पीलीभीतः जिले में बने टाइगर रिजर्व (tiger reserve) की लंबे अंतराल के बाद मांग पूरी हुई है. लाखों के खर्च के बाद कर्नाटक से 4 हाथियों को पीलीभीत टाइगर रिजर्व (Pilibhit Tiger Reserve) लाया गया है. यह हाथी पीलीभीत टाइगर रिजर्व में बाघों संबंधी तमाम ऑपरेशन में काम आएंगे. हाथियों के स्वागत सत्कार के लिए आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के वन मंत्री भी पीलीभीत पहुंचे हैं.
लाखों के खर्च के बाद कर्नाटक से 4 हाथियों को पीलीभीत लाया गया. ये हाथी मंगलवार देर शाम पीलीभीत टाइगर रिजर्व की माला रेंज (Mala Range of Pilibhit Tiger Reserve) में पहुंचे. माला रेंज में बने विश्राम गृह में हाथियों ने रात्रि विश्राम किया. बुधवार सुबह ही उत्तर प्रदेश सरकार के वन मंत्री अरुण कुमार सक्सेना (Forest Minister Arun Kumar Saxena) पीलीभीत पहुंचे. माला रेंज में आयोजित एक कार्यक्रम में तमाम अधिकारियों व राजनैतिक लोगों की मौजूदगी में वन मंत्री ने हाथियों का स्वागत सत्कार किया. इसके बाद वन मंत्री ने अपने हाथ से हाथियों को फल और गन्ने भी खिलाए. कर्नाटक से लाए गए हाथियों ने महावत के इशारे पर फूल-माला वन मंत्री के गले में डालकर वन मंत्री को गदगद कर दिया.
मौके पर जुटी भारी भीड़
पीलीभीत टाइगर रिजर्व (Pilibhit Tiger Reserve) की माला रेंज में आयोजित कार्यक्रम में स्कूली बच्चों समेत पीलीभीत के तमाम लोगों की भारी भीड़ देखने को मिली. भीड़ पर्यटन की दृष्टि से हाथियों को देखने के लिए उत्सुक नजर आए. स्कूली बच्चों ने बढ़ चढ़कर हाथियों के साथ सेल्फी भी ली. इस दौरान अधिकारियों का हौसला भी आसमान चढ़ता नजर आया.
वन मंत्री बोले बाघ संबंधी ऑपरेशन में काम आएंगे हाथी
कार्यक्रम के समापन के दौरान वन मंत्री अरूण कुमार (Forest Minister Arun Kumar Saxena) ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि अक्सर देखा जाता है कि पीलीभीत टाइगर रिजर्व की सीमा से निकलकर बाघ आम लोगों के बीच आ जाते हैं. ऐसे में वन विभाग (Forest department) को तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ता था. अब इन हाथियों की मदद से एक तरफ जहां पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, तो वहीं दूसरी तरफ बाघ से संबंधित तमाम ऑपरेशन में वन विभाग की मदद यह हाथी करेंगे.
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