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यूपी में कोरोना भयावह, एक महीने में 15 गुना से ज्यादा बढे़ सक्रिय मामले

यूपी में कोरोना संक्रमण का प्रसार तेजी से हो रहा है, जिसके चलते स्थितियां बद से बदतर होती जा रही हैं. स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली के कारण मरीजों को भी कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. आलम यह है कि यहां मरीजों को कोरोना जांच रिपोर्ट मिलने में ही 24 घंटे के बजाए 48 से 72 घंटे लग रहे हैं. इतना ही नहीं प्रदेश में एक महीने में कोरोना के सक्रिय मामलों में 15 गुना से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है

यूपी में कोरोना भयावह
यूपी में कोरोना भयावह
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Published : Apr 8, 2021, 2:08 PM IST

लखनऊ: यूपी में कोरोना अपने दूसरे फेज में और भी भयावह हो गया है. प्रदेश के 75 जनपदों में से 12 जनपदों में तो हालात बेकाबू हो गए हैं. संक्रमण फैलने के मामले में लखनऊ टॉप पर है. इतना ही नहीं यहां पर स्वास्थ्य सुविधाओं की बदहाली के कारण मरीजों को परेशान होना पड़ रहा है. राजधानी में मरीजों की न तो समय पर जांच हो पा रही है और न ही उन्हें समय रहते अस्पताल में शिफ्ट किया जा रहा है. बता दें कि गुरुवार सुबह राजधानी में कोरोना के 317 नए मरीज मिले हैं.


प्रदेश में अप्रैल में ही कोरोना भयावह होता जा रहा है. उत्तर प्रदेश में रविवार को जहां 4164 लोगों में कोरोना वायरस की चपेट में मिले, वहीं 31 मरीजों की मौत हुई थी. ऐसे ही सोमवार को 3,999 में वायरस की पुष्टि हुई और अस्पताल में 13 मरीजों की जान चली गई. मंगलवार को 5,928 लोगों में वायरस की पुष्टि हुई और 30 मरीजों की मौत हो गई जबकि बुधवार को 6,023 लोगों में वायरस की पुष्टि हुई है और 40 की मौत हो गई.

कोविड अस्पतालों में बेड हुए फुल

इस दौरान राजधानी के पीजीआई, लोहिया, केजीएमयू के कोविड अस्पतालों में बेड फुल हो गए हैं. आईसीयू में बेड के लिए मरीजों को वेटिंग मिल रही है. इतना ही नहीं लेवल-टू लोकबंधु अस्पताल में भर्ती गंभीर मरीजों को बेड की कमी के कारण पीजीआई, लोहिया, केजीएमयू में शिफ्ट देश-प्रदेश की 10 बड़ी खबरें किया जा पा रहा है. वहीं आरटीपीसीआर जांच की रिपोर्ट मरीजों को 48 घण्टे के बाद भी नहीं मिल पा रही है. रिपोर्ट मिलनें में ही तीन से चार दिन लग रहे हैं. ऐसे में मरीजों की हालत गंभीर होती जा रही है.

माह भर बाद 15 गुना हुए सक्रिय मामले

राज्य में एक मार्च को दो हजार के करीब मरीज थे, वहीं सात अप्रैल को 31,987 सक्रिय मामले हो गए. एक महीने में कोरोना के सक्रिय मामलों में 15 गुना से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है. प्रदेश में वायरस के नियंत्रण के लिए 11 हजार के करीब कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं. इसमें लखनऊ में 2800 के करीब कंटेंमेंट जोन हैं.

इन जिलों में बिगड़ी हालत

यूपी के 12 जिलों में कोरोना नियंत्रण को लेकर विशेष सचिव स्तर के अफसर भेजे गए हैं. इसमें चिकित्सा स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा के अफसर टीम में होंगे. इन जिलों में लखनऊ, कानपुर नगर, प्रयागराज, वाराणसी, आगरा, मेरठ, झांसी, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, गोरखपुर, सहारनपुर, बरेली शामिल हैं.

