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घोसी उपचुनाव में जीत से मिले बड़े संदेश, जातीय समीकरण दुरुस्त करने पर होगी 'इंडिया' गठबंधन की रणनीति

लोकसभा चुनाव 2024 से पहले मऊ जिले की घोसी सीट पर हुए उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी की करारी हार हुई है. समाजवादी पार्टी से भाजपा में आने वाले दारा सिंह चौहान को हार का सामना करना पड़ा है. वहीं लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर 'इंडिया' गठबंधन की क्या रणनीति होगी, पढ़ें पूरी खबर.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 9, 2023, 8:43 PM IST

वरिष्ठ संवाददाता धीरज त्रिपाठी की खास रिपोर्ट

लखनऊ : घोसी उपचुनाव में समाजवादी पार्टी ने जीत दर्ज करके बड़ा सियासी संदेश देने का काम किया है. सामान्य तौर पर यह कहा जाता है कि उपचुनाव सत्ताधारी पार्टी का होता है, लेकिन लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मऊ जिले की घोसी विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में जीत ने समाजवादियों के साथ ही विपक्षी गठबंधन वाले दलों के नेताओं को उत्साहित करने का काम किया है. समाजवादी पार्टी और 'इंडिया' गठबंधन 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर अब अपनी चुनावी रणनीति जाति समीकरण को दुरुस्त करने पर केंद्रित करते हुए आगे बढ़ेगी. दरअसल, इस उपचुनाव में जाति समीकरण समाजवादी पार्टी के पक्ष में थे. इसी आधार पर जीत दर्ज करने में सफलता मिली है. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पिछड़े दलित अल्पसंख्यक यानी पीडीए का नारा भी दिया था और इसी के सहारे अपने जाति समीकरण को दुरुस्त करते हुए घोसी विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में चुनावी रणनीति को आगे बढ़ने का काम किया.

लोकसभा चुनाव की तैयारी
लोकसभा चुनाव की तैयारी


समाजवादी पार्टी के तमाम बड़े नेताओं ने घोसी में कैंप किया और पिछड़े दलित अल्पसंख्यक समाज के लोगों को पार्टी के पक्ष में लामबंद करने में सफल हुए. 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी अब पिछले दलित अल्पसंख्यक समाज को साथ लेकर आगे बढ़ाने की रणनीति पर पूरी तरह से काम करेगी. पिछले दलित अल्पसंख्यक समाज से जुड़े लोगों को पार्टी के पक्ष में जोड़ने को लेकर सामाजिक सम्मेलन करते हुए सपा की नीतियों के बारे में भी उन्हें बताया जाएगा. घोसी विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में समाजवादी पार्टी की जीत ने कई बड़े सियासी संदेश देने का काम किया है. समाजवादी पार्टी के साथ ही 'इंडिया' गठबंधन भी जीत से उत्साहित नजर आया है. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस जीत को 'इंडिया' गठबंधन और पिछड़े दलित अल्पसंख्यक के फार्मूले की जीत बताया है.

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव व वरिष्ठ नेता शिवपाल यादव (फाइल फोटो)
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव व वरिष्ठ नेता शिवपाल यादव (फाइल फोटो)


समाजवादी पार्टी के साथ ही 'इंडिया' गठबंधन के उत्तर प्रदेश में शामिल दल जिनमें मुख्य रूप से कांग्रेस पार्टी, राष्ट्रीय लोक दल, अपना दल कमेरा वादी, आजाद समाज पार्टी के स्तर पर 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी को आगे बढ़ने का काम तेज किया जाएगा. जातीय समीकरण को 'इंडिया' गठबंधन के पक्ष में लाने को लेकर तमाम तरह के प्रयोग किए जाएंगे. लोकसभा क्षेत्र के आधार पर प्रभारी की तैनाती समाजवादी पार्टी पहले कर चुकी है. सीटों के बंटवारे और लोकसभा प्रत्याशियों के चयन का काम भी समाजवादी पार्टी पिछले दलित अल्पसंख्यक फार्मूले को ही आधार बनाकर करने का काम करेगी. इस प्रकार के संदेश समाजवादी पार्टी के नेताओं की तरफ से दिए जा रहे हैं. समाजवादी पार्टी की कोशिश है कि वह करीब 40 से 50 सीटों पर चुनाव लड़े. इसके अलावा कांग्रेस पार्टी, राष्ट्रीय लोक दल व अन्य दल साथ मिलकर मजबूती से चुनाव मैदान में उतरे.

