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मेरठ में कथित मजार बनाने का विरोध, अधीक्षण पुरातत्वविद् बोले- संरक्षित क्षेत्र से अतिक्रमण हटाया जाए

मेरठ हस्तिनापुर स्थित पांडव टीले पर कथित मजार बनाने के मामले में हिंदू संगठनों ने विरोध करते हुए एसडीएम को ज्ञापन सौंपा है.

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पाण्डव टीले पर कथित मजार
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Published : Sep 8, 2022, 10:48 PM IST

मेरठ: हस्तिनापुर स्थित पाण्डव टीले पर कथित मजार (alleged Mazar on Pandav mound meerut) बनाने का मामला गर्माता जा रहा है. गुरुवार को हिंदू संगठनों ने इस बाबत कड़ा विरोध जताते हुए एसडीएम को ज्ञापन सौंपा है. अधीक्षण पुरातत्वविद् डॉक्टर डीबी गड़नायक (Superintending Archaeologist Dr DB Gadnayak) ने कहा कि शीघ्र ही सारा अतिक्रमण हटाया जाएगा. उन्होंने कहा कि इसे मजार कहना गलत है. हां अतिक्रमण है. डॉक्टर गड़नायक ने कहा कि एएसआई संरक्षित क्षेत्र में जो भी बनाया जा रहा था, उसे बंद कर दिया गया है. राष्ट्रीय धरोहर की रक्षा करना सभी की जिम्मेदारी है. डॉक्टर गड़नायक ने कहा कि एएसआई संरक्षित क्षेत्र में कई मंदिर भी अतिक्रमण कर बनाए गए और बार-बार नोटिस जाने के बाद भी लोग अतिक्रमण कर रहे हैं. जल्द ही सारा अतिक्रमण तोड़ा जाएगा.

डॉक्टर गड़नायक ने कहा कि कुछ लोग जानबूझकर संरक्षित क्षेत्र में अतिक्रमण कर रहे हैं. वो कहते हैं कि वहां कोई मजार नहीं था. वो कालू पहलवान और एक अन्य पहलवान की बात करते हैं. अधीक्षण पुरातत्वविद् डॉक्टर डीबी गड़नायक का कहना है कि संरक्षित क्षेत्र में जो भी बनाया जा रहा था उसे बंद कर दिया गया है. वो कहते हैं कि संरक्षित क्षेत्र के साथ-साथ संरक्षित क्षेत्र के बाहर भी बिना परमीशन के कोई निर्माण नहीं हो सकता. अन्य अवैध निर्माण को लेकर भी कई बार नोटिस भेजा जा चुका है. उन्होंने कहा कि हर अवैध अतिक्रमण तोड़ा जाएगा.

मामले के बारे में जानकारी देते अधीक्षण पुरातत्वविद् डॉक्टर डीबी गड़नायक

गौरतलब है कि सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) के अंतर्गत संरक्षित क्षेत्र है. जिस पर किसी भी तरह का स्थायी अस्थायी निर्माण व क्रियाकलाप प्रतिबंधित है. कुछ दिन पूर्व पांडव टीले पर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के मुताबिक कथित मजार बननी शुरू हो गई थी. इससे विश्व हिंदू परिषद व बजरंग दल के कार्यकर्ताओं में रोष फैल गया. इस निर्माण को कार्यकर्ता हटाने की मांग कर रहे हैं. कार्यकर्ताओं का कहना है कि जब पांडव टीले पर किसी भी प्रकार का क्रियाकलाप प्रतिबंधित है तो वहां ये मजार कैसे बन गई. मामला उच्चाधिकारियों तक पहुंचा. एसडीएम मवाना अखिलेश यादव व सीओ मवाना उदय प्रताप एएसआइ के कार्यालय पहुंचे. उन्होंने संरक्षण सहायक से जानकारी की. एसडीएम ने बताया कि इस मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी.

यह भी पढ़ें: हिंदू देवी देवताओं पर अभद्र टिप्पणी करने वाला युवक गिरफ्तार, फेसबुक पर मिली आतंकी दोस्तों की तस्वीरें

मेरठ: हस्तिनापुर स्थित पाण्डव टीले पर कथित मजार (alleged Mazar on Pandav mound meerut) बनाने का मामला गर्माता जा रहा है. गुरुवार को हिंदू संगठनों ने इस बाबत कड़ा विरोध जताते हुए एसडीएम को ज्ञापन सौंपा है. अधीक्षण पुरातत्वविद् डॉक्टर डीबी गड़नायक (Superintending Archaeologist Dr DB Gadnayak) ने कहा कि शीघ्र ही सारा अतिक्रमण हटाया जाएगा. उन्होंने कहा कि इसे मजार कहना गलत है. हां अतिक्रमण है. डॉक्टर गड़नायक ने कहा कि एएसआई संरक्षित क्षेत्र में जो भी बनाया जा रहा था, उसे बंद कर दिया गया है. राष्ट्रीय धरोहर की रक्षा करना सभी की जिम्मेदारी है. डॉक्टर गड़नायक ने कहा कि एएसआई संरक्षित क्षेत्र में कई मंदिर भी अतिक्रमण कर बनाए गए और बार-बार नोटिस जाने के बाद भी लोग अतिक्रमण कर रहे हैं. जल्द ही सारा अतिक्रमण तोड़ा जाएगा.

डॉक्टर गड़नायक ने कहा कि कुछ लोग जानबूझकर संरक्षित क्षेत्र में अतिक्रमण कर रहे हैं. वो कहते हैं कि वहां कोई मजार नहीं था. वो कालू पहलवान और एक अन्य पहलवान की बात करते हैं. अधीक्षण पुरातत्वविद् डॉक्टर डीबी गड़नायक का कहना है कि संरक्षित क्षेत्र में जो भी बनाया जा रहा था उसे बंद कर दिया गया है. वो कहते हैं कि संरक्षित क्षेत्र के साथ-साथ संरक्षित क्षेत्र के बाहर भी बिना परमीशन के कोई निर्माण नहीं हो सकता. अन्य अवैध निर्माण को लेकर भी कई बार नोटिस भेजा जा चुका है. उन्होंने कहा कि हर अवैध अतिक्रमण तोड़ा जाएगा.

मामले के बारे में जानकारी देते अधीक्षण पुरातत्वविद् डॉक्टर डीबी गड़नायक

गौरतलब है कि सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) के अंतर्गत संरक्षित क्षेत्र है. जिस पर किसी भी तरह का स्थायी अस्थायी निर्माण व क्रियाकलाप प्रतिबंधित है. कुछ दिन पूर्व पांडव टीले पर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के मुताबिक कथित मजार बननी शुरू हो गई थी. इससे विश्व हिंदू परिषद व बजरंग दल के कार्यकर्ताओं में रोष फैल गया. इस निर्माण को कार्यकर्ता हटाने की मांग कर रहे हैं. कार्यकर्ताओं का कहना है कि जब पांडव टीले पर किसी भी प्रकार का क्रियाकलाप प्रतिबंधित है तो वहां ये मजार कैसे बन गई. मामला उच्चाधिकारियों तक पहुंचा. एसडीएम मवाना अखिलेश यादव व सीओ मवाना उदय प्रताप एएसआइ के कार्यालय पहुंचे. उन्होंने संरक्षण सहायक से जानकारी की. एसडीएम ने बताया कि इस मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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