बेड बढ़ाने के निर्देश

प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार ने 31 जनपदों के मेडिकल कॉलेजों में आईसीयू बेड बढ़ाने के निर्देश दिए हैं. इन जनपदों में वर्तमान में जहां आइसोलेशन बेड 12,409 है. वहीं आईसीयू बेड 4,333 हैं. ऐसे में अब इन जिलो में आईसोलेशन बेड में से कुछ बेड आईसीयू में शिफ्ट किए जाएंगे. जिसके बाद इन जिलों में आइसोलेशन बेड 11,811 होंगे और आईसीयू बेड बढ़कर 4,611 हो जाएंगे. यह लेवल- 2 और लेवल- 3 के अस्पताल होंगे. ऐसे में लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के कोविड-19 अस्पताल में 200 बेड, एसजीपीजीआई में 312 बेड, केजीएमयू में 450 बेड, एरा मेडिकल कॉलेज में 500 बेड, इंट्रीग्रल में 308, प्रसाद मेडिकल कॉलेज में 200 बेड, टीएसएम मेडिकल कॉलेज में 225 बेड होंगे. वहीं बेड बढाने के नए आदेश में विस्तार की डेट दिसम्बर 2020 लिखी है. इसको लेकर भी तमाम चर्चाएं हो रही हैं.

इसे भी पढ़ें- डरा रही कोरोना संक्रमण की रफ्तार, इन राज्यों में लगा 'मिनी लॉकडाउन'


केजीएमयू में कोरोना वायरस भयावह

केजीएमयू में कोरोना वायरस भयावह हो रहा है. यहां के असफर, डॉक्टर, कर्मियों के संक्रमण की चपेट में आना जारी है. गुरुवार को न्यूरो सर्जरी विभाग, कुलसचिव कार्यालय, एसपीएम विभाग में वायरस फैल गया है. केजीएमयू में वायरस फैलने पर सभी विभागों में स्क्रीनिंग का काम जारी है. गुरुवार को न्यूरो सर्जरी विभाग में 37 लोगों में वायरस की पुष्टि हुई है. इसमें तीन सीनियर और पांच जूनियर डॉक्टर हैं. शेष नर्सिंग व अन्य स्टाफ है. ऐसे में न्यूरो सर्जरी विभाग में नए मरीजों की भर्ती बंद कर दी गयी है. इसके अलावा एसपीएम विभाग के एक सीनियर डॉक्टर, कुलसचिव कार्यालय के दो कर्मी पॉजिटिव आए हैं. कुलपति, एमएस पहले से कोरोना की चपेट में हैं. ऐसे में कैम्पस में हड़कम्प मचा है, चिकित्सा सेवाएं भी बेपटरी हो गयी हैं.

लखनऊ: यूपी में कोरोना अपने दूसरे फेज में और भी भयावह हो गया है. प्रदेश के 75 जनपदों में से 12 जनपदों में तो हालात बेकाबू हो गए हैं. संक्रमण फैलने के मामले में लखनऊ टॉप पर है. इतना ही नहीं यहां पर स्वास्थ्य सुविधाओं की बदहाली के कारण मरीजों को परेशान होना पड़ रहा है. राजधानी में मरीजों की न तो समय पर जांच हो पा रही है और न ही उन्हें समय रहते अस्पताल में शिफ्ट किया जा रहा है. बता दें कि गुरुवार सुबह राजधानी में कोरोना के 317 नए मरीज मिले हैं.


प्रदेश में अप्रैल में ही कोरोना भयावह होता जा रहा है. उत्तर प्रदेश में रविवार को जहां 4164 लोगों में कोरोना वायरस की चपेट में मिले, वहीं 31 मरीजों की मौत हुई थी. ऐसे ही सोमवार को 3,999 में वायरस की पुष्टि हुई और अस्पताल में 13 मरीजों की जान चली गई. मंगलवार को 5,928 लोगों में वायरस की पुष्टि हुई और 30 मरीजों की मौत हो गई जबकि बुधवार को 6,023 लोगों में वायरस की पुष्टि हुई है और 40 की मौत हो गई.

