लखनऊः उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन ने प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से पावर कारपोरेशन के निदेशक पद पर दलित और पिछड़े अभियंताओं की नियुक्ति की मांग की है. एसोसिएशन की तरफ से तर्क दिया गया है कि पिछले 8 सालों से निदेशक पद पर किसी भी पिछड़े या दलित अभियंता की नियुक्ति नहीं की गई है. सभी बिजली कम्पनियों में कम से कम एक दलित अभियंता को निदेशक के पद पर चयन जरूर किया जाए.
उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन के कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से मुलाकात की. उन्होंने एसोसिएशन की तरफ से ऊर्जा मंत्री को मांग पत्र सौंपा जिसमें दलित और पिछड़े वर्ग के अभियंताओं के निदेशक पद पर नियुक्ति की मांग की गई. इस मामले में ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने प्रभावी और आवश्यक कार्रवाई करने के लिए प्रमुख सचिव ऊर्जा को निर्देशित कर दिया.
अवधेश कुमार वर्मा ने बताया कि सभी बिजली कम्पनियों में कुल कार्यरत लगभग 30 निदेशकों में कोई भी दलित अभियंता पिछले 8 वर्षों से नहीं है. पिछड़े वर्ग के अभियंता भी निदेशक नहीं हैं. उन्हें भी प्रतिनिधित्व दिया जाना चाहिए. 1986 और 1987 बैच के दलित अभियंताओं का नियमानुसार नियुक्ति के समय सेलेक्शन लिस्ट के अनुसार उनकी वरिष्ठता निर्धारित की जाए. वर्तमान में इन दोनों बैचों में दलित इंजीनियर्स की वरिष्ठता नीचे देकर उनको मुख्य अभियंता न बनने देने की साजिश की गई है.
उन्होंने कहा कि वर्तमान में 1992 बैच के अभियंताओं को प्रमोट होना है जो दलित अभियंताओं का ही पूरा बैच है. अधिकतर अभियंता ग्रामीण क्षेत्रों में तैनात हैं जिन्हें आये दिन साजिश के तहत उच्चाधिकारी दंड देने की सिफारिश करते रहते हैं, जिससे वह प्रमोट न हों. इस पर प्रबंधन विशेष ध्यान दे. अवधेश वर्मा का कहना है कि सभी कम्पनियों में विशेष तौर पर प्रशासन में कम से कम एक दलित अभियंता को तैनाती जरूर दी जाए, साथ ही दलित अभियंताओं के लंबित प्रकरणों पर भी कार्रवाई की जाए.