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समाजवादी पार्टी को संजीवनी दे गया पंचायत चुनाव, अयोध्या से काशी तक बजा डंका

उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनाव परिणाम के बाद समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता उत्साह में हैं. अनेक स्थानों पर सपा के प्रत्याशी, विपक्षियों से आगे रहे.

पंचायत चुनाव परिणाम
पंचायत चुनाव परिणाम
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Published : May 4, 2021, 6:49 PM IST

लखनऊः पंचायत चुनाव के नतीजे जैसे-जैसे सामने आ रहे हैं, वैसे-वैसे नेताओं की जमीनी पकड़ और हकीकत भी सामने आ रही है. समाजवादी पार्टी के लिए पंचायत चुनाव संजीवनी साबित हो रहा है. राजधानी लखनऊ से लेकर अयोध्या, काशी, मथुरा,आजमगढ़, संत कबीर नगर, श्रावस्ती, बिजनौर के साथ-साथ इटावा, मैनपुरी और कन्नौज में समाजवादी पार्टी का पंचायत चुनाव में जलवा कायम रहा.

विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल
विधानसभा चुनाव से पहले पूरे प्रदेश में हुए पंचायत चुनाव को विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जाता है. ऐसे में जिस तरह से समाजवादी पार्टी ने पंचायत चुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन किया, उससे निश्चित रूप से भारतीय जनता पार्टी के माथे पर चिंता की लकीरें बढ़ी होंगी. भाजपा के कई बड़े-बड़े नेताओं के परिजन और उनके करीबी चुनाव हार गए हैं.

ये है सीटों की स्थिति
25 जिला पंचायत सदस्यों वाले लखनऊ में समाजवादी पार्टी ने 10 सीटों पर कब्जा किया, जबकि सत्तारूढ़ भाजपा को मात्र 3 सीटें मिलीं. बसपा 5 सीटों पर और 7 सीटों पर निर्दलीय विजयी हुए. वहीं, अयोध्या में जिला पंचायत के चुनाव में 24 सीटों पर समाजवादी पार्टी को जीत मिली, जबकि 6 सीटों पर भाजपा को विजय मिली. बहुजन समाज पार्टी के खाते में 5 ही सीट आईं. अयोध्या में जिला पंचायत की 40 सीटें हैं. इसी प्रकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र काशी में 40 सीटों के लिए हुए चुनाव में 15 सीटों र समाजवादी पार्टी चुनाव जीती, जबकि भाजपा को 8 सीटें मिलीं. अखिलेश यादव के संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ में 84 सीटों के लिए हुए चुनाव में 45 सीटों पर समाजवादी पार्टी चुनाव जीती, जबकि 15 सीटों पर भाजपा की जीत हुई. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि समाजवादी पार्टी ने किस तरह से पंचायत चुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन किया.

उन्नाव में 27 जिला पंचायत की सीटों पर 10 सीटों पर समाजवादी पार्टी का कब्जा रहा. कानपुर की 32 सीटों में से 15 सीटों पर सपा काबिज हुई. इटावा की 24 सीटों में से 13 पर समाजवादी पार्टी काबिज हुई, जबकि कानपुर देहात की 32 सीटों में से 15 पर समाजवादी पार्टी ने जीत दर्ज की. इसी तरह से कन्नौज की 24 सीटों पर 14 सीटों पर सपा विजयी हुई, जबकि मैनपुरी की 28 सीटों पर 15 सीटों पर समाजवादी पार्टी आगे चल रही है. बिजनौर जनपद में 56 सीटों में से 26 सीटों पर सपा विजयी हुई. इसी तरह मुरादाबाद की 39 सीटों में से 20 सीटों पर समाजवादी पार्टी आगे है. अयोध्या की 40 सीटों पर 24 सीटों पर सपा जबकि वाराणसी की 40 सीटों में से 15 पर समाजवादी पार्टी विजय हुई.

इसे भी पढ़ेंः मैनपुरी : हारा हुआ चुनाव रातों-रात जीत गईं सपा विधायक की पत्नी!

क्या कहते हैं समाजवादी पार्टी के पदाधिकारी
पंचायत चुनाव में समाजवादी पार्टी के बेहतर प्रदर्शन को लेकर अयोध्या के जिला अध्यक्ष गंगा सिंह यादव ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि पूरे प्रदेश की जनता परेशान है. किसान लगातार आंदोलन कर रहे हैं. समाजवादी पार्टी किसानों के साथ है. कोरोना के संकट के समय सरकार ने ना तो मरीजों को बेड की व्यवस्था कराई, ना आक्सीजन की, न वेंटिलेटर की. यही कारण है कि बड़ी संख्या में लोगों की मौत भी हुई. यह आक्रोश भाजपा पर भारी पड़ रहा है. वह इस बारे में अयोध्या के पूर्व विधायक और प्रदेश सरकार में मंत्री रहे तेज नारायण पांडे पवन पांडे ने कहा कि वर्तमान में जो हालात हैं, उसमें सरकार की जिम्मेदारी बढ़ जाती है. सरकार ने 4 वर्षों में हजारों करोड़ रुपए खर्च करने की बात कही पर कुछ नहीं हुआ. जनता त्राहिमाम कर रही है. ऑक्सीजन, इंजेक्शन, एंबुलेंस और श्मशान घाट पर भी दलाली चल रही है. यही कारण है कि सरकार को जनता नकार रही है. वहीं, काशी के समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष सुजीत यादव ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जनता उब चुकी है.

