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मुरादाबाद: बैंकों के महाविलय पर कर्मचारियों का प्रदर्शन, सरकार के खिलाफ की नारेबाजी - बैंकों के विलय को लेकर प्रदर्शन

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में बैंकों के निजीकरण को लेकर कर्मचारियों ने मोदी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. उन्होंने कहा कि इस विलय से एक लाख से ज्यादा बैंक कर्मचारियों की नौकरी खतरे में है.

बैंकों के महाविलय को लेकर कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन.
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Published : Sep 8, 2019, 9:33 AM IST

मुरादाबाद: बैंकों के निजीकरण को लेकर बैंक कर्मचारियों ने मोदी सरकार के खिलाफ बैंक के बाहर प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ जमकर की नारेबाजी. उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था में बैंकों का बड़ा योगदान है. बैंकों का विलय कर सरकार की बैंकों के निजीकरण करने की मंशा है, जिसके माध्यम से बड़े उद्योपतियों को लोन दिया जा सके. इस विलय से एक लाख से ज्यादा बैंक कर्मचारियों की नौकरी खतरे में है.

बैंकों के महाविलय को लेकर कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन.
बैंकों के निजीकरण को लेकर यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. यूनियन के जिला सचिव नवीन कुमार ने बताया कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 10 बैंकों का विलय कर चार बैंक बनाने की घोषणा की गई है, जिसके विरोध में यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन कर रहा है. यह पहले से प्रस्तावित था कि बैंकों के मंडलीय कार्यालय और प्रधान कार्यालय पर यह प्रदर्शन किया जाएगा.

यूनियन के जिला सचिव नवीन कुमार ने बताया कि सरकार के इस फैसले से जनता को कोई फायदा नहीं होगा और न ही सरकार को कोई फायदा होगा. सरकार की यह बात कहना कि देश की अर्थव्यवस्था में बैंकों का कोई योगदान नहीं है, यह बिल्कुल गलत है. बैंकों का सबसे बड़ा योगदान है. सरकार बड़े बैंकों में छोटे बैंकों का विलय कर बड़े-बड़े उद्योगपति को लोन देने की तैयारी कर रही है. पहले से ही देश के अंदर बैंकों में एनपीए की राशि लगातार बढ़ती जा रही है. इसकी वसूली के लिए कोई भी ठोस कानून अभी तक नहीं बनाया गया है.

सरकार के द्वारा जिन बैंकों का विलय किया जा रहा है, उन कर्मचारियों की संख्या एक लाख से ऊपर है, जिसकी वजह से उनकी नौकरी पर भी खतरा मंडरा रहा है. SBI के अंदर जब बैंकों का विलय हुआ था तो उसमें 6,950 शाखा बंद कर दी गई थीं. सरकार की मंशा यह है कि बैंकों का विलय करके बैंकों का निजीकरण छोड़ दिया जाए. बैंकों को उद्योगपतियों के हाथों में सौंपने की तैयारी हो रही है. इलाहाबाद बैंक 155 साल पुराना है. यह विश्व का सबसे पुराना बैंक है. हम चाहते हैं कि इलाहाबाद बैंक की पहचान बनी रहे. ओपन सेंट्रल कमेटी की बैठक के बाद आगे की रणनीति तय की जाए.
-नवीन कुमार, जिला सचिव, यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन

मुरादाबाद: बैंकों के निजीकरण को लेकर बैंक कर्मचारियों ने मोदी सरकार के खिलाफ बैंक के बाहर प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ जमकर की नारेबाजी. उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था में बैंकों का बड़ा योगदान है. बैंकों का विलय कर सरकार की बैंकों के निजीकरण करने की मंशा है, जिसके माध्यम से बड़े उद्योपतियों को लोन दिया जा सके. इस विलय से एक लाख से ज्यादा बैंक कर्मचारियों की नौकरी खतरे में है.

बैंकों के महाविलय को लेकर कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन.
बैंकों के निजीकरण को लेकर यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. यूनियन के जिला सचिव नवीन कुमार ने बताया कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 10 बैंकों का विलय कर चार बैंक बनाने की घोषणा की गई है, जिसके विरोध में यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन कर रहा है. यह पहले से प्रस्तावित था कि बैंकों के मंडलीय कार्यालय और प्रधान कार्यालय पर यह प्रदर्शन किया जाएगा.

