मेरठ: मुंडाली गांव के पूर्व माध्यमिक विद्यालय का लेंटर सोमवार को अचानक गिर गया. अच्छी बात यह रही कि इस दौरान लेंटर के नीचे कोई नहीं था, जिससे एक बड़ा हादसा होने से टल गया. इस मामले में ठेकेदार ने कहा कि घटिया सीमेंट का इस्तेमाल होने के कारण हमने खुद इस लेंटर को गिरवा दिया है. वहीं, प्रशासनिक अधिकारी जांच की बात कहकर पल्ला झाड़ रहे हैं.
मानकों के अनुरूप किया गया निर्माण
मुंडाली गांव के पूर्व माध्यमिक विद्यालय में कमरे का निर्माण किया जा रहा है. करीब 20 दिन पहले दीवार खड़ी कर लेंटर डाला गया था. लेंटर डालते वक्त ठेकेदार ने चंद मुनाफे के लिए मानकों को ताक पर रखकर घटिया सीमेंट का इस्तेमाल किया था. लेंटर और दीवारें सीमेंट में रेत मिलाकर बनाई गई थीं. दीवारों की चिनाई में लगी रेत रोज थोड़ा-थोड़ा गिर रही थी.
सैटरिंग खुलते ही धराशाही हुआ लेंटर
20 दिन बाद रविवार को लेंटर की सैटरिंग खोली गई. सैटरिंग खुलते ही पूरा लेंटर भरभराकर धराशाही हो गया. सरियों को छोड़कर रेत, सीमेंट, बजरी सब गिर गया. दीवारों पर केवल सरियों से बना जाल ही शेष बचा. इस दौरान गनीमत यह रही कि हादसे के वक्त लेंटर के नीचे कोई नहीं था. इसके चलते एक बड़ा हादसा होने से टल गया. आरसीसी के इस लेंटर के महज 20 दिन में गिर जाने से ठेकेदार और सरकारी व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं.
ये बोले ठेकेदार
इस मामले में जब ठेकेदार गुड्डू से बात की गई तो ठेकेदार ने बताया कि लेंटर किन्ही कारणों से झुक गया था. इसके चलते इसको नीचे गिराना पड़ा. यहां सवाल यह उठता है कि आरसीसी का लेंटर इतना कमजोर कैसे हो सकता है कि वह सैटरिंग खोलते ही झुक जाएगा. अगर ठेकेदार की बात सही है तो खिड़कियों के ऊपर बनाए गए स्लैप क्यों तोड़े गए. यह सवाल भी ठेकेदार को कटघरे में खड़ा करने के लिए काफी है.
जांच के नाम पर खानापूर्ति
मुरादनगर में हुई घटना के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी निर्माण कार्यों की जांच के निर्देश दिए हैं. अगर कहीं निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल हुआ है तो ठेकेदार और संबंधित अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. मुंडाली गांव में हुए इस मामले में जांच के नाम पर खानापूर्ति हो रही है. यही वजह है कि मुंडाली गांव में गिरे लेंटर की जांच के लिए अभी तक कोई अधिकारी नहीं पहुंचा है. हालांकि, इस मामले की जांच जिले के अल्पसंख्यक अधिकारी तारिक जमील को दी गई है. लेंटर गिरने के पीछे सही वजह क्या है यह जांच के बाद ही पता चल पाएगा.