लखनऊ: यूपी में उपचुनाव से पहले समाजवादी पार्टी बीजेपी की नीतियों के खिलाफ जमकर मैदान में उतर आई है. सपा मुखिया के बाद समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने भाजपा सरकार के खिलाफ जमकर हमला बोला है. नरेश उत्तम ने भाजपा सरकार को पूंजी घरानों का हितरक्षक और किसान, मज़दूर और नौजवान विरोधी बताया है.
समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने सोमवार को कहा कि भाजपा ने अपने चाल-चरित्र से यह स्पष्ट कर दिया है कि वह पूरी तरह पूंजीघरानों की हितरक्षक है. किसान मजदूर और नौजवान उसकी प्राथमिकता में नहीं आते हैं. वह किसानों को मजदूर बनाने वाले कृषि अध्यादेश के बाद अब श्रमिक विरोधी औद्योगिक सम्बंध संहिता-2020 विधेयक ले आई है. नौजवानों पर तो आए दिन उसकी लाठियां बरस ही रही हैं.
सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने अपना बयान जारी कर कहा कि भाजपा सरकार ने श्रम कानूनों में बदलाव के नाम पर केवल पूंजीपतियों की मनमानी करने की छूट दी हैं. अब तक 100 से कम कर्मचारी वाले औद्योगिक प्रतिष्ठान या संस्थान ही पूर्व सरकारी मंजूरी के बिना कर्मचारियों को रख और उन्हें हटा सकते थे. अब नई व्यवस्था में 300 से ज्यादा कर्मचारियों वाली कम्पनी सरकार से मंजूरी लिए बिना कर्मचारियों की जब चाहे छंटनी कर सकेंगे.
उन्होंने कहा कि नए प्रावधान से अब बड़े फैक्ट्री मालिकों के हाथ में छंटनी का ऐसा हथियार आ गया है, जिसका दुरुपयोग करके और दबाव डालकर एक तो कर्मचारी यूनियन ही बनने नहीं देंगे, दूसरे अपने कर्मचारियों को छंटनी का जब तब भय दिखाकर उन्हें बंधुआ मजदूर बनाकर रखने को स्वतंत्रत होंगे. भाजपा कर्मचारियों के हितों की हत्या कर मालिकों को मलाई बांटने का काम कर रही है.
नरेश उत्तम पटेल ने सोमवार को अपने बयान में कहा कि समाजवादी पार्टी श्रमिकों के हितों की सुरक्षा के लिए जोरदार आवाज उठाएगी. बेकारी सुरसा की तरह बढ़ती जा रही है. पहले ही कोरोना संकट और लाॅकडाउन से बड़ी संख्या में श्रमिकों को तमाम आर्थिक परेशानियां उठानी पड़ रही हैं. आज भी वे उससे उबर नहीं पाए हैं. अब भाजपा श्रमिक वर्ग का मनोबल तोड़ने, उन्हें असहाय बनाने की साजिश में जुट गई है.