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उत्तरकाशी के शनिधाम मंदिर की महिमा है निराली, दर्शन से साढ़े साती होती है दूर

अपने मंदिरों, पवित्र नदियों, पर्वतों और मठों के कारण उत्तराखंड को देवभूमि कहा जाता है. यहां इतने मंदिर हैं कि जिनकी गिनती करना भी आसान नहीं है. इन्हीं में से एक है शनि देव का मंदिर. हिंदू धर्म में शनि देव को न्याय का देवता माना जाता है. आज हम आपको बताएंगे उत्तराखंड में 7 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित शनिधाम के बारे में.

उत्तरकाशी के शनिधाम
उत्तरकाशी के शनिधाम
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Published : Jan 29, 2022, 7:46 AM IST

उत्तरकाशी: हिमालय पर 7000 फीट की ऊंचाई पर स्थित शनिधान की महिमा निराली है. उत्तरकाशी जिले के खरसाली गांव में बने शनिदेव के इस मंदिर की मान्यता अपार है. कहा जाता है कि शनिधाम के इस मंदिर का निर्माण पांडवों ने करवाया था. इस मंदिर में पूजा करने से शनि की साढ़े साती दूर होती है ऐसी मान्यता है.

हिंदू धर्म में शनिदेव को न्याय का देवता कहते हैं तो वहीं शनिदेव द्वारा दिए गए दंड से सभी लोग डरते भी हैं. खरसाली में स्थित शनि देवता का ये मंदिर करीब 7000 फुट की ऊंचाई पर बना है. इस मंदिर में सैकड़ों सालों से एक अखंड ज्योति आज भी जल रही है. स्थानीय लोगों में ऐसी भी मान्यता है कि इस मंदिर में हर साल कोई न कोई चमत्कार अवश्य होता है.

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कहां स्थित है शनिधाम मंदिर: देवभूमि उत्तराखंड में 7000 फीट की ऊंचाई पर बना शनि देवता का ये मंदिर खरसाली में स्थित है. इस मंदिर को शनिदेव धाम कहा जाता है. ऐसा भी कहा जाता है कि भगवान शनि यहां पर पूरे साल विराजमान रहते हैं. ऐसी मान्यता है कि पांडवों ने इस मंदिर का निर्माण करवाया था.

अद्भुत है मंदिर की कारीगरी: इस मंदिर को जब आप बाहर से देखेंगे तो ये एक पारंपरिक मंदिर जैसा दिखेगा. जब आप पास में जाएंगे तो इसे देखकर चौंक जाएंगे. चौंक इसलिए जाएंगे क्योंकि शनिधाम का ये मंदिर पांच मंजिला है. इस मंदिर का निर्माण पत्थर और लकड़ी से किया गया है.

शनिधाम में प्रज्ज्वलित होती है अखंड ज्योति: खरसाली के शनिधाम मंदिर में अखंड ज्योति प्रज्ज्वलित है. ऐसी मान्यता है कि इस अखंड ज्योति के दर्शन मात्र से ही जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं. शनिधाम मंदिर में शनिदेव की कांसे की मूर्ति है.

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मंदिर में शनि दोष से मिलता है छुटकारा: इस मंदिर में शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा की जाती है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन यहां पूजा करने से व्यक्ति को कुंडली के शनि दोष से भी छुटकारा मिल जाता है. स्थानीय लोग बताते हैं कि यहां हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन मंदिर के ऊपर रखे घड़े खुद ही बदल जाते हैं. कार्तिक पूर्णिमा के दिन जो भी शनिधाम मंदिर में दर्शन करने आता है ऐसी मान्यता है कि उसके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं.

उत्तरकाशी: हिमालय पर 7000 फीट की ऊंचाई पर स्थित शनिधान की महिमा निराली है. उत्तरकाशी जिले के खरसाली गांव में बने शनिदेव के इस मंदिर की मान्यता अपार है. कहा जाता है कि शनिधाम के इस मंदिर का निर्माण पांडवों ने करवाया था. इस मंदिर में पूजा करने से शनि की साढ़े साती दूर होती है ऐसी मान्यता है.

हिंदू धर्म में शनिदेव को न्याय का देवता कहते हैं तो वहीं शनिदेव द्वारा दिए गए दंड से सभी लोग डरते भी हैं. खरसाली में स्थित शनि देवता का ये मंदिर करीब 7000 फुट की ऊंचाई पर बना है. इस मंदिर में सैकड़ों सालों से एक अखंड ज्योति आज भी जल रही है. स्थानीय लोगों में ऐसी भी मान्यता है कि इस मंदिर में हर साल कोई न कोई चमत्कार अवश्य होता है.

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कहां स्थित है शनिधाम मंदिर: देवभूमि उत्तराखंड में 7000 फीट की ऊंचाई पर बना शनि देवता का ये मंदिर खरसाली में स्थित है. इस मंदिर को शनिदेव धाम कहा जाता है. ऐसा भी कहा जाता है कि भगवान शनि यहां पर पूरे साल विराजमान रहते हैं. ऐसी मान्यता है कि पांडवों ने इस मंदिर का निर्माण करवाया था.

अद्भुत है मंदिर की कारीगरी: इस मंदिर को जब आप बाहर से देखेंगे तो ये एक पारंपरिक मंदिर जैसा दिखेगा. जब आप पास में जाएंगे तो इसे देखकर चौंक जाएंगे. चौंक इसलिए जाएंगे क्योंकि शनिधाम का ये मंदिर पांच मंजिला है. इस मंदिर का निर्माण पत्थर और लकड़ी से किया गया है.

शनिधाम में प्रज्ज्वलित होती है अखंड ज्योति: खरसाली के शनिधाम मंदिर में अखंड ज्योति प्रज्ज्वलित है. ऐसी मान्यता है कि इस अखंड ज्योति के दर्शन मात्र से ही जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं. शनिधाम मंदिर में शनिदेव की कांसे की मूर्ति है.

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मंदिर में शनि दोष से मिलता है छुटकारा: इस मंदिर में शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा की जाती है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन यहां पूजा करने से व्यक्ति को कुंडली के शनि दोष से भी छुटकारा मिल जाता है. स्थानीय लोग बताते हैं कि यहां हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन मंदिर के ऊपर रखे घड़े खुद ही बदल जाते हैं. कार्तिक पूर्णिमा के दिन जो भी शनिधाम मंदिर में दर्शन करने आता है ऐसी मान्यता है कि उसके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं.

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