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हिस्ट्रीशीटर सुरेंद्र कालिया की मुश्किलें बढ़ीं, STF के हवाले हुई फायरिंग मामले की जांच

हिस्ट्रीशीटर सुरेंद्र कालिया की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. खुद पर हमला करवा पूर्व सांसद धनंजय सिंह को फंसाने के मामले की जांच अब यूपी स्पेशल टास्क फोर्स (STF) को सौंप दी गई है. इसी मामले में सुरेंद कालिया लखनऊ की जेल में बंद है.

हिस्ट्रीशीटर सुरेंद्र कालिया.
हिस्ट्रीशीटर सुरेंद्र कालिया.
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Published : Sep 10, 2021, 2:02 PM IST

Updated : Sep 10, 2021, 2:07 PM IST

लखनऊ: यूपी के हरदोई से पूर्व जिला पंचायत सदस्य व हिस्ट्री शीटर सुरेंद्र कालिया की मुश्किलें बढ़ गई हैं. शासन ने सुरेंद्र कालिया पर लखनऊ के आलमबाग थाने में हुई फायरिंग मामले की जांच यूपी एसटीएफ को सौंप दी है. सुरेंद्र कालिया ने अपने ऊपर हुई फायरिंग के लिए जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह को आरोपी बनाया था और आलमबाग थाने में एफआईआर दर्ज करवाई थी. इसी मामले में सुरेंद कालिया लखनऊ की जेल में बंद है.

13 जुलाई, 2020 को आलमबाग इलाके के अजंता हॉस्पिटल में भर्ती अपने करीबी दोस्त को देख कर निकल रहे हरदोई से पूर्व जिला पंचायत सदस्य व अभय सिंह गैंग के शार्प शूटर रहे सुरेंद्र कालिया पर पैदल आए चार बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी थी. फायरिंग में सुरेंद्र कालिया का गनर घायल हो गया था.

सुरेंद्र के परिवार वालों का आरोप है कि सुरेंद्र की जान खतरे में है. यूपी एसटीएफ के एक बड़े अफसर उसके पीछे पड़े हैं. यूपी पुलिस से बचने के लिए सुरेंद्र ने कोलकाता में सेटिंग कर खुद को गिरफ्तार कराया था फिर कोलकाता से पुलिस कस्टडी रिमांड पर लाए गए सुरेंद्र कालिया ने कुबूला था कि सपा के पूर्व माफिया विधायक अभय सिंह के कहने पर धनंजय को फंसाने के लिए खुद पर हमला कराया था. इस आधार पर सपा के पूर्व विधायक अभय सिंह पर मुकदमा भी दर्ज कराया गया. जिसकी विवेचना आलमबाग पुलिस कर रही थी, तभी अचानक केस की विवेचना यूपी एसटीएफ को ट्रांसफर कर दी गई.


बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के गुर्गे और पूर्व विधायक अभय सिंह ने मऊ के पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत हत्याकाण्ड से करीब 6 महीने पहले 30 जुलाई 2020 को अपने विरोधी को फंसाने के लिये सुरेन्द्र कालिया पर नाटकीय फायरिंग कराई थी. पहले दिन ही यह घटना संदेह के दायरे में आ गई थी. पड़ताल में कालिया के खिलाफ सुबूत मिलने लगे तो वह फरार हो गया. कोलकाता में नाटकीय गिरफ्तारी के बाद कमिश्नरेट पुलिस काफी मशक्कत के बाद उसे कोलकाता से लखनऊ जेल ला सकी. 1 जून 2021 को रिमाण्ड पर आया तो उसने ऐसे राज खोले की अफसर भी हैरान रह गये.

सुरेन्द्र ने कुबूला कि अयोध्या से पूर्व सपा विधायक अभय सिंह के कहने पर ही उसने यह सब किया. सुरेन्द्र ने अफसरों को बयान दिया था कि घटना के बाद उसे तहरीर देने में देरी हुई थी. उसने बताया कि तहरीर लिखने के बाद एक दूसरे के मोबाइल नंबर से अभय को व्हाटसएप किया गया था. अभय के कहने पर ही इस तहरीर में धनंजय का नाम डाला गया, फिर मुकदमा दर्ज कराया था. इस खुलासे के बाद अभय सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उस पर शिकंजा कसने की तैयारी चल रही थी. अब एसटीएफ ने मामले की विवेचना की कमान अपने हाथ में ले लिया है.

