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मऊ: क्वारंटाइन सेंटर में कच्चा खाना खाने से मजदूर की तबीयत बिगड़ी

उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में क्वारंटाइन सेंटर में एक मजदूर की तबीयत अचानक खराब हो गई. इसके बाद उसे संयुक्त चिकित्सालय के आइसोलेशन वार्ड में ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने मरीज के पेट खराब होने की बात कही.

migrant worker ill after eating raw food in quarantine center in mau
migrant worker ill after eating raw food in quarantine center in mau
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Published : May 13, 2020, 8:27 PM IST

मऊ: जिले के फातिमा स्कूल के क्वारंटाइन सेंटर में ठहरे प्रवासी मजदूर की तबीयत खराब होने के बाद उसे संयुक्त चिकित्सालय के आइसोलेशन वार्ड में इलाज के लिए लाया गया. यहां डॉक्टर ने बताया कि मरीज में कोरोना वायरस का कोई लक्षण नहीं है. मरीज का पेट खराब है.

जानकारी देते डॉक्टर.

बता दें कि फातिमा स्कूल के क्वारंटाइन सेंटर में लापरवाही की सूचना अक्सर आती रहती है. इसी सिलसिले में बुधवार को जिला चिकित्सालय के आइसोलेशन वार्ड में फातिमा स्कूल क्वारंटाइन सेंटर से एक प्रवासी मजदूर को लाया गया. मजदूर ने बताया कि क्वारंटाइन सेंटर में खाना सही नहीं मिलने के कारण उसका पेट खराब हुआ है. मजदूर ने बताया कि क्वारंटाइन सेंटर में हम सभी को खाने के लिए कच्चा भोजन दिया जाता है.

वहीं आइसोलेशन वार्ड के डॉ. शैलेष कुमार सिंह ने बताया कि क्वारंटाइन सेंटर से आए युवक में कोरोना के लक्षण नहीं हैं. युवक की चार बार थर्मल स्क्रीनिंग की गई, लेकिन तामपान सही है. युवक के अनुसार क्वारंटाइन सेंटर में भोजन सही नहीं मिल रहा है, जिससे पेट खराब हो रहा है. डॉ. शैलेष कुमार सिंह ने बताया कि अगर क्वारंटाइन सेंटर में इन्हें सही से भोजन नहीं मिलेगा तो ये लोग बीमार पड़ेंगे और ऐसा रहा तो ये मानसिक रूप से अस्वस्थ होंगे.

इसे भी पढ़ें-लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कोरोना मरीजों के रिकवरी रेट में हुई बढ़ोतरी

मऊ: जिले के फातिमा स्कूल के क्वारंटाइन सेंटर में ठहरे प्रवासी मजदूर की तबीयत खराब होने के बाद उसे संयुक्त चिकित्सालय के आइसोलेशन वार्ड में इलाज के लिए लाया गया. यहां डॉक्टर ने बताया कि मरीज में कोरोना वायरस का कोई लक्षण नहीं है. मरीज का पेट खराब है.

जानकारी देते डॉक्टर.

बता दें कि फातिमा स्कूल के क्वारंटाइन सेंटर में लापरवाही की सूचना अक्सर आती रहती है. इसी सिलसिले में बुधवार को जिला चिकित्सालय के आइसोलेशन वार्ड में फातिमा स्कूल क्वारंटाइन सेंटर से एक प्रवासी मजदूर को लाया गया. मजदूर ने बताया कि क्वारंटाइन सेंटर में खाना सही नहीं मिलने के कारण उसका पेट खराब हुआ है. मजदूर ने बताया कि क्वारंटाइन सेंटर में हम सभी को खाने के लिए कच्चा भोजन दिया जाता है.

वहीं आइसोलेशन वार्ड के डॉ. शैलेष कुमार सिंह ने बताया कि क्वारंटाइन सेंटर से आए युवक में कोरोना के लक्षण नहीं हैं. युवक की चार बार थर्मल स्क्रीनिंग की गई, लेकिन तामपान सही है. युवक के अनुसार क्वारंटाइन सेंटर में भोजन सही नहीं मिल रहा है, जिससे पेट खराब हो रहा है. डॉ. शैलेष कुमार सिंह ने बताया कि अगर क्वारंटाइन सेंटर में इन्हें सही से भोजन नहीं मिलेगा तो ये लोग बीमार पड़ेंगे और ऐसा रहा तो ये मानसिक रूप से अस्वस्थ होंगे.

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