जातीय समीकरण दुरुस्त करने पर होगी 'इंडिया' गठबंधन की रणनीति (फाइल फोटो)
जातीय समीकरण दुरुस्त करने पर होगी 'इंडिया' गठबंधन की रणनीति (फाइल फोटो)


इसके अलावा घोसी सीट पर हुए उपचुनाव में शिवपाल सिंह यादव का चुनावी मैनेजमेंट पूरी तरह से हिट रहा अखिलेश यादव ने उन्हें घोसी उपचुनाव में फ्री हैंड करके वहां कैंप करने के लिए भेजा था. पार्टी के प्रमुख राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव भी करीब तीन दिन घोसी में रहकर शिवपाल सिंह यादव के साथ चुनावी बिसात बिछाने का काम किया. शिवपाल सिंह यादव के बारे में नेताओं का कहना है कि वह प्रत्येक मंडल इकाई तक पहुंचे और सपा कार्यकर्ताओं में जोश भरने का काम किया. उन्होंने कहा है कि 2024 से पहले यह उपचुनाव समाजवादी पार्टी की जीत के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला है.

फाइल फोटो
फाइल फोटो


समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता फखरुल हसन चंद कहते हैं कि 'उपचुनाव में समाजवादी पार्टी के गठबंधन 'इंडिया' की जीत हुई है. यह 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए बड़ा संदेश देने वाला साबित होगा. पिछले दलित अल्पसंख्यक समाज के लोगों ने समाजवादी पार्टी प्रत्याशी को जीतने का काम किया है. भारतीय जनता पार्टी के अहंकार की वजह से जनता परेशान हो चुकी है. भारतीय जनता पार्टी ने अपने जातीय समीकरण को फिट करने के लिए तमाम प्रयास किये. सरकार के कई मंत्रियों को संगठन के स्तर पर भी चुनाव जीतने के तमाम प्रयास किए गए, लेकिन जनता ने 'इंडिया' गठबंधन को चुनाव जिताने का काम किया. यह चुनाव परिणाम 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए बड़ा संदेश देने वाले साबित होंगे.'

यह भी पढ़ें : भाजपा राज में लखनऊ सहित पूरा प्रदेश तबाह और बर्बाद हुआ : अखिलेश यादव

यह भी पढ़ें : घोसी उपचुनाव में सपा प्रत्याशी सुधाकर सिंह ने भाजपा के दारा सिंह को भारी मतों के अंतर से हराया

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वरिष्ठ संवाददाता धीरज त्रिपाठी की खास रिपोर्ट

लखनऊ : घोसी उपचुनाव में समाजवादी पार्टी ने जीत दर्ज करके बड़ा सियासी संदेश देने का काम किया है. सामान्य तौर पर यह कहा जाता है कि उपचुनाव सत्ताधारी पार्टी का होता है, लेकिन लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मऊ जिले की घोसी विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में जीत ने समाजवादियों के साथ ही विपक्षी गठबंधन वाले दलों के नेताओं को उत्साहित करने का काम किया है. समाजवादी पार्टी और 'इंडिया' गठबंधन 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर अब अपनी चुनावी रणनीति जाति समीकरण को दुरुस्त करने पर केंद्रित करते हुए आगे बढ़ेगी. दरअसल, इस उपचुनाव में जाति समीकरण समाजवादी पार्टी के पक्ष में थे. इसी आधार पर जीत दर्ज करने में सफलता मिली है. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पिछड़े दलित अल्पसंख्यक यानी पीडीए का नारा भी दिया था और इसी के सहारे अपने जाति समीकरण को दुरुस्त करते हुए घोसी विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में चुनावी रणनीति को आगे बढ़ने का काम किया.

