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VDO भर्ती 2018: दो साल बाद भी नहीं हुई कार्रवाई

यूपी के लखनऊ में ग्राम विकास अधिकारी 2018 भर्ती प्रक्रिया अभी भी फंसी हुई है. अभ्यर्थियों का कहना है कि जांच पूरी होने के बावजूद अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

यूपीएसएसएससी
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Published : Mar 13, 2021, 7:35 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूपीएसएसएससी) ने 2018 में ग्राम विकास अधिकारी (वीडीओ) के 1953 पदों पर भर्ती के लिए प्रक्रिया शुरू की, जिसके 28 अगस्त 2019 को अंतिम परिणाम घोषित कर दिए गए. 2020 में चयनित अभ्यर्थियों के दस्तावेजों का सत्यापन भी करा लिया गया. इसके बावजूद यह भर्ती की प्रक्रिया अभी तक पूरी तरह से फंसी हुई है. चयनित अभ्यर्थी लगातार आयोग के दफ्तर से लेकर मुख्यमंत्री आवास तक के चक्कर लगा रहे हैं. दावा है कि प्रदेश सरकार के कई बड़े मंत्रियों को भी ज्ञापन दिया लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं की गई.

नियुक्ति न मिलने से अभ्यर्थियों में आक्रोश.

136 अभ्यर्थियों की ओएमआर में मिली गड़बड़ी
सफल अभ्यर्थी शितांशु शुक्ला ने बताया कि 1953 चयनित अभ्यर्थियों के अतिरिक्त आयोग को 136 ऐसे अभ्यर्थी मिले जिनकी ओएमआर की मूल प्रति और कार्बन कॉपी के मिलान में अंतर पाया गया. जिस पर आयोग ने कार्रवाई करते हुए उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई है.

दिसंबर में पूरी हो चुकी है जांच
आयोग ने मार्च 2020 में अभिलेखों के सत्यापन का काम शुरू किया और चार-पांच दिन यह काम चला. उसके बाद कोरोना संक्रमण की बात कहकर काम को रोक दिया गया. बाद में इस भर्ती में शासन द्वारा एसआईटी जांच बैठाई जाने की बात सामने आई है. उनका दावा है कि यह जांच पूरी हो गई है. दिसंबर में प्रकरण शासन को भेजा जा चुका है लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. सिद्धार्थ नगर से आए विवेक तिवारी कहते हैं कि दो साल से ज्यादा समय गुजर गया. नौकरी के लिए लगातार चक्कर लगा रहे हैं. इसके चलते घर परिवार सभी को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूपीएसएसएससी) ने 2018 में ग्राम विकास अधिकारी (वीडीओ) के 1953 पदों पर भर्ती के लिए प्रक्रिया शुरू की, जिसके 28 अगस्त 2019 को अंतिम परिणाम घोषित कर दिए गए. 2020 में चयनित अभ्यर्थियों के दस्तावेजों का सत्यापन भी करा लिया गया. इसके बावजूद यह भर्ती की प्रक्रिया अभी तक पूरी तरह से फंसी हुई है. चयनित अभ्यर्थी लगातार आयोग के दफ्तर से लेकर मुख्यमंत्री आवास तक के चक्कर लगा रहे हैं. दावा है कि प्रदेश सरकार के कई बड़े मंत्रियों को भी ज्ञापन दिया लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं की गई.

नियुक्ति न मिलने से अभ्यर्थियों में आक्रोश.

136 अभ्यर्थियों की ओएमआर में मिली गड़बड़ी
सफल अभ्यर्थी शितांशु शुक्ला ने बताया कि 1953 चयनित अभ्यर्थियों के अतिरिक्त आयोग को 136 ऐसे अभ्यर्थी मिले जिनकी ओएमआर की मूल प्रति और कार्बन कॉपी के मिलान में अंतर पाया गया. जिस पर आयोग ने कार्रवाई करते हुए उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई है.

दिसंबर में पूरी हो चुकी है जांच
आयोग ने मार्च 2020 में अभिलेखों के सत्यापन का काम शुरू किया और चार-पांच दिन यह काम चला. उसके बाद कोरोना संक्रमण की बात कहकर काम को रोक दिया गया. बाद में इस भर्ती में शासन द्वारा एसआईटी जांच बैठाई जाने की बात सामने आई है. उनका दावा है कि यह जांच पूरी हो गई है. दिसंबर में प्रकरण शासन को भेजा जा चुका है लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. सिद्धार्थ नगर से आए विवेक तिवारी कहते हैं कि दो साल से ज्यादा समय गुजर गया. नौकरी के लिए लगातार चक्कर लगा रहे हैं. इसके चलते घर परिवार सभी को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

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