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बदलते मौसम में नियमित रूप से नहाना और ताजी सब्जियों का सेवन जरूरी: डॉ रितु करोली

बदलते मौसम में कई ऐसी बीमारियां शरीर में दस्तक देती हैं जो इन्फेक्शन का रूप ले लेती है या फिर किसी अन्य तरह से परेशान करती हैं. इसी को लेकर ईटीवी भारत ने डॉक्टर्स से बातचीत की. उन्होंने कहा कि शरीर के कुछ सेंसिटिव पार्ट होते हैं जिन पर नमी के मौसम में इन्फेक्शन होने का खतरा अधिक होता है.

प्रोफेसर डॉ प्रेम शंकर सिंह
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Published : Aug 9, 2019, 1:08 PM IST

लखनऊ: बदलते मौसम में कई ऐसी बीमारियां शरीर में दस्तक देती हैं, जो इन्फेक्शन का रूप ले लेती है. इन्हीं सब बातों को लेकर ईटीवी भारत ने डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के डॉक्टर्स से बातचीत की. डॉक्टर्स ने कहा कि इस मौसम में अपना ज्यादा से ज्यादा ख्याल रखना जरूरी है. इसके अलावा शरीर के कुछ हिस्सों पर खास ध्यान देने की जरूरत होती है.


जानिए प्रोफेसर डॉ प्रेम शंकर सिंह ने क्या कहा
डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के सीएमएस प्रोफेसर डॉ प्रेम शंकर सिंह कहते हैं कि बदलते मौसम में नमी की अधिकता हो जाती है. इसकी वजह से कई ऐसी बीमारियां होती हैं, जो एलर्जी और इन्फेक्शन के रूप में हमारे शरीर में दस्तक देती हैं. एलर्जी किसी भी तरह की हो सकती है. शरीर में खुजली हो सकती है, चकत्ते पड़ सकते हैं, छोटे या महीन दाने हो सकते हैं. इसके अलावा नमी के मौसम में अस्थमा या दमा के मरीजों के लिए परेशानियां बढ़ सकती हैं. इसके अलावा फेफड़ों में इन्फेक्शन हो सकता है.

पढे, वृक्षारोपण महाकुंभ: बोले योगी, प्रकृति के लिए वरदान होंगे 22 करोड़ पौधे

जानिए मेडिसिन विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ रितु करोली ने क्या सुझाव दिए
डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान की मेडिसिन विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ रितु करोली ने बताया कि शरीर के कुछ सेंसिटिव पार्ट होते हैं जिन पर नमी के मौसम में इन्फेक्शन होने का खतरा अधिक होता है. वह कहती है कि इस मौसम में आंख, नाक, कान, गला कुछ ऐसे भाग हैं जो सबसे ज्यादा हवा के टच में रहते हैं और ऐसे में उनमें एलर्जी इनफेक्शन होने का खतरा अधिक हो जाता है. इसके अलावा नमी की वजह से जब पसीना आता है तो वह सूखता नहीं है.

वह कहती हैं कि इस मौसम में बैक्टीरियल, फंगल और वायरल इनफेक्शंस होने का खतरा अधिक होता है. इसलिए नियमित रूप से नहाना और खुद को सुखी रखना बेहद जरूरी होता है. इसके अलावा मौसमी फलों और ताजी सब्जियों का सेवन करना आपको कई तरह की बीमारियों से बचा कर रखेगा. इस मौसम में फूड एलर्जी होने का खतरा अधिक होता है ऐसे में बाहर का खाना खाना नुकसानदायक साबित हो सकता है.

लखनऊ: बदलते मौसम में कई ऐसी बीमारियां शरीर में दस्तक देती हैं, जो इन्फेक्शन का रूप ले लेती है. इन्हीं सब बातों को लेकर ईटीवी भारत ने डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के डॉक्टर्स से बातचीत की. डॉक्टर्स ने कहा कि इस मौसम में अपना ज्यादा से ज्यादा ख्याल रखना जरूरी है. इसके अलावा शरीर के कुछ हिस्सों पर खास ध्यान देने की जरूरत होती है.


जानिए प्रोफेसर डॉ प्रेम शंकर सिंह ने क्या कहा
डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के सीएमएस प्रोफेसर डॉ प्रेम शंकर सिंह कहते हैं कि बदलते मौसम में नमी की अधिकता हो जाती है. इसकी वजह से कई ऐसी बीमारियां होती हैं, जो एलर्जी और इन्फेक्शन के रूप में हमारे शरीर में दस्तक देती हैं. एलर्जी किसी भी तरह की हो सकती है. शरीर में खुजली हो सकती है, चकत्ते पड़ सकते हैं, छोटे या महीन दाने हो सकते हैं. इसके अलावा नमी के मौसम में अस्थमा या दमा के मरीजों के लिए परेशानियां बढ़ सकती हैं. इसके अलावा फेफड़ों में इन्फेक्शन हो सकता है.