लोकसभा चुनाव की तैयारी
लोकसभा चुनाव की तैयारी


समाजवादी पार्टी के तमाम बड़े नेताओं ने घोसी में कैंप किया और पिछड़े दलित अल्पसंख्यक समाज के लोगों को पार्टी के पक्ष में लामबंद करने में सफल हुए. 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी अब पिछले दलित अल्पसंख्यक समाज को साथ लेकर आगे बढ़ाने की रणनीति पर पूरी तरह से काम करेगी. पिछले दलित अल्पसंख्यक समाज से जुड़े लोगों को पार्टी के पक्ष में जोड़ने को लेकर सामाजिक सम्मेलन करते हुए सपा की नीतियों के बारे में भी उन्हें बताया जाएगा. घोसी विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में समाजवादी पार्टी की जीत ने कई बड़े सियासी संदेश देने का काम किया है. समाजवादी पार्टी के साथ ही 'इंडिया' गठबंधन भी जीत से उत्साहित नजर आया है. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस जीत को 'इंडिया' गठबंधन और पिछड़े दलित अल्पसंख्यक के फार्मूले की जीत बताया है.

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव व वरिष्ठ नेता शिवपाल यादव (फाइल फोटो)
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव व वरिष्ठ नेता शिवपाल यादव (फाइल फोटो)


समाजवादी पार्टी के साथ ही 'इंडिया' गठबंधन के उत्तर प्रदेश में शामिल दल जिनमें मुख्य रूप से कांग्रेस पार्टी, राष्ट्रीय लोक दल, अपना दल कमेरा वादी, आजाद समाज पार्टी के स्तर पर 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी को आगे बढ़ने का काम तेज किया जाएगा. जातीय समीकरण को 'इंडिया' गठबंधन के पक्ष में लाने को लेकर तमाम तरह के प्रयोग किए जाएंगे. लोकसभा क्षेत्र के आधार पर प्रभारी की तैनाती समाजवादी पार्टी पहले कर चुकी है. सीटों के बंटवारे और लोकसभा प्रत्याशियों के चयन का काम भी समाजवादी पार्टी पिछले दलित अल्पसंख्यक फार्मूले को ही आधार बनाकर करने का काम करेगी. इस प्रकार के संदेश समाजवादी पार्टी के नेताओं की तरफ से दिए जा रहे हैं. समाजवादी पार्टी की कोशिश है कि वह करीब 40 से 50 सीटों पर चुनाव लड़े. इसके अलावा कांग्रेस पार्टी, राष्ट्रीय लोक दल व अन्य दल साथ मिलकर मजबूती से चुनाव मैदान में उतरे.

जातीय समीकरण दुरुस्त करने पर होगी 'इंडिया' गठबंधन की रणनीति (फाइल फोटो)
जातीय समीकरण दुरुस्त करने पर होगी 'इंडिया' गठबंधन की रणनीति (फाइल फोटो)


इसके अलावा घोसी सीट पर हुए उपचुनाव में शिवपाल सिंह यादव का चुनावी मैनेजमेंट पूरी तरह से हिट रहा अखिलेश यादव ने उन्हें घोसी उपचुनाव में फ्री हैंड करके वहां कैंप करने के लिए भेजा था. पार्टी के प्रमुख राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव भी करीब तीन दिन घोसी में रहकर शिवपाल सिंह यादव के साथ चुनावी बिसात बिछाने का काम किया. शिवपाल सिंह यादव के बारे में नेताओं का कहना है कि वह प्रत्येक मंडल इकाई तक पहुंचे और सपा कार्यकर्ताओं में जोश भरने का काम किया. उन्होंने कहा है कि 2024 से पहले यह उपचुनाव समाजवादी पार्टी की जीत के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला है.

फाइल फोटो
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समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता फखरुल हसन चंद कहते हैं कि 'उपचुनाव में समाजवादी पार्टी के गठबंधन 'इंडिया' की जीत हुई है. यह 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए बड़ा संदेश देने वाला साबित होगा. पिछले दलित अल्पसंख्यक समाज के लोगों ने समाजवादी पार्टी प्रत्याशी को जीतने का काम किया है. भारतीय जनता पार्टी के अहंकार की वजह से जनता परेशान हो चुकी है. भारतीय जनता पार्टी ने अपने जातीय समीकरण को फिट करने के लिए तमाम प्रयास किये. सरकार के कई मंत्रियों को संगठन के स्तर पर भी चुनाव जीतने के तमाम प्रयास किए गए, लेकिन जनता ने 'इंडिया' गठबंधन को चुनाव जिताने का काम किया. यह चुनाव परिणाम 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए बड़ा संदेश देने वाले साबित होंगे.'

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