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सन हॉस्पिटल का झूठ आया सामने, जिला प्रशासन ने दर्ज कराया केस - लखनऊ का समाचार

कोरोना महामारी के दौरान जहां एक-एक सांस के लिए मरीज तड़प रहे हैं, वहीं प्राइवेट हॉस्पिटलों में मनमानी कर मरीजों के परिजनों से धन उगाही का खेल चल रहा है.

सन हॉस्पिटल का झूठ आया सामने, जिला प्रशासन ने दर्ज कराया केस
सन हॉस्पिटल का झूठ आया सामने, जिला प्रशासन ने दर्ज कराया केस
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Published : May 6, 2021, 8:18 PM IST

लखनऊ : राजधानी के सन हॉस्पिटल का एक लेटर अभी हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था जिसमें हॉस्पिटल में कोविड-19 मरीजों के भर्ती होने के बाद ऑक्सीजन खत्म हो जाने पर मरीजों को दूसरे हॉस्पिटल में शिफ्ट करने की बात सामने आई थी. वहीं, कई तीमारदारों ने भी इस हॉस्पिटल पर लापरवाही और धन उगाही का आरोप लगाया था. इस मामले में जांच करने पर हॉस्पिटल का झूठ सामने आ गया है. जिला प्रशासन के आदेश पर विभूतिखंड थाना में सन हॉस्पिटल के संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.

फैलाया गया था भय का माहौल

जानकारी के मुताबिक, विभूतिखंड इलाके के विभूतिखंड में सन हॉस्पिटल है. यहां कोविड-19 संक्रमित मरीजों को भर्ती किया जा रहा है. कई तीमारदारों ने इस हॉस्पिटल पर आरोप लगाया कि मन मुताबिक धन लेने के बावजूद मरीजों का इलाज नहीं किया गया. पुलिस इस मामले को बाहर ही निपटा देती है. यह आरोप लगाते हुए वेद प्रकाश नाम के एक शख्स ने जिला प्रशासन से शिकायत की थी. इसी बीच हॉस्पिटल प्रशासन ने एक चिट्ठी हॉस्पिटल के बाहर चस्पा कर दी जिसमें कहा गया हॉस्पिटल के पास ऑक्सीजन खत्म हो गई है. तीमारदार अपने मरीजों को दूसरे हॉस्पिटल में ले जाएं. ये चिट्ठी सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हो रही थी. इसे लेकर आम जनमानस में काफी भय बना हुआ था. इसके बाद ही लखनऊ डीएम अभिषेक प्रकाश ने इस मामले की जांच एसडीएम सदर प्रफुल त्रिपाठी को सौंपी थी.

सन हॉस्पिटल का झूठ आया सामने, जिला प्रशासन ने दर्ज कराया केस
सन हॉस्पिटल का झूठ आया सामने, जिला प्रशासन ने दर्ज कराया केस
जांच में हॉस्पिटल का झूठ आया सामने, केस दर्ज

एसडीएम सदर प्रफुल त्रिपाठी की जांच में खुलासा हुआ कि हॉस्पिटल संचालक अखिलेश पांडेय ने हॉस्पिटल के बाहर जो नोटिस लगाई थी, उसका इनके द्वारा गलत इस्तेमाल किया गया. हॉस्पिटल में कुल 25 कोविड-19 के मरीज भर्ती थे और उस समय हॉस्पिटल के पास पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन सिलेंडर थे.

इसके बावजूद इस झूठ का फायदा उठाते हुए स्टॉक के लिए मरीजों की संख्या भी अधिक बताई गई ताकि इससे तत्काल हॉस्पिटल को अधिक मात्रा में ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध हो जाये. इस घटना के बाद से मरीजों के तीमारदारों में भय का माहौल उत्पन्न हो गया था. जिला प्रशासन ने इस पर संज्ञान लेते हुए जांच कमेटी बनाई. कमेटी की जांच के बाद ही सच सामने आने पर हॉस्पिटल के संचालक के खिलाफ केस दर्ज कराया गया.

इसे भी पढ़ें- ड्राइवर ने दो सिपाहियों सहित ट्रक को नदी में उतारा, चालक का शव बरामद

इंस्पेक्टर विभूतिखंड चंद्र शेखर मिश्रा के मुताबिक सन हॉस्पिटल के खिलाफ केस दर्ज हुआ है. इसमें बताया गया है कि 3 मई को सन हॉस्पिटल की तरफ से सोशल मीडिया पर एक नोटिस पोस्ट की गई थी. इसमें सन हॉस्पिटल में भर्ती कोविड-19 के मरीज जो ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं, के परिजनों को ऑक्सीजन की कमी के चलते दूसरे हॉस्पिटल में भर्ती किए जाने की बात कही गई थी.