यूनियन के जिला सचिव नवीन कुमार ने बताया कि सरकार के इस फैसले से जनता को कोई फायदा नहीं होगा और न ही सरकार को कोई फायदा होगा. सरकार की यह बात कहना कि देश की अर्थव्यवस्था में बैंकों का कोई योगदान नहीं है, यह बिल्कुल गलत है. बैंकों का सबसे बड़ा योगदान है. सरकार बड़े बैंकों में छोटे बैंकों का विलय कर बड़े-बड़े उद्योगपति को लोन देने की तैयारी कर रही है. पहले से ही देश के अंदर बैंकों में एनपीए की राशि लगातार बढ़ती जा रही है. इसकी वसूली के लिए कोई भी ठोस कानून अभी तक नहीं बनाया गया है.

सरकार के द्वारा जिन बैंकों का विलय किया जा रहा है, उन कर्मचारियों की संख्या एक लाख से ऊपर है, जिसकी वजह से उनकी नौकरी पर भी खतरा मंडरा रहा है. SBI के अंदर जब बैंकों का विलय हुआ था तो उसमें 6,950 शाखा बंद कर दी गई थीं. सरकार की मंशा यह है कि बैंकों का विलय करके बैंकों का निजीकरण छोड़ दिया जाए. बैंकों को उद्योगपतियों के हाथों में सौंपने की तैयारी हो रही है. इलाहाबाद बैंक 155 साल पुराना है. यह विश्व का सबसे पुराना बैंक है. हम चाहते हैं कि इलाहाबाद बैंक की पहचान बनी रहे. ओपन सेंट्रल कमेटी की बैठक के बाद आगे की रणनीति तय की जाए.
-नवीन कुमार, जिला सचिव, यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन

Intro:एंकर :- बैंकों के निजीकरण को लेकर बैंक कर्मचारियों ने भारत सरकार के खिलाफ बैंक के बाहर किया प्रदर्शन कर सरकार के खिलाफ जमकर की नारेबाजी. देश की अर्थव्यवस्था में बैंकों का बड़ा योगदान है. बैंकों का विलय कर सरकार बैंकों का निजीकरण करने की मंशा है. जिसके माध्यम से बड़े उद्योपतियों को लोन दिया जा सके. इस विलय से एक लाख से ज्यादा बैंक कर्मचारियों की नोकरी खतरे में है.


Body:वीओ:- बैंकों के निजीकरण को लेकर यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. यूनियन के जिला सचिव नवीन कुमार ने बताया की भारत सरकार के वित्त मंत्री द्वारा 10 बैंकों का विलय कर चार बैंक बनाने की घोषणा की गई है. जिसके विरोध में हमारा यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन सड़कों पर उतर कर यह प्रदर्शन कर रही है. यह पहले से प्रस्तावित था कि बैंकों के मंडलीय कार्यालय प्रधान कार्यालय पर यह प्रदर्शन किया जाएगा. सरकार के इस फैसले से जनता को कोई फायदा नहीं होगा और ना ही सरकार को कोई फायदा होगा. सरकार की यह बात कहना कि देश की अर्थव्यवस्था में बैंकों का कोई योगदान नहीं है यह बिल्कुल गलत है. बैंकों का सबसे बड़ा योगदान है. सरकार बड़े बैंकों में छोटे बैंकों में विलय कर बड़े-बड़े उद्योगपति को लोन देने की तैयारी कर रही है. पहले से ही देश के अंदर बैंकों में एनपीए की राशि लगातार बढ़ती जा रही है . इसकी वसूली के लिए कोई भी ठोस कानून अभी तक नहीं बनाया गया है. सरकार के द्वारा जिन बैंकों का विलय किया जा रहा है उन कर्मचारियों की संख्या एक लाख से ऊपर है. जिसकी वजह से उनकी नौकरी पर भी खतरा मंडरा रहा है. एसबीआई के अंदर जब बैंकों का विलय हुआ था तो उसमें 6950 शाखा बंद कर दी गई. सरकार की मंशा यह है कि बैंकों काबिले करके बैंकों का निजीकरण छोड़ दिया जाए और उद्योगपतियों के हाथों में सौंपने की तैयारी हो रही है. इलाहाबाद बैंक 155 साल पुराना है यह विश्व का सबसे पुराना बैंक है. हम चाहते हैं कि इलाहाबाद बैंक की पहचान बनी रहे. ओपन सेंट्रल कमेटी की बैठक के बाद आगे की रणनीति तय की जाए.


Conclusion:बाइट:- जिला सचिव नवीन कुमार


सुशील कुमार सिंह
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