष अदालत रामपुर में 27 आपराधिक मुकदमों का ट्रायल चल रहा है.

सरकार से हलफनामा मांगा
हाईकोर्ट ने सभी मुकदमों में सहयोग की शर्त पर उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर रोक लगाई है. राज्य सरकार से याचिका पर 11 जनवरी 2021 तक जवाबी हलफनामा मांगा है. यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीत कुमार ने मोहम्मद फसीह जैदी की याचिका पर दी है.

सह अभियुक्त के तौर पर दर्ज है मुकदमा
याची का कहना है कि FIR में उसके खिलाफ कोई आरोप नहीं है. सह अभियुक्त आजम खां पर किसानों से जबरन सोसायटी के नाम जमीन लिखवाने का आरोप है. याची केवल सोसायटी का सदस्य है, उसे बिना सबूत के फंसाया गया है. न्यायिक प्रक्रिया का दुरूपयोग किया जा रहा है. इसलिए याची के खिलाफ जारी सम्मन और मुकद्दमें रद्द किये जाएं.

11 जनवरी को होगी सुनवाई
राज्य सरकार की तरफ से एक साथ 27 मुकदमों और सम्मन को चुनौती देने पर याचिका की पोषणीयता पर आपत्ति की गई. इसपर 11 जनवरी को सुनवाई होगी. इस मामले सहित कई अन्य मामलों में रामपुर के सांसद मोहम्मद आजम खां भी गिरफ्तार किये जा चुके हैं.

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट सोसायटी के सदस्य मोहम्मद फसीह जैदी के खिलाफ उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी है. इनके खिलाफ एमपीएमएलए विशेष अदालत रामपुर में 27 आपराधिक मुकदमों का ट्रायल चल रहा है.

सरकार से हलफनामा मांगा
हाईकोर्ट ने सभी मुकदमों में सहयोग की शर्त पर उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर रोक लगाई है. राज्य सरकार से याचिका पर 11 जनवरी 2021 तक जवाबी हलफनामा मांगा है. यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीत कुमार ने मोहम्मद फसीह जैदी की याचिका पर दी है.

सह अभियुक्त के तौर पर दर्ज है मुकदमा
याची का कहना है कि FIR में उसके खिलाफ कोई आरोप नहीं है. सह अभियुक्त आजम खां पर किसानों से जबरन सोसायटी के नाम जमीन लिखवाने का आरोप है. याची केवल सोसायटी का सदस्य है, उसे बिना सबूत के फंसाया गया है. न्यायिक प्रक्रिया का दुरूपयोग किया जा रहा है. इसलिए याची के खिलाफ जारी सम्मन और मुकद्दमें रद्द किये जाएं.

11 जनवरी को होगी सुनवाई
राज्य सरकार की तरफ से एक साथ 27 मुकदमों और सम्मन को चुनौती देने पर याचिका की पोषणीयता पर आपत्ति की गई. इसपर 11 जनवरी को सुनवाई होगी. इस मामले सहित कई अन्य मामलों में रामपुर के सांसद मोहम्मद आजम खां भी गिरफ्तार किये जा चुके हैं.

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