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मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह बोले, एमएसएमई सेक्टर में दिया गया 20 से 25 लाख अतिरिक्त रोजगार

उत्तर प्रदेश के एमएसएमई मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि प्रदेश में एमएसएमई सेक्टर में 20 से 25 लाख अतिरिक्त रोजगार दिया गया है. साथ ही स्वरोजगार योजना के तहत खादी में महिलाओं को भी रोजगार मुहैया कराया जा रहा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में अभी 11 लाख कामगारों को और रोजगार दिया जाएगा. इसके लिए एक एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया है.

सिद्धार्थनाथ सिंह
एमएसएमई मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह से ईटीवी भारत ने की खास बातचीत.
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Published : Jun 9, 2020, 4:42 PM IST

Updated : Jun 10, 2020, 9:46 AM IST

लखनऊ: लाॅकडाउन के दौरान यूपी में पलायन कर आए प्रवासी श्रमिकों को रोजगार देने, स्वरोजगार के लिए ऋण उपलब्ध कराने सहित रोजागर से जुड़े तमाम मुद्दों पर ईटीवी भारत ने यूपी के एमएसएमई मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह से खास बातचीत की.

मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक टास्क फोर्स का गठन किया है. इसमें एमएसएमई भी शामिल है. इसके अलावा इसमें पंचायती राज, रूरल डेवलपमेंट, कौशल विकास जैसे महत्वपूर्ण विभागों को शामिल किया गया है. इसके तहत हर मंत्रालय के हर विभाग को एक टास्क दिया गया है. सभी अतिरिक्त नौकरी पैदा करेंगे और नए रोजगार का सृजन करेंगे. इस पर सरकार काम कर रही है. उन्होंने कहा कि इस प्रकार से 20 से 25 लाख अतिरिक्त नौकरियां सामने आई हैं और लोगों को रोजगार मुहैया कराया गया है.

यूपी में एमएसएमई से ईटीवी भारत ने की खास बातचीत
11 लाख कामगारों को मिलेगा रोजगार
एमएसएमई मंत्री ने बातचीत में कहा कि प्रदेश में विशेष रूप से कंस्ट्रक्शन लेबर की मांग सामने आई है. कंप्यूटर ऑपरेटर, ब्यूटी पार्लर संचालक, ड्राइवर, पैरामेडिकल स्टाफ की स्किल मैपिंग की गई. स्किल मैपिंग के तहत कामगारों को रोजगार देने के लिए एक एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया है. इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन, फिक्की, लघु उद्योग भारती, नरडेको और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच हुए करार में 11 लाख कामगारों और श्रमिकों को रोजगार मिलेगा. उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि प्रदेश से जो श्रमिक पलायन करते थे, अब वह पलायन नहीं कर रहे हैं. लाॅकडाउन के दौरान जो श्रमिक पलायन करके आए हैं. उन्हें यहीं पर रोजगार दिया जा रहा है.

9 बैंकों का बनाया गया एक समूह
मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि स्वरोजगार करने के लिए अलग-अलग योजना है. ओडीओपी, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना, प्रधानमंत्री रोजगार गारंटी योजना, मुख्यमंत्री रोजगार गारंटी योजना जैसी कई योजनाएं हैं. बैंकों के माध्यम से ऋण देने की योजना में जिला स्तर पर सभी के आवेदनों की जांच की जाती है. बैंकों से संबंधित विभाग के अधिकारी बात करके ऋण संबंधी समस्याओं का निपटारा कराते हैं. नौ बैंकों का एक समूह है. उनके साथ सामंजस्य बैठाकर लोन देने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का काम किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि पिछले महीने दो हजार करोड़ रुपये का ऋण दिया था. इस महीने भी 10 से 15 हजार करोड़ रुपये ऋण स्वरोजगार के लिए दिया जाएगा.

'खादी में महिलाओं को दिया जा रहा रोजगार'

मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत महिला कामगारों को खादी में रोजगार दिया जा रहा है. महिलाओं को सोलर चरखा दिए जाते हैं. इसके लिए उनकी ट्रेनिंग भी कराई जाती है, जो महिलाएं सूत काटती हैं, उन्हें खादी खरीदकर बुनकरों को देता है. इससे महिलाओं को प्रतिदिन 250-300 रुपये आमदनी होती है. उन्होंने बताया कि खादी के अंदर ही एक इलेक्ट्रिक चॉक देते हैं. कुम्हार इलेक्ट्रिक चॉक के माध्यम से मिट्टी के बर्तन बनाते हैं. वहीं हनी मिशन के तहत भी लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है.

