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श्रम न्यायालय के पीठासीन अधिकारी को हाईकोर्ट ने भेजा अवमानना नोटिस

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Published : Nov 1, 2022, 10:59 PM IST

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अवमानना के एक मामले में श्रम न्यायालय प्रयागराज के पीठासीन अधिकारी करन सिंह चौहान को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने उन्हें आदेश के अनुपालन के लिए एक माह का एक अवसर भी दिया है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अवमानना के एक मामले में श्रम न्यायालय प्रयागराज के पीठासीन अधिकारी करन सिंह चौहान को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने उन्हें आदेश के अनुपालन के लिए एक माह का एक अवसर भी दिया है.

यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने श्रमिक लालजीत यादव की अवमानना याचिका पर अधिवक्ता संदीप श्रीवास्तव को सुनाकर दिया है. कोर्ट ने कहा कि कागजात के अवलोकन से प्रथमदृष्टया अवमानना का मामला बनता है. साथ ही एक माह का अवसर देते हुए पीठासीन अधिकारी करन सिंह चौहान को अनुपालन हलफनामा दाखिल करने और ऐसा न करने पर अगली सुनवाई पर हाजिर होने का निर्देश दिया है. अवमानना याचिका के अनुसार याची ने श्रम न्यायालय में जयश्री टायर्स कंपनी व अन्य के विरुद्ध अवैध बंदी के कारण सेवाकाल की अवधि की बकाया धनराशि दिलाए जाने के लिए दावा दाखिल किया, जो वर्ष 2013 से विचाराधीन है.

हाईकोर्ट ने वर्ष 2019 में वाद के अविलम्ब निस्तारण का आदेश दिया था. श्रम न्यायलय द्वारा तय अवधि में वाद का निस्तारण नहीं करने पर याची ने अवमानना याचिका दाखिल की, जिस पर हाईकोर्ट ने श्रम न्यायालय को याची का वाद तीन माह के अंदर निस्तारित करने का आदेश दिया. आरोप है कि श्रम न्यायालय के पीठासीन अधिकारी द्वारा हाईकोर्ट के आदेश को न मानने पर याची ने यह अवमानना याचिका दाखिल की.

यह भी पढ़ें:हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद पेंशन कटौती करने के मामले में पीडीए उपाध्यक्ष को अवमानना नोटिस जारी

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अवमानना के एक मामले में श्रम न्यायालय प्रयागराज के पीठासीन अधिकारी करन सिंह चौहान को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने उन्हें आदेश के अनुपालन के लिए एक माह का एक अवसर भी दिया है.

यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने श्रमिक लालजीत यादव की अवमानना याचिका पर अधिवक्ता संदीप श्रीवास्तव को सुनाकर दिया है. कोर्ट ने कहा कि कागजात के अवलोकन से प्रथमदृष्टया अवमानना का मामला बनता है. साथ ही एक माह का अवसर देते हुए पीठासीन अधिकारी करन सिंह चौहान को अनुपालन हलफनामा दाखिल करने और ऐसा न करने पर अगली सुनवाई पर हाजिर होने का निर्देश दिया है. अवमानना याचिका के अनुसार याची ने श्रम न्यायालय में जयश्री टायर्स कंपनी व अन्य के विरुद्ध अवैध बंदी के कारण सेवाकाल की अवधि की बकाया धनराशि दिलाए जाने के लिए दावा दाखिल किया, जो वर्ष 2013 से विचाराधीन है.

हाईकोर्ट ने वर्ष 2019 में वाद के अविलम्ब निस्तारण का आदेश दिया था. श्रम न्यायलय द्वारा तय अवधि में वाद का निस्तारण नहीं करने पर याची ने अवमानना याचिका दाखिल की, जिस पर हाईकोर्ट ने श्रम न्यायालय को याची का वाद तीन माह के अंदर निस्तारित करने का आदेश दिया. आरोप है कि श्रम न्यायालय के पीठासीन अधिकारी द्वारा हाईकोर्ट के आदेश को न मानने पर याची ने यह अवमानना याचिका दाखिल की.

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