कोविड अस्पतालों में बेड हुए फुल

इस दौरान राजधानी के पीजीआई, लोहिया, केजीएमयू के कोविड अस्पतालों में बेड फुल हो गए हैं. आईसीयू में बेड के लिए मरीजों को वेटिंग मिल रही है. इतना ही नहीं लेवल-टू लोकबंधु अस्पताल में भर्ती गंभीर मरीजों को बेड की कमी के कारण पीजीआई, लोहिया, केजीएमयू में शिफ्ट देश-प्रदेश की 10 बड़ी खबरें किया जा पा रहा है. वहीं आरटीपीसीआर जांच की रिपोर्ट मरीजों को 48 घण्टे के बाद भी नहीं मिल पा रही है. रिपोर्ट मिलनें में ही तीन से चार दिन लग रहे हैं. ऐसे में मरीजों की हालत गंभीर होती जा रही है.

माह भर बाद 15 गुना हुए सक्रिय मामले

राज्य में एक मार्च को दो हजार के करीब मरीज थे, वहीं सात अप्रैल को 31,987 सक्रिय मामले हो गए. एक महीने में कोरोना के सक्रिय मामलों में 15 गुना से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है. प्रदेश में वायरस के नियंत्रण के लिए 11 हजार के करीब कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं. इसमें लखनऊ में 2800 के करीब कंटेंमेंट जोन हैं.

इन जिलों में बिगड़ी हालत

यूपी के 12 जिलों में कोरोना नियंत्रण को लेकर विशेष सचिव स्तर के अफसर भेजे गए हैं. इसमें चिकित्सा स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा के अफसर टीम में होंगे. इन जिलों में लखनऊ, कानपुर नगर, प्रयागराज, वाराणसी, आगरा, मेरठ, झांसी, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, गोरखपुर, सहारनपुर, बरेली शामिल हैं.

बेड बढ़ाने के निर्देश

प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार ने 31 जनपदों के मेडिकल कॉलेजों में आईसीयू बेड बढ़ाने के निर्देश दिए हैं. इन जनपदों में वर्तमान में जहां आइसोलेशन बेड 12,409 है. वहीं आईसीयू बेड 4,333 हैं. ऐसे में अब इन जिलो में आईसोलेशन बेड में से कुछ बेड आईसीयू में शिफ्ट किए जाएंगे. जिसके बाद इन जिलों में आइसोलेशन बेड 11,811 होंगे और आईसीयू बेड बढ़कर 4,611 हो जाएंगे. यह लेवल- 2 और लेवल- 3 के अस्पताल होंगे. ऐसे में लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के कोविड-19 अस्पताल में 200 बेड, एसजीपीजीआई में 312 बेड, केजीएमयू में 450 बेड, एरा मेडिकल कॉलेज में 500 बेड, इंट्रीग्रल में 308, प्रसाद मेडिकल कॉलेज में 200 बेड, टीएसएम मेडिकल कॉलेज में 225 बेड होंगे. वहीं बेड बढाने के नए आदेश में विस्तार की डेट दिसम्बर 2020 लिखी है. इसको लेकर भी तमाम चर्चाएं हो रही हैं.

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केजीएमयू में कोरोना वायरस भयावह

केजीएमयू में कोरोना वायरस भयावह हो रहा है. यहां के असफर, डॉक्टर, कर्मियों के संक्रमण की चपेट में आना जारी है. गुरुवार को न्यूरो सर्जरी विभाग, कुलसचिव कार्यालय, एसपीएम विभाग में वायरस फैल गया है. केजीएमयू में वायरस फैलने पर सभी विभागों में स्क्रीनिंग का काम जारी है. गुरुवार को न्यूरो सर्जरी विभाग में 37 लोगों में वायरस की पुष्टि हुई है. इसमें तीन सीनियर और पांच जूनियर डॉक्टर हैं. शेष नर्सिंग व अन्य स्टाफ है. ऐसे में न्यूरो सर्जरी विभाग में नए मरीजों की भर्ती बंद कर दी गयी है. इसके अलावा एसपीएम विभाग के एक सीनियर डॉक्टर, कुलसचिव कार्यालय के दो कर्मी पॉजिटिव आए हैं. कुलपति, एमएस पहले से कोरोना की चपेट में हैं. ऐसे में कैम्पस में हड़कम्प मचा है, चिकित्सा सेवाएं भी बेपटरी हो गयी हैं.

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