लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सरकार त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव मार्च महीने में कराने की तैयारी पूरी कर रही है. इसमें खास बात यह होगी कि ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य के चुनाव एक साथ होंगे. जिस प्रकार से पंचायती राज विभाग और राज्य निर्वाचन आयोग के बीच तैयारी हो रही है और सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 4 पदों के लिए एक साथ होने वाले चुनाव में एक वोटर को चार बैलट पेपर दिए जाएंगे.
एक वोटर चार बैलेट पेपर पर लगाएगा मुहर
चुनाव में मतदाताओं की सुविधा के लिए पोलिंग स्टेशन पर ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, जिला पंचायत सदस्य और क्षेत्र पंचायत सदस्य के लिए अलग-अलग बूथ बनाए जाएंगे. लेकिन प्रत्येक बूथ में वोटर को अलग-अलग पदों के हिसाब से बैलट पेपर दिए जाएंगे. यानी कि कुल मिलाकर एक वोटर को चार बैलट पेपर दिए जाएंगे.
चार चरणों में एक साथ पंचायत चुनाव कराने की तैयारी
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव चार चरणों में कराने को लेकर सरकार जल्द फैसला ले सकती है. इसके लिए बाकायदा राज्य निर्वाचन आयोग की तरफ से औपचारिक नोटिफिकेशन जारी होगा. लेकिन जिस प्रकार से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद पंचायती राज विभाग ने अपनी तैयारी की है, उसके अनुसार प्रदेश भर में 4 पदों के लिए एक साथ चार चरणों में चुनाव कराने की तैयारी कर ली गई है.
25 दिसम्बर को खत्म हो रहा है ग्राम प्रधानों का कार्यकाल
उत्तर प्रदेश में 25 दिसंबर को ग्राम प्रधानों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है. ऐसी स्थिति में सभी ग्राम पंचायतों में एडीओ पंचायत को प्रशासक नियुक्त करके आगे के कामकाज संचालित कराए जाएंगे. 25 दिसंबर को ग्राम प्रधानों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है तो 14 जनवरी को क्षेत्र पंचायत और 18 मार्च को जिला पंचायत का कार्यकाल समाप्त हो रहा है. 25 दिसंबर की आधी रात से ग्राम पंचायतों के ग्राम प्रधानों का कार्यकाल पूरी तरह से समाप्त हो जाएगा और ग्राम पंचायतें भंग कर दी जाएंगी.
नियुक्त होंगे प्रशासक
25 दिसंबर को समाप्त हो रहे ग्राम प्रधानों के कार्यकाल के बाद राज्य सरकार सभी ग्राम पंचायतों में एडीओ पंचायत को प्रशासक नियुक्त करेगी. इसके अलावा जिला पंचायत अध्यक्ष का कार्यकाल पूरा होने पर जिलाधिकारी और क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष का कार्यकाल पूरा होने पर एसडीएम को प्रशासक तैनात किया जाएगा.
कोरोना की वजह से समय से नहीं हो पाए चुनाव
कोरोनावायरस के संकट की वजह से समय से चुनाव नहीं हो पाए और अब सरकार की मंशा है कि 31 मार्च से पहले पंचायत चुनाव हर हाल में करा लिया जाए. उसी के मद्देनजर सरकार पंचायत चुनाव को लेकर पूरी तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटी हुई है.
समय बचाने के लिए एक साथ चुनाव की योजना
पिछली बार त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत सदस्य चुनाव एक साथ हुए थे, जबकि क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य चुनाव अलग से हुए थे. इस बार समय बचाने के उद्देश्य से राज्य सरकार 4 पद (ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य) के चुनाव एक साथ कराने की तैयारी कर रही है.
आरक्षण का फार्मूला जल्द होगा तय
पंचायती राज विभाग के उच्च स्तरीय सूत्रों के अनुसार चुनाव से पहले की सभी तैयारियों को युद्ध स्तर पर कराया जा रहा है. इससे हर हाल में 31 मार्च से पहले चुनाव कराए जा सकें. पंचायतों में आरक्षण का फार्मूला जल्द ही तय कर दिया जाएगा. त्रिस्तरीय पंचायतों के वार्डों का आरक्षण फरवरी के तीसरे सप्ताह तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. आरक्षण का फार्मूला क्या होगा-क्या नहीं, किस पंचायत के किस वार्ड में किस जाति या किस श्रेणी का व्यक्ति चुनाव लड़ेगा, इस पर सरकार जल्द ही आरक्षण का फार्मूला लागू कर देगी.
फरवरी के अंतिम सप्ताह में अधिसूचना जारी होने की संभावना
सूत्रों के अनुसार वार्डों के आरक्षण का फार्मूला पूरा होने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग चुनाव की अधिसूचना कभी भी जारी कर सकता है. सरकार की कोशिश है कि 31 मार्च तक चुनाव की प्रक्रिया पूरी करा ली जाए. पंचायत राज विभाग के अनुसार फरवरी के अंतिम सप्ताह में चुनाव की अधिसूचना जारी करने के हिसाब से सारी तैयारियां हो रही हैं.