मिर्जापुर: पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही बारिश के चलते जिले में गंगा नदी ऊफान पर हैं. बारिश का असर अब गंगा किनारे भी दिखने लगा है. पानी शहर के घाटों और मंदिरों तक पहुंच गया है. जिले में स्थित पक्के घाट का हनुमान मंदिर आधे से ज्यादा डूब चुका है. वहीं पक्का घाट, नार घाट समेत बदली घाट पानी में डूब चुके हैं.
मुख्य बिंदु
- जिले में गंगा नदी ऊफान पर.
- गंगा का जलस्तर प्रति घंटे 3 सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रहा है.
- जिले में स्थित पक्के घाट का हनुमान मंदिर आधे से ज्यादा डूबा.
गंगा नदी अपने रौद्र रूप में बह रही है. एक सप्ताह से लगातार जलस्तर में बढ़ोतरी होने से गंगा के घाटों तक पानी पहुंच गया है. बदली घाट, नार घाट और पक्का घाट जलमग्न हो गए हैं. साथ ही पक्का घाट हनुमान मंदिर भी आधे से ज्यादा डूब चुका है.
जलस्तर बढ़ने से घाटों पर रहने वाले पंडित और नाविक अब ठिकाना बदलने लगे हैं. स्थानीय लोगों की मानें तो गंगा नदी इसी तरह बढ़ती रही, तो निचले इलाकों के गांव में खतरा बढ़ सकता है. गंगा खतरे के निशान से ऊपर जा सकती हैं. गंगा का जलस्तर प्रति घंटे 3 सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रहा है. हालांकि गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 5 मीटर दूर है.
स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर इसी तरह जलस्तर बढ़ता रहा, तो आने-वाले दिनों में मिर्जापुर में बाढ़ की स्थिति बन सकती है. बढ़ते हुए जलस्तर को देखते हुए अंदाजा लगाया जा रहा है कि एक-दो दिन में निचले इलाकों के गांवों में पानी प्रवेश कर सकता है.
स्थानीय लोगों का कहना है कि गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर जा सकती है. कोरोना से गरीब पहले से ही परेशान हैं, फिर अगर बाढ़ आ गई तो समस्या काफी बढ़ जाएगी.
"गंगा के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए जिला प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट पर है. हम लोगों ने पूरी तैयारियां कर ली हैं. जिले के सदर तहसील और चुनार तहसील के गंगा तटवर्ती गांव इससे प्रभावित होते हैं, लेकिन इस बार दोनों तहसीलों के लिए 37 बाढ़ चौकियां बनाई गई हैं, जो रात-दिन काम करेंगी. सभी अधिकारियों व कर्मचारियों की ड्यूटी लगा दी गई है. गंगा का जलस्तर 3 सेंटीमीटर प्रति घंटे की स्पीड से बढ़ रहा है. हालांकि गंगा अभी खतरे के निशान से 5 मीटर नीचे बह रही है".
-सुशील कुमार पटेल, डीएम