लखनऊ: लाॅकडाउन के दौरान यूपी में पलायन कर आए प्रवासी श्रमिकों को रोजगार देने, स्वरोजगार के लिए ऋण उपलब्ध कराने सहित रोजागर से जुड़े तमाम मुद्दों पर ईटीवी भारत ने यूपी के एमएसएमई मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह से खास बातचीत की.

मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक टास्क फोर्स का गठन किया है. इसमें एमएसएमई भी शामिल है. इसके अलावा इसमें पंचायती राज, रूरल डेवलपमेंट, कौशल विकास जैसे महत्वपूर्ण विभागों को शामिल किया गया है. इसके तहत हर मंत्रालय के हर विभाग को एक टास्क दिया गया है. सभी अतिरिक्त नौकरी पैदा करेंगे और नए रोजगार का सृजन करेंगे. इस पर सरकार काम कर रही है. उन्होंने कहा कि इस प्रकार से 20 से 25 लाख अतिरिक्त नौकरियां सामने आई हैं और लोगों को रोजगार मुहैया कराया गया है.

यूपी में एमएसएमई से ईटीवी भारत ने की खास बातचीत
11 लाख कामगारों को मिलेगा रोजगार
एमएसएमई मंत्री ने बातचीत में कहा कि प्रदेश में विशेष रूप से कंस्ट्रक्शन लेबर की मांग सामने आई है. कंप्यूटर ऑपरेटर, ब्यूटी पार्लर संचालक, ड्राइवर, पैरामेडिकल स्टाफ की स्किल मैपिंग की गई. स्किल मैपिंग के तहत कामगारों को रोजगार देने के लिए एक एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया है. इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन, फिक्की, लघु उद्योग भारती, नरडेको और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच हुए करार में 11 लाख कामगारों और श्रमिकों को रोजगार मिलेगा. उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि प्रदेश से जो श्रमिक पलायन करते थे, अब वह पलायन नहीं कर रहे हैं. लाॅकडाउन के दौरान जो श्रमिक पलायन करके आए हैं. उन्हें यहीं पर रोजगार दिया जा रहा है.

9 बैंकों का बनाया गया एक समूह
मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि स्वरोजगार करने के लिए अलग-अलग योजना है. ओडीओपी, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना, प्रधानमंत्री रोजगार गारंटी योजना, मुख्यमंत्री रोजगार गारंटी योजना जैसी कई योजनाएं हैं. बैंकों के माध्यम से ऋण देने की योजना में जिला स्तर पर सभी के आवेदनों की जांच की जाती है. बैंकों से संबंधित विभाग के अधिकारी बात करके ऋण संबंधी समस्याओं का निपटारा कराते हैं. नौ बैंकों का एक समूह है. उनके साथ सामंजस्य बैठाकर लोन देने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का काम किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि पिछले महीने दो हजार करोड़ रुपये का ऋण दिया था. इस महीने भी 10 से 15 हजार करोड़ रुपये ऋण स्वरोजगार के लिए दिया जाएगा.

'खादी में महिलाओं को दिया जा रहा रोजगार'

मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत महिला कामगारों को खादी में रोजगार दिया जा रहा है. महिलाओं को सोलर चरखा दिए जाते हैं. इसके लिए उनकी ट्रेनिंग भी कराई जाती है, जो महिलाएं सूत काटती हैं, उन्हें खादी खरीदकर बुनकरों को देता है. इससे महिलाओं को प्रतिदिन 250-300 रुपये आमदनी होती है. उन्होंने बताया कि खादी के अंदर ही एक इलेक्ट्रिक चॉक देते हैं. कुम्हार इलेक्ट्रिक चॉक के माध्यम से मिट्टी के बर्तन बनाते हैं. वहीं हनी मिशन के तहत भी लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है.

Last Updated : Jun 10, 2020, 9:46 AM IST
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