लखनऊ: प्रदेश में सरकार का दावा है कि छह हजार क्रय केंद्रों पर किसानों से गेहूं की खरीद की जा रही है, लेकिन सूबे की राजधानी लखनऊ के सरोजनीनगर क्रय केंद्र पर अभी तक एक भी क्विंटल गेहूं की खरीद नहीं की गई है. खरीद नहीं होने का कारण पूछा गया तो केंद्र के व्यवस्थापक ने बताया कि अभी तक ई-पॉप मशीन उपलब्ध नहीं कराई गई है. मुख्यमंत्री का निर्देश है कि ई-पॉप मशीन के माध्यम से गेहूं खरीद की जाए. इससे किसानों का सही से वेरिफिकेशन हो और उपज का मूल्य योग्य किसान के खाते में भेजा जा सके.
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एक अप्रैल से 15 जून तक होगी खरीद
मुख्यमंत्री की सख्त हिदायत है कि किसानों को किसी भी प्रकार से कोई समस्या नहीं होनी चाहिए. क्रय केंद्रों पर सारी व्यवस्था होनी चाहिए. कोरोना प्रोटोकॉल का भी पालन इन केंद्रों पर करने को कहा गया है. एक मार्च से किसानों का पंजीकरण शुरू हुआ था. एक अप्रैल से 15 जून तक गेहूं खरीद की जानी है.
1100 केंद्रों पर नहीं शुरू हुई गेहूं खरीद
प्रदेश में अलग-अलग एजेंसियों के छह हजार केंद्र स्थापित किये गए हैं. सरोजनीनगर खाद्य रसद विभाग का केंद्र बनाया गया है. प्रदेश भर में खाद्य विभाग के विपणन शाखा के 1100 क्रय केंद्र स्थापित किये गए हैं. इनमें से किसी भी केंद्र पर ई-पॉप मशीन नहीं पहुंची है. मशीन आने के बाद इसके लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा. मतलब साफ है कि छह हजार में से 1100 केंद्रों पर एक दाना भी गेहूं की खरीद नहीं हुई है.
केंद्र से लौट रहे गेहूं किसान
खरीद केंद्र पर किसान गेहूं लेकर आ रहे हैं. वह अपना पंजीकरण करा रहे हैं. मंगलवार को भी सरोजनीनगर केंद्र पर हरिनाम सिंह और करतार सिंह जैसे किसान पहुंचे. किसानों की मांग है कि केंद्र पर गेहूं की खरीद जल्द से जल्द शुरू हो, जिससे वह अपनी उपज बेच सकें. उसका मूल्य प्राप्त कर सकें. शासन की शिथिलता के चलते किसान अभी गेहूं नहीं बेच पा रहे हैं. यह तब है, जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हर दिन गेहूं खरीद को लेकर बैठक कर रहे हैं. उसकी समीक्षा करते हैं. अधिकारियों को दिशा निर्देश दे रहे हैं.
केंद्र पर समुचित प्रबंध नहीं
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का स्पष्ट निर्देश है कि सभी गेहूं क्रय केंद्रों पर किसानों के बैठने की व्यवस्था की जाए. उनके लिए पानी का प्रबंध हो. कोरोना प्रोटोकॉल के तहत सारी व्यवस्था की जाए. सभी केंद्रों पर पल्स ऑक्सीमीटर, सैनिटाइजर समेत अन्य व्यवस्थाएं करने के भी निर्देश दिए गए हैं. बावजूद इसके सरोजनीनगर क्रय केंद्र पर अभी तक सुविधाओं का अभाव है.
केंद्रों पर बढ़ेगी आवक
खाद्य विभाग के विपणन शाखा के 1100, उत्तर प्रदेश के राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद के 300, उत्तर प्रदेश राज्य खाद्य आवश्यक वस्तु निगम (एसएफसी) के 200, उत्तर प्रदेश सहकारी संघ (पीसीएफ) के 3500, उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव यूनियन (यूपीपीसीयू) के 500 और उत्तर प्रदेश उपभोक्ता सहकारी संघ यूपीएसएस के 250 एवं भारतीय खाद्य निगम के 150 क्रय केंद्र स्थापित किये जाने हैं. इन केंद्रों पर खरीद शुरू कर दी गयी है. जैसे-जैसे फसल का कटान तेज होगा, केंद्रों पर आवक भी बढ़ेगी.
100 क्विंटल से ज्यादा होने पर होगा सत्यापन
क्रय केंद्रों की रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेंटर के माध्यम से जियो टैगिंग की जा रही है. इसके माध्यम से किसानों को क्रय केंद्रों की लोकेशन और पते की जानकारी प्राप्त करने की सुविधा दी गई है. 100 क्विंटल से अधिक गेहूं होने पर उपजिलाधिकारी द्वारा सत्यापन होना है. ऐसे किसानों का सत्यापन के बाद ही गेहूं खरीदा जाएगा.