लखनऊ : 'उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग मुख्यमंत्री पर्यटन विकास सहभागिता योजना के तहत यूपी के सभी 403 विधानसभा क्षेत्रों में पर्यटन स्थलों का विकास कराएगा. इस योजना के तहत हर विधानसभा के एक पर्यटक स्थल को विकसित करने की योजना है. योजना के तहत विधानसभा क्षेत्र में एक या उससे अधिक सर्वाधिक महत्वपूर्ण स्थल का चयन कर वहां पर पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा. प्रदेश सरकार की नई पर्यटन नीति के तहत इस योजना को लागू किया जा रहा है.' यह जानकारी उत्तर प्रदेश के संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने दी. उन्होंने बताया कि 'सहभागिता आधारित इस योजना के तहत न्यूनतम 25 लाख तथा अधिकतम पांच करोड़ रुपए तक के प्रस्तावों पर खर्च एक विधानसभा में किया जाएगा. इसके तहत चयनित पर्यटक स्थलों पर पर्यटकों व श्रद्धालुओं के लिए मूलभूत सुविधायें उपलब्ध कराई जाएंगी.'
स्थल के चयन के लिए होंगे मानक : पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह की ओर से जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि 'हर विधानसभा में जिन स्थलों का चयन किया जाएगा, उन पर्यटक स्थलों का धार्मिक, सांस्कृतिक, पौराणिक या ऐतिहासिक व पर्यटन के दृष्टिकोण से सार्वजनिक उपयोग के लिए महत्वपूर्ण होना चाहिए. चयनित पर्यटन स्थल का प्रस्ताव जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित कमेटी द्वारा पर्यटन विभाग के सूचीबद्ध आर्किटेक्ट से तैयार कराया जाएगा. इसके बाद यह प्रस्ताव जिला पर्यटन एवं संस्कृति परिषद की संस्तुति सहित महानिदेशक पर्यटन को भेजना होगा. महानिदेशक पर्यटन के स्तर से उस प्रस्ताव को वित्तीय स्वीकृति के लिए शासन को भेजा जाएगा.'
मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि 'उप्र पर्यटन की बहुत संभावनाएं हैं, यहां पर विश्व प्रसिद्ध स्मारकों, पौराणिक महत्व के तीर्थस्थल तथा हस्तशिल्प मौजूद है. हर जिले में महत्वपूर्ण धार्मिक, अध्यात्मिक, पौराणिक, प्राचीन, सांस्कृतिक व प्राकृतिक स्थल मौजूद हैं. उन्होंने बताया कि विधानसभा क्षेत्र के पर्यटन विकास के लिए एक विशिष्ट क्षेत्र का विकास करने व उसे उच्च स्तरीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए सहभागिता आधारित 50-50 प्रतिशत की सहभागिता पर मुख्यमंत्री पर्यटन सहभागिता योजना तैयार की गई है.'