इसे भी पढ़ें- 50 हजार का इनामी सुरेंद्र कालिया कोलकाता में गिरफ्तार

लखनऊ: यूपी के हरदोई से पूर्व जिला पंचायत सदस्य व हिस्ट्री शीटर सुरेंद्र कालिया की मुश्किलें बढ़ गई हैं. शासन ने सुरेंद्र कालिया पर लखनऊ के आलमबाग थाने में हुई फायरिंग मामले की जांच यूपी एसटीएफ को सौंप दी है. सुरेंद्र कालिया ने अपने ऊपर हुई फायरिंग के लिए जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह को आरोपी बनाया था और आलमबाग थाने में एफआईआर दर्ज करवाई थी. इसी मामले में सुरेंद कालिया लखनऊ की जेल में बंद है.

13 जुलाई, 2020 को आलमबाग इलाके के अजंता हॉस्पिटल में भर्ती अपने करीबी दोस्त को देख कर निकल रहे हरदोई से पूर्व जिला पंचायत सदस्य व अभय सिंह गैंग के शार्प शूटर रहे सुरेंद्र कालिया पर पैदल आए चार बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी थी. फायरिंग में सुरेंद्र कालिया का गनर घायल हो गया था.

सुरेंद्र के परिवार वालों का आरोप है कि सुरेंद्र की जान खतरे में है. यूपी एसटीएफ के एक बड़े अफसर उसके पीछे पड़े हैं. यूपी पुलिस से बचने के लिए सुरेंद्र ने कोलकाता में सेटिंग कर खुद को गिरफ्तार कराया था फिर कोलकाता से पुलिस कस्टडी रिमांड पर लाए गए सुरेंद्र कालिया ने कुबूला था कि सपा के पूर्व माफिया विधायक अभय सिंह के कहने पर धनंजय को फंसाने के लिए खुद पर हमला कराया था. इस आधार पर सपा के पूर्व विधायक अभय सिंह पर मुकदमा भी दर्ज कराया गया. जिसकी विवेचना आलमबाग पुलिस कर रही थी, तभी अचानक केस की विवेचना यूपी एसटीएफ को ट्रांसफर कर दी गई.


बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के गुर्गे और पूर्व विधायक अभय सिंह ने मऊ के पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत हत्याकाण्ड से करीब 6 महीने पहले 30 जुलाई 2020 को अपने विरोधी को फंसाने के लिये सुरेन्द्र कालिया पर नाटकीय फायरिंग कराई थी. पहले दिन ही यह घटना संदेह के दायरे में आ गई थी. पड़ताल में कालिया के खिलाफ सुबूत मिलने लगे तो वह फरार हो गया. कोलकाता में नाटकीय गिरफ्तारी के बाद कमिश्नरेट पुलिस काफी मशक्कत के बाद उसे कोलकाता से लखनऊ जेल ला सकी. 1 जून 2021 को रिमाण्ड पर आया तो उसने ऐसे राज खोले की अफसर भी हैरान रह गये.

सुरेन्द्र ने कुबूला कि अयोध्या से पूर्व सपा विधायक अभय सिंह के कहने पर ही उसने यह सब किया. सुरेन्द्र ने अफसरों को बयान दिया था कि घटना के बाद उसे तहरीर देने में देरी हुई थी. उसने बताया कि तहरीर लिखने के बाद एक दूसरे के मोबाइल नंबर से अभय को व्हाटसएप किया गया था. अभय के कहने पर ही इस तहरीर में धनंजय का नाम डाला गया, फिर मुकदमा दर्ज कराया था. इस खुलासे के बाद अभय सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उस पर शिकंजा कसने की तैयारी चल रही थी. अब एसटीएफ ने मामले की विवेचना की कमान अपने हाथ में ले लिया है.

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Last Updated : Sep 10, 2021, 2:07 PM IST
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