उस तथ्य से वर्तमान महामारी के दृष्टिगत आम जनमानस में भय और असुरक्षा का भाव उत्पन्न हो गया था. इस पर तत्काल संज्ञान लेकर प्रकरण में जिला प्रशासन द्वारा प्राथमिक शिक्षण जांच की गई तो हॉस्पिटल में कई खामियां पायी गयीं. इसके बाद हॉस्पिटल के संचालक अखिलेश पांडे के खिलाफ जिला प्रशासन की ओर से केस दर्ज कराया गया है.

लखनऊ : राजधानी के सन हॉस्पिटल का एक लेटर अभी हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था जिसमें हॉस्पिटल में कोविड-19 मरीजों के भर्ती होने के बाद ऑक्सीजन खत्म हो जाने पर मरीजों को दूसरे हॉस्पिटल में शिफ्ट करने की बात सामने आई थी. वहीं, कई तीमारदारों ने भी इस हॉस्पिटल पर लापरवाही और धन उगाही का आरोप लगाया था. इस मामले में जांच करने पर हॉस्पिटल का झूठ सामने आ गया है. जिला प्रशासन के आदेश पर विभूतिखंड थाना में सन हॉस्पिटल के संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.

फैलाया गया था भय का माहौल

जानकारी के मुताबिक, विभूतिखंड इलाके के विभूतिखंड में सन हॉस्पिटल है. यहां कोविड-19 संक्रमित मरीजों को भर्ती किया जा रहा है. कई तीमारदारों ने इस हॉस्पिटल पर आरोप लगाया कि मन मुताबिक धन लेने के बावजूद मरीजों का इलाज नहीं किया गया. पुलिस इस मामले को बाहर ही निपटा देती है. यह आरोप लगाते हुए वेद प्रकाश नाम के एक शख्स ने जिला प्रशासन से शिकायत की थी. इसी बीच हॉस्पिटल प्रशासन ने एक चिट्ठी हॉस्पिटल के बाहर चस्पा कर दी जिसमें कहा गया हॉस्पिटल के पास ऑक्सीजन खत्म हो गई है. तीमारदार अपने मरीजों को दूसरे हॉस्पिटल में ले जाएं. ये चिट्ठी सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हो रही थी. इसे लेकर आम जनमानस में काफी भय बना हुआ था. इसके बाद ही लखनऊ डीएम अभिषेक प्रकाश ने इस मामले की जांच एसडीएम सदर प्रफुल त्रिपाठी को सौंपी थी.

सन हॉस्पिटल का झूठ आया सामने, जिला प्रशासन ने दर्ज कराया केस
सन हॉस्पिटल का झूठ आया सामने, जिला प्रशासन ने दर्ज कराया केस
जांच में हॉस्पिटल का झूठ आया सामने, केस दर्ज

एसडीएम सदर प्रफुल त्रिपाठी की जांच में खुलासा हुआ कि हॉस्पिटल संचालक अखिलेश पांडेय ने हॉस्पिटल के बाहर जो नोटिस लगाई थी, उसका इनके द्वारा गलत इस्तेमाल किया गया. हॉस्पिटल में कुल 25 कोविड-19 के मरीज भर्ती थे और उस समय हॉस्पिटल के पास पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन सिलेंडर थे.

इसके बावजूद इस झूठ का फायदा उठाते हुए स्टॉक के लिए मरीजों की संख्या भी अधिक बताई गई ताकि इससे तत्काल हॉस्पिटल को अधिक मात्रा में ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध हो जाये. इस घटना के बाद से मरीजों के तीमारदारों में भय का माहौल उत्पन्न हो गया था. जिला प्रशासन ने इस पर संज्ञान लेते हुए जांच कमेटी बनाई. कमेटी की जांच के बाद ही सच सामने आने पर हॉस्पिटल के संचालक के खिलाफ केस दर्ज कराया गया.

इसे भी पढ़ें- ड्राइवर ने दो सिपाहियों सहित ट्रक को नदी में उतारा, चालक का शव बरामद

इंस्पेक्टर विभूतिखंड चंद्र शेखर मिश्रा के मुताबिक सन हॉस्पिटल के खिलाफ केस दर्ज हुआ है. इसमें बताया गया है कि 3 मई को सन हॉस्पिटल की तरफ से सोशल मीडिया पर एक नोटिस पोस्ट की गई थी. इसमें सन हॉस्पिटल में भर्ती कोविड-19 के मरीज जो ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं, के परिजनों को ऑक्सीजन की कमी के चलते दूसरे हॉस्पिटल में भर्ती किए जाने की बात कही गई थी.

उस तथ्य से वर्तमान महामारी के दृष्टिगत आम जनमानस में भय और असुरक्षा का भाव उत्पन्न हो गया था. इस पर तत्काल संज्ञान लेकर प्रकरण में जिला प्रशासन द्वारा प्राथमिक शिक्षण जांच की गई तो हॉस्पिटल में कई खामियां पायी गयीं. इसके बाद हॉस्पिटल के संचालक अखिलेश पांडे के खिलाफ जिला प्रशासन की ओर से केस दर्ज कराया गया है.

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