लखनऊ : विद्युत नियामक आयोग में गुरुवार को सुनवाई के दौरान रिलायंस पावर की रोजा पावर कंपनी के मल्टी ईयर टैरिफ का मामला खूब उछला. कंपनी की तरफ से पिछले वर्षों में विदेशी कोयला खरीद का मुद्दा उठाया गया था. आयोग के चेयरमैन आर.पी सिंह, सदस्य कौशल राज शर्मा व वीके श्रीवास्तव ने रोजा पावर कंपनी को संशोधित मल्टी ईयर टैरिफ में संशोधन कर फिर से याचिका दाखिल करने का निर्देश दिया. संशोधित याचिका दाखिल होने के बाद ही आयोग इस पर सार्वजनिक सुनवाई करेगा.
रिलायंस की रोजा पावर कंपनी की वर्ष 2019-20 से वर्ष 2023-24 टैरिफ याचिका पर मल्टी ईयर टैरिफ जनरेशन रेगुलेशन के तहत विद्युत नियामक आयोग में सुनवाई की गई. इस सुनवाई में पावर काॅरपोरेशन के साथ ही रिलायंस की रोजा पावर कंपनी के प्रतिनिधि व वरिष्ठ अधिवक्ता मौजूद रहे. इस मौके पर उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने उपभोक्ताओं का पक्ष रखते हुए कहा कि कंपनी को ट्रू-अप में अनुमोदित आंकड़ों के आधार पर संशोधन करने के बाद दोबारा याचिका दाखिल करनी चाहिए.
पूरा ब्यौरा व उनसे संबंधित साक्ष्य भी वेबसाइट पर उपलब्ध कराए जाएं. उन्होंने कंपनी के आंकड़ों पर संदेह जाहिर करते हुए कहा कि 2010-11 से 2014-15 तक कंपनी ने विदेशों से कोयले की खरीदारी की थी जिसकी कोई जानकारी आयोग के साथ ही पब्लिक डोमेन में दी ही नहीं गई. इसी वजह से पाॅवर काॅरपोरेशन ने कंपनी की 22 करोड़ रुपये की कटौती भी कर ली थी. ईडी ने भी विदेशी कोयले के मामले पर जांच की थी.
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इस अवसर पर पावर काॅरपोरेशन के अधिवक्ता अभिषेक ने कहा कि रोजा पावर कंपनी ने बहुत सारे आंकड़े छिपाए हैं. लिहाजा, याचिका संशोधित कराई जाए. आयोग ने रिलायंस के प्रतिनिधियों को फिर से पूरी याचिका व प्रपत्र को संशोधित कराने के बाद सभी प्रपत्र वेबसाइट पर सार्वजनिक किए जाने का निर्देश दिया. इसके बाद सभी पक्षों पर 15 दिन में अपनी आपत्तियां और सुझाव पेश करें. आयोग की तरफ से अब 45 दिन बाद इस मामले पर सार्वजनिक सुनवाई की जानी है.
नियामक आयोग में गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान बजाज ग्रुप की ललितपुर पावर जेनरेशन कंपनी की तरफ से विदेशी कोयला खरीदने का टेंडर निकाले जाने के बाद उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने नियामक आयोग के चेयरमैन से मुलाकात की. उन्होंने बताया कि नियामक आयोग से इस मामले पर उचित कदम उठाने की अपील की है.
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