लखनऊ : केजीएमयू के शताब्दी फेज-दो में लिफ्ट ने फिर धोखा दे दिया. यहां की छठे नम्बर की लिफ्ट फंस गई. इसमें तीन तीमारदार 30 मिनट तक लिफ्ट में फंसे रहे. इस दौरान एक तीमारदार को सांस लेने में तकलीफ होने लगी. इमरजेंसी साइरन बजने के बाद लिफ्टमैन पहुंचे. कड़ी मशक्कत के बाद लिफ्ट में फंसे लोगों को बाहर निकालने में कामयाबी मिली.
दो बार फंसी लिफ्ट
शताब्दी फेज दो में लिफ्ट संख्या छह शनिवार को दो बार फंसी. सबसे पहले सुबह नौ बजे लिफ्ट बीच में अटक गई. गनीमत ये रही कि उस वक्त लिफ्ट में कोई नहीं था. दोपहर करीब दो बजे लिफ्ट दोबारा फंस गई. उस वक्त लिफ्ट छठे तल से नीचे की ओर आ रही थी. तभी छठे और पांचवें तल के बीच लिफ्ट अटक गई. इसमें तीन तीमारदार थे. लिफ्ट न चलने से फंसे लोग परेशान होने लगे. कुछ ही देर में चीख-पुकार मच गई. फंसे लोग लिफ्ट का दरवाजा पीटते रहे लेकिन, तुरंत कोई मदद नहीं मिली. लिफ्ट में इमरजेंसी बटन दबाया गया. कई बार प्रयास के बाद साइरन बजा.
बंद लिफ्ट में फूलने लगी सांसें
लिफ्ट फंसी होने की सूचना से शताब्दी में हड़कंप मच गया. साइरन की आवाज सुनकर लिफ्टमैन पहुंच गए. तब जाकर लोगों को बाहर निकाला जा सका. इस दौरान एक तीमारदार को सांस लेने में तकलीफ महसूस होने लगी. उन्हें लोग उठाकर खुली हवा में बाहर लाए, तब जाकर उन्हें राहत मिली.
लगातार खराब हो रही लिफ्ट
शताब्दी फेज-2 में लगातार लिफ्ट धोखा दे रही है. इसके बावजूद लिफ्ट की समय-समय पर मरम्मत पर ध्यान देने वाला कोई नहीं है. इसका खामियाजा मरीज-तीमारदारों को भुगतना पड़ रहा है. इससे पहले लिम्ब सेंटर में कई बार लिफ्ट फंसने की घटना हो चुकी है. ट्रॉमा सेंटर में तो लिफ्ट फंसने से मरीज की जान तक जा चुकी है. वहीं टीजी हॉस्टल की लिफ्ट भी कई बार फंस चुकी है. इस मामले में केजीएमयू के प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने कहा कि लिफ्ट को दुरुस्त कराने के निर्देश दिए गए हैं. फंसी लिफ्ट कुछ देर में ठीक करा दी गई. किसी की सेहत को नुकसान नहीं हुआ.
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