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मुख्तार अब्बास नकवी बोले-कट, कमीशन, करप्शन और दंगों-दबंगों की सियासत योगी-मोदी युग में खत्म हुई...

रामपुर में केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री और भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि योगी और मोदी युग में यूपी में कट, कमीशन, करप्शन और दंगों-दबंगों की सियासत खत्म हो चुकी है. साथ ही उन्होंने विपक्षी दलों और पाकिस्तान पर भी निशाना साधा.

रामपुर में केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री और भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने विपक्षियों पर साधा निशाना.
रामपुर में केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री और भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने विपक्षियों पर साधा निशाना.
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Published : Nov 21, 2021, 3:54 PM IST

रामपुरः जिले में केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री और भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि योगी और मोदी युग में यूपी में कट, कमीशन, करप्शन और दंगों-दबंगों की सियासत खत्म हो चुकी है. उन्होंने कहा कि बेईमानों की बकैती और बाहुबलियों की फिरौती खत्म होगी. बाहुबलिय़ों के ब्रदरहुड पर इसका असर भी पड़ा है. उन्होंने यह भी कहा कि अब कुछ दिनों से सांप्रदायिक सियासत शुरू हो गई है. सीएए (CAA) वापसी और धारा 370 को लेकर फिर चर्चा होने लगी है. यह ठीक नहीं है.

उन्होंने कहा कि सियासी दल अल्पसंख्यकों को लेकर जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं वैसी भाषा जुल्म और जुर्म का जंगल पाकिस्तान का जिहादी इस्टैब्लिशमेंट इस्तेमाल करता है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान वह देश है जहां बंटवारे के वक्त 24 फीसदी अल्पसंख्यक थे, अब वहां अल्पसंख्यक घटकर दो फीसदी भी नहीं रह गए हैं. बंटवारे के वक्त पाकिस्तान में 30 हजार मंदिर थे, अब वहां तीस मंदिर ही बचे हैं. उस देश में समानता की कोई गारंटी नहीं है. बंटवारे के वक्त जो लोग पाकिस्तान गए थे वे वहां आज भी शरणार्थी बनकर रह रहे हैं.

रामपुर में केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री और भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने विपक्षियों पर साधा निशाना.

कहा जा रहा है कि अल्पसंख्यकों के अधिकार यहां सुरक्षित नहीं है. भारत में तीन लाख से ज्यादा पंजीकृत मस्जिदें हैं. दुनिया के किसी भी इस्लामिक मुल्क में इतनी मस्जिदें नहीं हैं. उन्होंने कहा कि बंटवारे के वक्त भारत में 8 फीसदी अल्पसंख्यक थे, अब इनकी संख्या बढ़कर 22 फीसदी हो गई है. कांग्रेस के एक नेता और पाकिस्तान के नेता का एक जैसा बयान एक दिन ही आया.

ये भी पढ़ेंः यूं ही नहीं मिला 'CM सिटी' को महानगर का दर्जा


देश के प्रधानमंत्री मोदी द्वारा तीनों कृषि कानून वापस लिए जाने के ऐलान पर उन्होंने कहा कि देश के बड़े लीडर का यह बड़ा फैसला है. यह हमारे अन्नदाता के हित में लिया गया फैसला है. इस पर सांप्रदायिक या सियासी तड़का लगाना ठीक नहीं है. सरकार ने कभी भी टकराव का रास्ता नहीं अपनाया. आंदोलन के दौरान 700 किसानों की मौत के सवाल पर उन्होंने कहा कि हमारे समाज में किसी भी व्यक्ति की अगर मौत हुई है तो हमारे लिए और देश के लिए यह दुख का विषय है. इसके लिए हमें कांग्रेस पार्टी हो या कोई अन्य पार्टी, उसके सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है.

उन्होंने कहा कि हिंदुत्व हिंदुस्तान की संस्कृति है. इसी हिंदुत्व ने हिंदुस्तान को पंथनिरपेक्ष और सेकुलर बनाया है. हिंदुत्व सर्वधर्म समभाव की बात करता है. शायद यही वजह है कि भारत में अल्पसंख्यकों की आबादी बंटवारे के बाद 8 फीसदी से बढ़कर अब 22 फीसदी हो गई है.

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रामपुरः जिले में केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री और भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि योगी और मोदी युग में यूपी में कट, कमीशन, करप्शन और दंगों-दबंगों की सियासत खत्म हो चुकी है. उन्होंने कहा कि बेईमानों की बकैती और बाहुबलियों की फिरौती खत्म होगी. बाहुबलिय़ों के ब्रदरहुड पर इसका असर भी पड़ा है. उन्होंने यह भी कहा कि अब कुछ दिनों से सांप्रदायिक सियासत शुरू हो गई है. सीएए (CAA) वापसी और धारा 370 को लेकर फिर चर्चा होने लगी है. यह ठीक नहीं है.

उन्होंने कहा कि सियासी दल अल्पसंख्यकों को लेकर जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं वैसी भाषा जुल्म और जुर्म का जंगल पाकिस्तान का जिहादी इस्टैब्लिशमेंट इस्तेमाल करता है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान वह देश है जहां बंटवारे के वक्त 24 फीसदी अल्पसंख्यक थे, अब वहां अल्पसंख्यक घटकर दो फीसदी भी नहीं रह गए हैं. बंटवारे के वक्त पाकिस्तान में 30 हजार मंदिर थे, अब वहां तीस मंदिर ही बचे हैं. उस देश में समानता की कोई गारंटी नहीं है. बंटवारे के वक्त जो लोग पाकिस्तान गए थे वे वहां आज भी शरणार्थी बनकर रह रहे हैं.

रामपुर में केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री और भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने विपक्षियों पर साधा निशाना.

कहा जा रहा है कि अल्पसंख्यकों के अधिकार यहां सुरक्षित नहीं है. भारत में तीन लाख से ज्यादा पंजीकृत मस्जिदें हैं. दुनिया के किसी भी इस्लामिक मुल्क में इतनी मस्जिदें नहीं हैं. उन्होंने कहा कि बंटवारे के वक्त भारत में 8 फीसदी अल्पसंख्यक थे, अब इनकी संख्या बढ़कर 22 फीसदी हो गई है. कांग्रेस के एक नेता और पाकिस्तान के नेता का एक जैसा बयान एक दिन ही आया.

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देश के प्रधानमंत्री मोदी द्वारा तीनों कृषि कानून वापस लिए जाने के ऐलान पर उन्होंने कहा कि देश के बड़े लीडर का यह बड़ा फैसला है. यह हमारे अन्नदाता के हित में लिया गया फैसला है. इस पर सांप्रदायिक या सियासी तड़का लगाना ठीक नहीं है. सरकार ने कभी भी टकराव का रास्ता नहीं अपनाया. आंदोलन के दौरान 700 किसानों की मौत के सवाल पर उन्होंने कहा कि हमारे समाज में किसी भी व्यक्ति की अगर मौत हुई है तो हमारे लिए और देश के लिए यह दुख का विषय है. इसके लिए हमें कांग्रेस पार्टी हो या कोई अन्य पार्टी, उसके सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है.

उन्होंने कहा कि हिंदुत्व हिंदुस्तान की संस्कृति है. इसी हिंदुत्व ने हिंदुस्तान को पंथनिरपेक्ष और सेकुलर बनाया है. हिंदुत्व सर्वधर्म समभाव की बात करता है. शायद यही वजह है कि भारत में अल्पसंख्यकों की आबादी बंटवारे के बाद 8 फीसदी से बढ़कर अब 22 फीसदी हो गई है.

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