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जीरो मशीन से कटे बालों मे नजर आए MBBS छात्र, लोहिया संस्थान में रैगिंग की आशंका

राजधानी लखनऊ के लोहिया संस्थान में एमबीबीएस फर्स्ट इयर के छात्रों को जीरो मशीन से बाल कटवाने और तीसरे बटन को देखकर चलने का फरमान सीनियर छात्रों द्वारा सुनाया गया है. इसके बाद एमबीबीएस फर्स्ट इयर के सभी छात्र इसी शैली में पढ़ाई के दौरान परिसर में आते दिख रहे हैं.

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लोहिया संस्थान
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Published : Dec 25, 2019, 5:30 PM IST

लखनऊ: राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में इन दिनों एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्र जीरो नंबर मशीन से बने बाल और शर्ट के तीसरे बटन तक झुकी नजरों के साथ कतार से चलते नजर आ रहे हैं. इससे संस्थान में रैगिंग की आशंका गहरा गई है. आरोप है कि फर्स्ट इयर के करीब 200 छात्रों को ऐसा फरमान सीनियर मेडिकोज ने जारी किया था. हालांकि संस्थान प्रशासन इस घटना को अनुशासन करार दे रहा है.

MBSS के प्रथम वर्ष में हैं करीब 200 छात्र.

दरअसल बीते दिनों रैगिंग का मामला सामने आया था, तब भी लोहिया संस्थान प्रशासन की तरफ से 4 छात्रों को निलंबित कर कड़ी कार्रवाई की बात कही गई थी.

ये भी पढ़ें: लखनऊ महोत्सव में इस बार टूरिज्म एक्सपो और सखी दिवस का होगा आयोजन

  • लोहिया संस्थान में एमबीबीएस प्रथम वर्ष में करीब 200 छात्र हैं.
  • इन सब के बाल मशीन से बने हुए हैं.
  • किसी भी छात्र के बाल बढ़े हुए नहीं थे.
  • एक छात्र से पूछने पर उसने बताया कि सीनियर छात्रों के निर्देश पर सभी छात्रों के बाल छोटे करवाए गए हैं.
  • इसके अलावा तीसरे नंबर की बटन को देखते हुए चलने का फरमान सीनियर मेडिकोज के द्वारा इन सभी छात्रों को दिया गया है.
  • हालांकि बाद में छात्र अनुशासन के तहत कराए जाने की बात भी कह रहे हैं, लेकिन इस तरह के हालातों ने लोहिया संस्थान में रैगिंग की आशंका को बढ़ा दिया है.

लोहिया संस्थान में पहले भी हो चुकी हैं रैगिंग की घटनाएं
लखनऊ के लोहिया संस्थान में पहले भी रैगिंग की तमाम घटनाएं सामने आ चुकी हैं. बीते दिनों छात्रों ने एंटी रैगिंग की केंद्रीय सेल पर मेल से शिकायत की थी. इस पर तत्कालीन निदेशक ने 4 छात्रों को निलंबित किया था. हालांकि माफी मांगने पर इन्हें बहाल कर दिया गया था. पिछले दिनों कर्मचारियों एवं छात्रों के बीच मारपीट भी हुई थी, जहां इस दौरान रैगिंग की बात भी सामने आई थी.

ये भी पढ़ें: जब प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का इस शख्स के घर आया फोन

प्रथम वर्ष के छात्रों ने आरोप लगाया था कि हॉस्टल के एकेडमिक ब्लॉक जाते वक्त कर्मचारी भी टिप्पणी करते हैं. इसके बाद भी प्रशासन की तरफ से इस पूरे मामले पर कड़ा रुख रखते हुए दोषी छात्रों को निलंबित किया गया था, लेकिन इतनी सख्ती के बावजूद भी लोहिया संस्थान में हालात जस के तस बने हुए हैं.

लखनऊ: राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में इन दिनों एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्र जीरो नंबर मशीन से बने बाल और शर्ट के तीसरे बटन तक झुकी नजरों के साथ कतार से चलते नजर आ रहे हैं. इससे संस्थान में रैगिंग की आशंका गहरा गई है. आरोप है कि फर्स्ट इयर के करीब 200 छात्रों को ऐसा फरमान सीनियर मेडिकोज ने जारी किया था. हालांकि संस्थान प्रशासन इस घटना को अनुशासन करार दे रहा है.

MBSS के प्रथम वर्ष में हैं करीब 200 छात्र.

दरअसल बीते दिनों रैगिंग का मामला सामने आया था, तब भी लोहिया संस्थान प्रशासन की तरफ से 4 छात्रों को निलंबित कर कड़ी कार्रवाई की बात कही गई थी.

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  • लोहिया संस्थान में एमबीबीएस प्रथम वर्ष में करीब 200 छात्र हैं.
  • इन सब के बाल मशीन से बने हुए हैं.
  • किसी भी छात्र के बाल बढ़े हुए नहीं थे.
  • एक छात्र से पूछने पर उसने बताया कि सीनियर छात्रों के निर्देश पर सभी छात्रों के बाल छोटे करवाए गए हैं.
  • इसके अलावा तीसरे नंबर की बटन को देखते हुए चलने का फरमान सीनियर मेडिकोज के द्वारा इन सभी छात्रों को दिया गया है.
  • हालांकि बाद में छात्र अनुशासन के तहत कराए जाने की बात भी कह रहे हैं, लेकिन इस तरह के हालातों ने लोहिया संस्थान में रैगिंग की आशंका को बढ़ा दिया है.

