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लखनऊ : सेंट्रल यूनिवर्सिटी की छात्राओं ने किया प्रदर्शन, मांगा यह अधिकार

भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी लखनऊ की छात्राओं ने कुलपति आवास के बाहर प्रदर्शन किया. छात्राओं ने कहा कि उनके हॉस्टल और लाइब्रेरी की समय सीमा बढ़ाई जाए, जिससे उन्हें पढ़ने का और मौका मिल सके.

प्रदर्शन करतीं छात्राएं.
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Published : Apr 16, 2019, 4:48 PM IST

लखनऊ: भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी लखनऊ में सैकड़ों की संख्या में हॉस्टल में रहने वाली छात्राओं ने कुलपति आवास के बाहर प्रदर्शन किया. छात्राओं ने महिला छात्रावास और लाइब्रेरी की समय सीमा बढ़ाने की मांग की. यही नहीं छात्राओं ने शिक्षकों पर कपड़ों को लेकर अभद्र कमेंट करने का भी आरोप लगाया.

भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी के कुलपति आवास के बाहर प्रदर्शन कर रही छात्राओं ने अपनी मुख्य मांगों को लेकर बताया कि महिला छात्रावास की समय सीमा बढ़ाकर रात 10 बजे तक की जाए. इसके साथ ही लाइब्रेरी की भी समय सीमा छात्राओं के लिए बढ़ाकर 10 बजे तक हो. वहीं छात्राओं ने हॉस्टल में साफ पानी और कूलर की व्यवस्था कराए जाने की मांग की. छात्राओं ने कहा कि किसी लड़की के साथ कैंपस में कोई अनहोनी न हो इसके लिए सुरक्षा-व्यवस्था बढ़ाई जाए.

प्रदर्शन के बारे में जानकारी देतीं छात्राएं.

प्रदर्शन कर रही छात्रा सुमोली ने बताया कि किसी भी विभाग में दाखिला लेते समय लड़कों के समान हम लोग भी फीस देते हैं, लेकिन हम लोगों के साथ समान व्यवहार क्यों नहीं किया जाता है. छात्रा ने कहा कि लड़कों के लिए हॉस्टल 24 घंटे तक खुला रहता है, लेकिन हम लड़कियों के लिए हमारी मांग के हिसाब से भी नहीं खोला जाता है. हमारी मुख्य मांग है कि हॉस्टल और लाइब्रेरी की टाइमिंग बढ़ाई जाए. लाइब्रेरी और हॉस्टल की समय सीमा कम होने की वजह से हमें पढ़ने में दिक्कत होती है.

लखनऊ: भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी लखनऊ में सैकड़ों की संख्या में हॉस्टल में रहने वाली छात्राओं ने कुलपति आवास के बाहर प्रदर्शन किया. छात्राओं ने महिला छात्रावास और लाइब्रेरी की समय सीमा बढ़ाने की मांग की. यही नहीं छात्राओं ने शिक्षकों पर कपड़ों को लेकर अभद्र कमेंट करने का भी आरोप लगाया.

भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी के कुलपति आवास के बाहर प्रदर्शन कर रही छात्राओं ने अपनी मुख्य मांगों को लेकर बताया कि महिला छात्रावास की समय सीमा बढ़ाकर रात 10 बजे तक की जाए. इसके साथ ही लाइब्रेरी की भी समय सीमा छात्राओं के लिए बढ़ाकर 10 बजे तक हो. वहीं छात्राओं ने हॉस्टल में साफ पानी और कूलर की व्यवस्था कराए जाने की मांग की. छात्राओं ने कहा कि किसी लड़की के साथ कैंपस में कोई अनहोनी न हो इसके लिए सुरक्षा-व्यवस्था बढ़ाई जाए.

प्रदर्शन के बारे में जानकारी देतीं छात्राएं.

प्रदर्शन कर रही छात्रा सुमोली ने बताया कि किसी भी विभाग में दाखिला लेते समय लड़कों के समान हम लोग भी फीस देते हैं, लेकिन हम लोगों के साथ समान व्यवहार क्यों नहीं किया जाता है. छात्रा ने कहा कि लड़कों के लिए हॉस्टल 24 घंटे तक खुला रहता है, लेकिन हम लड़कियों के लिए हमारी मांग के हिसाब से भी नहीं खोला जाता है. हमारी मुख्य मांग है कि हॉस्टल और लाइब्रेरी की टाइमिंग बढ़ाई जाए. लाइब्रेरी और हॉस्टल की समय सीमा कम होने की वजह से हमें पढ़ने में दिक्कत होती है.

Intro:राजधानी लखनऊ के केंद्रीय विश्वविद्यालय भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी में सैकड़ों की संख्या में हॉस्टल में रहने वाली छात्राएं कुलपति आवास के बाहर कर रही हैं प्रदर्शन छात्राओं ने प्राप्त और शिक्षकों पर कपड़ों को लेकर अभद्र कमेंट करने का भी लगाया आरोप


Body:राजधानी लखनऊ की सेंट्रल यूनिवर्सिटी बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के कुलपति आवास के बाहर आज देर शाम प्रदर्शन कर रही छात्राओं ने विश्वविद्यालय प्रॉक्टर और शिक्षकों पर अभद्र कमेंट करने का आरोप लगाया साथ ही महिला छात्रावास की समय सीमा बढ़ाने की मांग की।

प्रदर्शन कर रही छात्राओं ने अपने मुख्य मांगों को लेकर बताया कि महिला छात्रावास की समय सीमा बढ़ाकर शाम 10:00 बजे तक कराई जाए इसके साथ ही लाइब्रेरी की भी समय सीमा छात्राओं के लिए बढ़ाकर 10:00 बजे तक हो। वहीं छात्राओं ने हॉस्टल में साफ पानी व कूलर की व्यवस्था कराई जाने की मांग भी रखी और किसी लड़की के साथ कैंपस में कोई अनहोनी ना हो इसके लिए सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई जाने की भी बात कही।

छात्रा सुमोली ने बताया कि किसी भी विभाग में दाखिला लेते समय लड़कों के समान हम लोग भी फीस देते हैं पर हम लोगों के साथ समान व्यवहार क्यों नहीं होता है। छात्रा ने कहा कि लड़कों के लिए हॉस्टल 24 घंटे तक खुला रहता है पर हम लड़कियों के लिए क्यों नहीं।

बाइट- प्रियंका
बाइट- सुमोली
बाइट- श्वेता



Conclusion:प्रदर्शन कर रही छात्राओं ने बताया कि उनकी मुख्य मांग हॉस्टल और लाइब्रेरी की टाइमिंग है छात्राओं ने यह भी कहा की प्रॉक्टर और शिक्षकों द्वारा लड़कियों के कपड़ों पर भी कमेंट किया जाता है जो उनकी गंदी मानसिकता को दर्शाता है।

छात्राओं ने कहा कि जब हम लड़कों के बराबर फीस देते हैं तो हमें भी लड़कों के जैसे आजादी क्यों नहीं मिलती लाइब्रेरी और हॉस्टल की समय सीमा कम होने की वजह से हमें पढ़ने में दिक्कत होती है।

योगेश मिश्रा लखनऊ
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