मुरादाबाद: तमाम प्रयास और अभियानों के बाद भी अब भी दहेज प्रथा पूरी तरह खत्म नहीं हो पाई है. जिसके चलते आज भी कई लड़कियों का जीवन खराब हो रहा है. जनपद में दहेज लोभियों पर लगाम कसने के लिए मुस्लिम धर्म गुरू गांवों में जाकर लोगों में जागरूकता फैला रहे हैं. उन्होंने बताया कि इसके तहत बिना दहेज शादी करने वालों को सम्मानित भी करने का फैसला लिया गया है.
कुंदरकी क्षेत्र स्थित फतेहपुर खास गांव में मुस्लिम धर्मगुरु आजकल युवाओं को निकाह में दहेज न लेने की सीख दे रहे हैं. मुस्लिम धर्मगुरुओं के मुताबिक दहेज के इंतजाम न होने के चलते मुस्लिम समुदाय में कई गरीब परिवारों की लड़कियों की उम्र पच्चीस से चालीस साल हो गई है लेकिन उनका निकाह नहीं हो पा रहा है.
समाज में दिखावा करने के लिए जहां भारी दहेज की मांग की जा रहीं है, वहीं शादी में भी लाखों रुपये उड़ाए जा रहें है. गरीब परिवार की लड़कियों की भी शादी हो सके इसके लिए सुन्नी इमाम काउंसलिंग लगातार देहात क्षेत्रों में युवाओं को समझा रही है. स्थानीय धर्मगुरुओं के माध्यम से जहां दहेज न लेने की अपील की जा रही है तो वहीं ऐसे युवाओं को सम्मानित करने का भी फैसला लिया गया है जो बिना दहेज निकाह करेंगे.
देहात क्षेत्र के गांव और कस्बों में लगातार बैठकें आयोजित कर मुस्लिम धर्मगुरु जागरूकता फैला रहे हैं. गरीब परिवार की लड़कियों के निकाह में इस तरह के अभियान मददगार हों, इसके लिए स्थानीय स्तर पर हुई दहेज मांग की घटनाओं के जरिए इसके प्रभाव लोगों को समझाए जा रहें है. शुरुआती दौर में इन बैठकों के बाद अब स्थानीय युवा भी धर्मगुरुओं के इस अभियान को सराह रहें है और बिना दहेज निकाह करने का दावा कर रहे हैं.
स्थानीय धर्मगुरुओं और सुन्नी इमाम काउंसलिंग ऑफ इंडिया के पदाधिकारियों के मुताबिक मुस्लिम समाज में दहेज लेकर निकाह के मामले लगातार बढ़ रहे है और इसके दुष्प्रभाव भी नजर आ रहें है. वहीं शादी के बाद दहेज की मांग को लेकर महिलाओं पर भी हिंसा हो रहीं है. ऐसे में जरूरी है कि निकाह करने वाले युवाओं को इसके समाज पर पड़ रहे असर से अवगत कराया जाए ताकि वह भविष्य में निकाह के नाम पर दहेज लेने का काम न करें और समाज को एक संदेश दे सकें.