लखनऊ : यूपी एसटीएफ ने खुद को भारतीय सेना का कैप्टन बताकर सेना में फर्जी भर्तियां करवाने का दावा करने वाले जालसाज को गिरफ्तार (UP STF arrested) किया है. जालसाज न सिर्फ खुद को सेना का कैप्टन बल्कि यूपी पुलिस में दरोगा बनकर भी ठगी करता था. आरोपी का नाम अंकित मिश्रा उर्फ आशीष है, जो निवासी देहात कोतवाली, जिला सुलतानपुर में रहता है.
यूपी एसटीएफ के एसएसपी विशाल विक्रम (UP STF SSP Vishal Vikram) के मुताबिक, मिलिट्री इंटीलेंस से उन्हें सूचना मिली थी कि अंकित मिश्रा नामक का युवक सेना में भर्ती करवाने का दावा करता है. यह खुद को सेना में कैप्टन बताता है. एसटीएफ ने मुखबिर की सूचना पर राजधानी के पीजीआई अस्पताल के पास से आरोपी को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया. उन्होंने बताया कि गिरफ्तारी के समय आरोपी कैप्टन की वर्दी में ही था. आरोपी मिलिट्री दफ्तरों के आसपास ही शिकार को तलाशने के लिए भटकता रहता था, वहां भी वो वर्दी में ही घूमता था.
एसएसपी एसटीएफ के मुताबिक, आरोपी के पास से सेना-पुलिस की वर्दी, जाल में फंसे युवकों के प्रमाण-पत्र, एआरओ अमेठी के नाम की मुहर, दो फर्जी नियुक्ति प्रमाण-पत्रों की छाया प्रतियां बरामद हुई हैं. इसके अलावा आरोपी के कब्जे से सेना में नायक पद के दो फर्जी नियुक्ति पत्र बिना भरे हुए जब्त किए हैं. एसटीएफ ने आरोपी के पास से एक स्विफ्ट डिजायर कार, कई बैंक की चैकबुक, पासबुक, मोबाइल फोन, आधार और पैनकार्ड व नगदी जब्त की है.
विशाल विक्रम ने बताया कि आरोपी अंकित मिश्रा ने पूछताछ के दौरान बताया कि वह आर्मी रिक्रूटमेंट आफिसों के बाहर वर्दी पहनकर घूमता है और नौकरी के लिए परेशान बेरोजगार नवयुवकों को भारतीय सेना में विभिन्न पदों पर नौकरी दिलाने के नाम पर उनसे मोटी रकम लेकर ठगी का कार्य करता है. यह ठगी का कार्य वह पिछले कई सालों से कर रहा है. उसने बलिराम निवासी संत कबीर नगर व राहुल निवासी एटा से नायक पद पर भर्ती कराने के नाम पर 5-5 लाख रुपये की मांग की थी, जिसमें से इन दोनों द्वारा पूर्व में 4 लाख 40 हजार रुपये दिए गए थे. आज इन्हें फर्जी नियुक्ति पत्र की छायाप्रति देकर शेष 6 लाख 60 हजार रुपये लेने के लिए लखनऊ बुलाया था पर ये लोग पैसों का इंतज़ाम नहीं कर पाए थे तो उसने इनको फर्जी नियुक्ति पत्र की छायाप्रति दिखाकर कहा कि जितनी जल्दी तुम लोग पैसों का इंतज़ाम कर दोगे उतनी जल्दी तुम्हारा ज्वाइनिंग लेटर डाक द्वारा घर पहुंच जाएगा.
भरोसा जीतने के लिए पहनता था वर्दी : वर्दियों के बारे में पूछने पर आरोपी ने बताया कि आर्मी के कैप्टन की वर्दी इसलिए पहनता हूं ताकि अभ्यर्थियों को मुझपर शक न हो और विश्वास में आकर मेरे द्वारा मांगे गए पैसों का भुगतान आसानी से कर दें और पुलिस उपनिरीक्षक की वर्दी टोल टैक्स से बचने व रौब जमाने के लिए पहनता हूं.
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