लखनऊ: कोरोना की वैक्सीन को लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के दिए बयान के बाद देश में नई बहस छिड़ गई है. उनके इस बयान ने कोरोना की वैक्सीन को सियासी रंग में रंग डाला है. अखिलेश की माने तो जिस वैक्सीन का इंतजार देश बीते कई महीनों से कर रहा था, वो वैक्सीन बीजेपी के कार्यालय में बनी है. उन्होंने राजधानी लखनऊ में एक प्रेस कांन्फ्रेंस के दौरान वैक्सीन को BJP की बता डाली. यही नहीं, उन्होंने तो इसकी विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़े करते हुए न लगाने की बात कह डाली.
वैसे तो कोरोना की वैक्सीन को बड़े-बड़े वैज्ञानिक और अनुसंधान तैयार कर रहे हैं, मगर अखिलेश को न जाने ऐसा क्यों लगता है कि वैक्सीन भारतीय जनता पार्टी ने इजाद की है. अखिलेश के इस बयान के बाद वैज्ञानिकों के माथे पर बल पड़े या न पड़े हों, लेकिन BJP के नेताओं को उनकी बातें जरूर अखर गई हैं. भाजपा के नेताओं ने ताबड़तोड़ अखिलेश के बयान पर हमला बोलना शुरू कर दिया. बीजेपी के नेताओं के हुए ताबड़तोड़ जवाबी हमलों के बाद आखिरकार अखिलेश को दोबारा जवाब देना पड़ा. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा. वैज्ञानिकों पर है भरोसा, मगर BJP की चिकित्सा व्यवस्था पर नहीं.
भले अखिलेश ने ट्वीट के जरिए जवाब दे दिया हो, मगर उनकी पार्टी के नेता और मिर्जापुर जिले से स्नातक एमएलसी आशुतोष सिन्हा तो उनसे भी तेज निकले. इन्होंने जो कहा, उसको सुन कर आप भले न चौंके, लेकिन वैक्सीन बनाने वाले वैज्ञानिक एक बार जरूर सोच में पड़ गए होंगे. उन्होंने कहा कि अगर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि वे वैक्सीन नहीं लगवाएंगे, तो प्रदेश भर में किसी को भी वैक्सीन नहीं लगवानी चाहिए. अखिलेश यादव ने किसी तथ्य के आधार पर ही कहा होगा. उन्होंने कहा कि सपा इस सरकारी तंत्र पर भरोसा नहीं करती है. क्या पता वे बाद में कह दें जनसंख्या कम करने के लिए वैक्सीन दे रहे थे.
फिलहाल वैक्सीन को लेकर राजधानी लखनऊ के अलग-अलग अस्पतालों में ड्राई रन चल रहा है. मगर अखिलेश यादव और उनके नेताओं के बयान के बाद वैक्सीन को लेकर अब एक नई बहस छिड़ती दिख रही है.