लोहिया संस्थान में पहले भी हो चुकी हैं रैगिंग की घटनाएं
लखनऊ के लोहिया संस्थान में पहले भी रैगिंग की तमाम घटनाएं सामने आ चुकी हैं. बीते दिनों छात्रों ने एंटी रैगिंग की केंद्रीय सेल पर मेल से शिकायत की थी. इस पर तत्कालीन निदेशक ने 4 छात्रों को निलंबित किया था. हालांकि माफी मांगने पर इन्हें बहाल कर दिया गया था. पिछले दिनों कर्मचारियों एवं छात्रों के बीच मारपीट भी हुई थी, जहां इस दौरान रैगिंग की बात भी सामने आई थी.

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प्रथम वर्ष के छात्रों ने आरोप लगाया था कि हॉस्टल के एकेडमिक ब्लॉक जाते वक्त कर्मचारी भी टिप्पणी करते हैं. इसके बाद भी प्रशासन की तरफ से इस पूरे मामले पर कड़ा रुख रखते हुए दोषी छात्रों को निलंबित किया गया था, लेकिन इतनी सख्ती के बावजूद भी लोहिया संस्थान में हालात जस के तस बने हुए हैं.

Intro:



राजधानी लखनऊ के लोहिया संस्थान में एमबीबीएस फर्स्ट ईयर के छात्रों को जीरो मशीन से बाल कटवाने और तीसरे बटन को चलने का फरमान सीनियर छात्रों के द्वारा दिया गया है। इसके बाद एमबीबीएस प्रथम वर्ष के सभी छात्र इसी शैली में परिसर में अपनी पढ़ाई के लिए आते हैं। इसे साफ हो जाता है कि लोहिया संस्थान छात्रों के लिए कितना सुरक्षित है।




Body:जीरो नंबर मशीन से बने बाल और शर्ट के तीसरे बटन तक झुके नजरों के साथ कतार से चलते छात्र से साफ दिख जाता है कि इनके चेहरे पर अपने सीनियर साथियों का खौफ है। राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में एमबीबीएस के प्रथम वर्ष के छात्र इसी तरह से नजर आते हैं। मशीन से बने हुए छात्र के बाल बढे हुए नहीं हैं, तीसरी बटन को देखते हुए छात्र पंक्ति में चल रहे थे।इससे संस्थान में रैगिंग की आशंका गहरा गई है।आरोप है कि फर्स्ट ईयर के करीब 200 छात्रों को ऐसा फरमान सीनियर मेडिकोज़ ने जारी किया था। हालांकि संस्थान प्रशासन इस घटना को अनुशासन बता रहा है।लेकिन लोहिया संस्थान में रैगिंग जैसी घटनाएं आम हो गई है। बीते दिनों भी रैगिंग का मामला सामने आया था तब भी लोहिया संस्थान प्रशासन की तरफ से 4 छात्रों को निलंबित करके कड़ी कार्रवाई की बात कही गई थी। लोहिया संस्थान में एमबीबीएस प्रथम वर्ष में करीब 200 छात्र हैं। इन सब के बाल मशीन से बने हुए हैं। किसी भी छात्र के बाल बढे हुए नहीं थे।एक छात्र से पूछने पर उसने बताया कि सीनियर छात्रों के निर्देश पर सभी छात्रों के बाल छोटे करवाए गए हैं। इसके अलावा तीसरे नंबर की बटन को देखते हुए चलने का फरमान सीनियर मेडिकोज के द्वारा इन सभी छात्रों को दिया गया है। हालांकि बाद में छात्र अनुशासन के तहत कराए जाने की बात भी कह रहे हैं। लेकिन इस तरह के हालातों ने लोहिया संस्थान में रैगिंग की आशंका को बढ़ा दिया है।

लोहिया संस्थान में पहले भी हो चुकी है रैगिंग की घटनाएं

लखनऊ के लोहिया संस्थान में बीते दिनों भी रैगिंग की तमाम घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इसके बाद हालांकि लोहिया प्रशासन की तरफ से कड़ी कार्रवाई करते हुए दोषी छात्रों को निलंबित किया गया है।दरअसल बीते दिनों को छात्रों ने एंटी रैगिंग की केंद्रीय सेल पर मेल से शिकायत की थी। इस पर तत्कालीन निदेशक ने 4 छात्रों को निलंबित किया था।हालांकि माफी मांगने पर इन्हें बहाल कर दिया गया था। पिछले दिनों कर्मचारियों एवं छात्रों के बीच मारपीट भी हुई थी। इस दौरान भी रैगिंग की बात सामने आई थी प्रथम वर्ष के छात्रों ने आरोप लगाया था कि हॉस्टल के एकेडमिक ब्लॉक जाते वक्त कर्मचारी भी टिप्पणी करते हैं । इसके बाद भी प्रशासन की तरफ से इस पूरे मामले पर कड़ा रुख रखते हुए दोषी छात्रों को निलंबित किया गया था लेकिन इतनी सख्ती के बावजूद भी हालात लोहिया संस्थान में जस के तस बने हुए हैं।

वाक थ्रू- लोहिया संस्थान से

बाइट- डॉ विक्रम सिंह, प्रवक्ता, लोहिया संस्थान




Conclusion:देखने वाली बात यह होगी इस पूरे मामले पर लोहिया संस्थान द्वारा मामले में संज्ञान लिया जाएगा या फिर हालात जस के तस बने रहेंगे

एन्ड पीटीसी
शुभम पाण्डेय
7054605976
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