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लखनऊ: तत्कालीन सहायक आवास आयुक्त को अदालत ने न्यायिक हिरासत में भेजा - भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम

यूपी के राजधानी में दर्ज एक आपराधिक मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष जज ने तत्कालीन सहायक आवास आयुक्त को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है. यह मामला 2003 में दर्ज हुआ था.

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Published : Oct 30, 2020, 3:33 AM IST

लखनऊ: भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष जज संदीप गुप्ता ने भ्रष्टाचार के एक आपराधिक मामले में गिरफ्तार तत्कालीन सहायक आवास आयुक्त रजनीश त्रिवेदी को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है. बुधवार को विजिलेंस ने अभियुक्त को अदालत में पेश किया था.


2003 में दर्ज हुआ था मामला
अदालती पत्रावली के मुताबिक अभियुक्त उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद में सहायक आयुक्त के पद पर तैनात था. अभियुक्त पर रक्त का संबंध न होते हुए भी अल्प आय वर्ग में पंजीकृत गीता साहू का भवन कृष्णा कुमारी के नाम करने का इल्जाम है. इसके साथ ही ट्रांसफर संबंधित समस्त दस्तावेज भी गायब करने का आरोप लगा है. इसकी वजह से संबंधित विभाग को 2 लाख 35 हजार 770 रुपये की हानि हुई. भ्रष्टाचार संबंधी इस मामले में 12 मई 2003 को यूपी की राजधानी लखनऊ के विकास नगर थाना में एफआईआर दर्ज की गई थी. सरकारी विभाग में जुड़े भ्रष्टाचार के इस मामले में एफआईआर दर्ज होने के बाद जांच शुरू की गई थी.



आखिर क्यों नहीं मिलता लाभ
गरीब और निम्न तबके के ऐसे लोग जिनके पास रहने को घर नहीं है, दिन भर मेहनत-मजदूरी करके अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं. ऐसे लोगों के लिए सरकार की तरफ से तमाम लाभकारी योजनाएं चलाई जाती हैं, जिनमें घर, रोजगार इत्यादि शामिल है, परंतु उसी सरकार के सरकारी विभाग में ऐसी योजनाएं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाती हैं. जरूरतमंद लोग सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा-लगाकर थक जाते हैं. बावजूद इसके कुछ पैसों के लालच में सरकारी बाबू और कर्मचारी लाचार और बेबस लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं लेने देते हैं.

लखनऊ: भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष जज संदीप गुप्ता ने भ्रष्टाचार के एक आपराधिक मामले में गिरफ्तार तत्कालीन सहायक आवास आयुक्त रजनीश त्रिवेदी को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है. बुधवार को विजिलेंस ने अभियुक्त को अदालत में पेश किया था.


2003 में दर्ज हुआ था मामला
अदालती पत्रावली के मुताबिक अभियुक्त उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद में सहायक आयुक्त के पद पर तैनात था. अभियुक्त पर रक्त का संबंध न होते हुए भी अल्प आय वर्ग में पंजीकृत गीता साहू का भवन कृष्णा कुमारी के नाम करने का इल्जाम है. इसके साथ ही ट्रांसफर संबंधित समस्त दस्तावेज भी गायब करने का आरोप लगा है. इसकी वजह से संबंधित विभाग को 2 लाख 35 हजार 770 रुपये की हानि हुई. भ्रष्टाचार संबंधी इस मामले में 12 मई 2003 को यूपी की राजधानी लखनऊ के विकास नगर थाना में एफआईआर दर्ज की गई थी. सरकारी विभाग में जुड़े भ्रष्टाचार के इस मामले में एफआईआर दर्ज होने के बाद जांच शुरू की गई थी.



आखिर क्यों नहीं मिलता लाभ
गरीब और निम्न तबके के ऐसे लोग जिनके पास रहने को घर नहीं है, दिन भर मेहनत-मजदूरी करके अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं. ऐसे लोगों के लिए सरकार की तरफ से तमाम लाभकारी योजनाएं चलाई जाती हैं, जिनमें घर, रोजगार इत्यादि शामिल है, परंतु उसी सरकार के सरकारी विभाग में ऐसी योजनाएं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाती हैं. जरूरतमंद लोग सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा-लगाकर थक जाते हैं. बावजूद इसके कुछ पैसों के लालच में सरकारी बाबू और कर्मचारी लाचार और बेबस लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं लेने देते हैं.

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