लखनऊः पंचायत चुनाव के नतीजे जैसे-जैसे सामने आ रहे हैं, वैसे-वैसे नेताओं की जमीनी पकड़ और हकीकत भी सामने आ रही है. समाजवादी पार्टी के लिए पंचायत चुनाव संजीवनी साबित हो रहा है. राजधानी लखनऊ से लेकर अयोध्या, काशी, मथुरा,आजमगढ़, संत कबीर नगर, श्रावस्ती, बिजनौर के साथ-साथ इटावा, मैनपुरी और कन्नौज में समाजवादी पार्टी का पंचायत चुनाव में जलवा कायम रहा.

विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल
विधानसभा चुनाव से पहले पूरे प्रदेश में हुए पंचायत चुनाव को विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जाता है. ऐसे में जिस तरह से समाजवादी पार्टी ने पंचायत चुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन किया, उससे निश्चित रूप से भारतीय जनता पार्टी के माथे पर चिंता की लकीरें बढ़ी होंगी. भाजपा के कई बड़े-बड़े नेताओं के परिजन और उनके करीबी चुनाव हार गए हैं.

ये है सीटों की स्थिति
25 जिला पंचायत सदस्यों वाले लखनऊ में समाजवादी पार्टी ने 10 सीटों पर कब्जा किया, जबकि सत्तारूढ़ भाजपा को मात्र 3 सीटें मिलीं. बसपा 5 सीटों पर और 7 सीटों पर निर्दलीय विजयी हुए. वहीं, अयोध्या में जिला पंचायत के चुनाव में 24 सीटों पर समाजवादी पार्टी को जीत मिली, जबकि 6 सीटों पर भाजपा को विजय मिली. बहुजन समाज पार्टी के खाते में 5 ही सीट आईं. अयोध्या में जिला पंचायत की 40 सीटें हैं. इसी प्रकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र काशी में 40 सीटों के लिए हुए चुनाव में 15 सीटों र समाजवादी पार्टी चुनाव जीती, जबकि भाजपा को 8 सीटें मिलीं. अखिलेश यादव के संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ में 84 सीटों के लिए हुए चुनाव में 45 सीटों पर समाजवादी पार्टी चुनाव जीती, जबकि 15 सीटों पर भाजपा की जीत हुई. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि समाजवादी पार्टी ने किस तरह से पंचायत चुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन किया.

उन्नाव में 27 जिला पंचायत की सीटों पर 10 सीटों पर समाजवादी पार्टी का कब्जा रहा. कानपुर की 32 सीटों में से 15 सीटों पर सपा काबिज हुई. इटावा की 24 सीटों में से 13 पर समाजवादी पार्टी काबिज हुई, जबकि कानपुर देहात की 32 सीटों में से 15 पर समाजवादी पार्टी ने जीत दर्ज की. इसी तरह से कन्नौज की 24 सीटों पर 14 सीटों पर सपा विजयी हुई, जबकि मैनपुरी की 28 सीटों पर 15 सीटों पर समाजवादी पार्टी आगे चल रही है. बिजनौर जनपद में 56 सीटों में से 26 सीटों पर सपा विजयी हुई. इसी तरह मुरादाबाद की 39 सीटों में से 20 सीटों पर समाजवादी पार्टी आगे है. अयोध्या की 40 सीटों पर 24 सीटों पर सपा जबकि वाराणसी की 40 सीटों में से 15 पर समाजवादी पार्टी विजय हुई.

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क्या कहते हैं समाजवादी पार्टी के पदाधिकारी
पंचायत चुनाव में समाजवादी पार्टी के बेहतर प्रदर्शन को लेकर अयोध्या के जिला अध्यक्ष गंगा सिंह यादव ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि पूरे प्रदेश की जनता परेशान है. किसान लगातार आंदोलन कर रहे हैं. समाजवादी पार्टी किसानों के साथ है. कोरोना के संकट के समय सरकार ने ना तो मरीजों को बेड की व्यवस्था कराई, ना आक्सीजन की, न वेंटिलेटर की. यही कारण है कि बड़ी संख्या में लोगों की मौत भी हुई. यह आक्रोश भाजपा पर भारी पड़ रहा है. वह इस बारे में अयोध्या के पूर्व विधायक और प्रदेश सरकार में मंत्री रहे तेज नारायण पांडे पवन पांडे ने कहा कि वर्तमान में जो हालात हैं, उसमें सरकार की जिम्मेदारी बढ़ जाती है. सरकार ने 4 वर्षों में हजारों करोड़ रुपए खर्च करने की बात कही पर कुछ नहीं हुआ. जनता त्राहिमाम कर रही है. ऑक्सीजन, इंजेक्शन, एंबुलेंस और श्मशान घाट पर भी दलाली चल रही है. यही कारण है कि सरकार को जनता नकार रही है. वहीं, काशी के समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष सुजीत यादव ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जनता उब चुकी है.

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