लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को लोकभवन में गन्ना किसानों की सुविधा एवं पारदर्शिता के लिए वेब पोर्टल( caneup.in) एवं 'ई गन्ना' एप का शुभारंभ किया. बेहतरीन खूबियों वाले इस ऐप में 50 लाख गन्ना किसानों का डेटा उपलब्ध है.
इस सुविधा के शुरू होने से कोई भी किसान अपने और दूसरे किसान के गन्ने की जोत के बारे में जानकारी हासिल कर सकेगा. किसानों को सुविधा के लिए टोल फ्री नंबर भी है ताकि किसान अपनी समस्याओं को सीधे शासन तक पहुंचा सकें.
किसानों के लिए काम कर रही सरकार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में विगत पांच वर्षों में किसानों से जुड़ी योजनाओं किसान सम्मान निधि योजना, सॉइल हेल्थ कार्ड को गंभीरता से बढ़ाया गया है. मोदी जी के आने के बाद से सरकार के केंद्र में आम नागरिक और किसान आया.
चीनी मिलों को किया गया शुरू
सीएम योगी ने कहा कि जब यूपी में हमारी सरकार आई थी, तब किसानों की हालत बहुत खराब थी. 21 चीनी मिलें बिक चुकी थीं और जो बची भी थीं, वह बंद होने की कगार पर थीं. सीएम ने कहा कि हमारी सरकार ने किसी भी चीनी मिल को बंद नहीं होने दिया साथ ही दर्जन भर मिलें भी चलाई गईं. रमाला चीनी मिल की क्षमता बढ़ाई गई, जिसकी बागपत के किसान काफी लंबे समय से मांग कर रहे थे. प्रदेश के विकास में चीनी मिलों का बहुत योगदान है.
गन्ना किसानों के लिए सहयोगी साबित होगा पोर्टल और एप
सीएम योगी ने कहा कि सरकारों की गलत नीतियों की वजह से गन्ना किसान पर्ची नहीं मिलने की वजह से खेतों में आग लगाने को मजबूर होता था. हमने पारदर्शी व्यवस्था शुरू की ताकि किसानों को समस्या न हो. यह वेब पोर्टल और एप इसमें सहयोगी साबित होगा. उन्होंने कहा कि अगर किसान चीनी मिल में 50 कुंतल गन्ना लेकर पहुंचा है तो उसे उतने का ही मूल्य मिलना चाहिए. व्यवस्थाओं के बदलने से आने वाला समय अच्छा होगा. अब गन्ने की खेती घाटे का सौदा नहीं रहेगा.
सीएम ने कहा कि एक चीनी मिल चलती है तो तीन से चार हजार नौजवानों को नौकरी देती है, जिसका लाभ 50 हजार किसानों को लाभ मिलता है. एथेनॉल बनाने का विरोध हो रहा था, लेकिन हमने कहा कि सुगर केन से सीधे एथेनॉल बनाया जाए ताकि किसानों को लाभ मिले.
12 साल बकाए गन्ना मूल्य का हुआ भुगतान
गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने कहा कि जब सरकार बनी तब हमारे सामने चुनौती थी कि कैसे गन्ना किसानों की समस्याएं समाप्त होंगी. 12 साल तक का बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान हुआ. आजादी के बाद पहली बार 76 हजार करोड़ का भुगतान हुआ.
उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों की वजह 20 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 28 लाख हेक्टेयर गन्ना के जोत का क्षेत्रफल हुआ है. यह तभी सम्भव हुआ जब किसानों का सरकार पर भरोसा जगा. गन्ना मंत्री ने कहा कि पूर्वांचल को चीनी का कटोरा कहा जाता था और आगे भी कहा जाएगा.
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गन्ना मंत्री ने कहा कि योगी सरकार ने पिपराइच और बस्ती मुंडेरवा में नई चीनी मिल दी. हमारी सरकार से पहले 66 टन प्रति हेक्टेयर गन्ने की पैदावार थी. अब यह बढ़कर 80 टन प्रति हेक्टेयर पहुंच गया है. यह योगी जी के कुशल नेतृत्व में ही सम्भव हो सका है.
पीएम का सपना होगा पूरा
सुरेश राणा ने कहा कि पीएम मोदी ने 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने का जो सपना देखा है, उस सपने को पंख लगाकर उड़ान भरने का काम योगी सरकार कर रही है. इस मौके पर मुख्य सचिव आरके तिवारी, प्रमुख सचिव गन्ना संजय भूस रेड्डी, राज्य मंत्री सुरेश पासी समेत अन्य लोग भी मौजूद रहे.