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जानिए मेडिसिन विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ रितु करोली ने क्या सुझाव दिए
डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान की मेडिसिन विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ रितु करोली ने बताया कि शरीर के कुछ सेंसिटिव पार्ट होते हैं जिन पर नमी के मौसम में इन्फेक्शन होने का खतरा अधिक होता है. वह कहती है कि इस मौसम में आंख, नाक, कान, गला कुछ ऐसे भाग हैं जो सबसे ज्यादा हवा के टच में रहते हैं और ऐसे में उनमें एलर्जी इनफेक्शन होने का खतरा अधिक हो जाता है. इसके अलावा नमी की वजह से जब पसीना आता है तो वह सूखता नहीं है.

वह कहती हैं कि इस मौसम में बैक्टीरियल, फंगल और वायरल इनफेक्शंस होने का खतरा अधिक होता है. इसलिए नियमित रूप से नहाना और खुद को सुखी रखना बेहद जरूरी होता है. इसके अलावा मौसमी फलों और ताजी सब्जियों का सेवन करना आपको कई तरह की बीमारियों से बचा कर रखेगा. इस मौसम में फूड एलर्जी होने का खतरा अधिक होता है ऐसे में बाहर का खाना खाना नुकसानदायक साबित हो सकता है.

Intro:लखनऊ। बदलते मौसम में कई ऐसी बीमारियां शरीर में दस्तक देती हैं जो इन्फेक्शन का रूप ले लेती है या फिर किसी अन्य तरह से परेशान करती हैं डॉक्टर्स कहते हैं कि इस मौसम में अपना ज्यादा से ज्यादा ख्याल रखना जरूरी है इसके अलावा शरीर के कुछ हिस्सों पर खास ध्यान देने की जरूरत होती है।


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डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के सीएमएस प्रोफेसर डॉ प्रेम शंकर सिंह कहते हैं कि बदलते मौसम में नमी की अधिकता हो जाती है इसकी वजह से कई ऐसी बीमारियां होती है जो एलर्जी और इन्फेक्शन के रूप में हमारे शरीर में दस्तक देती हैं एलर्जी किसी भी तरह की हो सकती है। शरीर में खुजली हो सकती है। चकत्ते पड़ सकते हैं। छोटे या महीन दाने हो सकते हैं। इसके अलावा नमी के मौसम में अस्थमा या दमा के मरीजों के लिए परेशानियां बढ़ सकती हैं इसके अलावा फेफड़ों में इन्फेक्शन हो सकता है जिनको किसी भी तरह से एलर्जी की समस्या होती है उन्हें तो इस मौसम में परेशानी होती ही है पर साथ ही जिन्हें किसी तरह की समस्या नहीं होती है उन्हें समस्या होने के चांसेस अधिक हो जाते हैं।
तपेश्वर सिंह कहते हैं कि एक घंटी लोगों में बनी हुई है कि बारिश या नबी के मौसम में वह ऐसी में रहेंगे तो बीमार पड़ जाएंगे पर यह केवल मिथ्या है वह कहते हैं कि कूलर में रहने से इंफेक्शन या एलर्जी का खतरा जरूर अधिक हो जाता है लेकिन ऐसी नमी सोख लेती है और इस वजह से ऐसी में रहने से बीमार होने का खतरा कम होता है।

डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान की मेडिसिन विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ रितु करोली ने बताया कि शरीर के कुछ सेंसिटिव पार्ट होते हैं जिन पर नमी के मौसम में इन्फेक्शन होने का खतरा अधिक होता है। वह कहती है कि इस मौसम में आंख, नाक, कान, गला कुछ ऐसे भाग हैं जो सबसे ज्यादा हवा के टच में रहते हैं और ऐसे में उनमें एलर्जी इनफेक्शन होने का खतरा अधिक हो जाता है। इसके अलावा नमी की वजह से जब पसीना आता है तो वह सूखता नहीं है। ऐसे में महिलाओं में छाती के नीचे का हिस्सा और प्राइवेट पार्ट्स में भी एलर्जी होने का खतरा अधिक होता है। इसके अलावा वह कहती हैं कि इस मौसम में बैक्टीरियल, फंगल और वायरल इनफेक्शंस होने का खतरा अधिक होता है इसलिए नियमित रूप से नहाना और खुद को सुखी रखना बेहद जरूरी होता है। इसके अलावा मौसमी फलों और ताजी सब्जियों का सेवन करना आपको कई तरह की बीमारियों से बचा कर रखेगा। इस मौसम में फूड एलर्जी होने का खतरा अधिक होता है ऐसे में बाहर का खाना खाना नुकसानदायक साबित हो सकता है।


Conclusion:डॉ प्रेमशंकर और डॉक्टर रितु करौली कहते हैं कि इस मौसम में खुद का ख्याल रखना जितना जरूरी है उतना ही ज्यादा जरूरी है एलर्जी और इन्फेक्शन से बच कर रहना क्योंकि यह आगे चलकर किसी बड़ी बीमारी काफी रूप ले सकते हैं।

बाइट- डॉक्टर प्रेम शंकर सिंह सीएमएस, डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान
बाइट- डॉ ऋतु करोली एसोसिएट प्रोफेसर, मेडिसिन विभाग, डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान

रामांशी मिश्रा
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