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यूपी रोडवेज ने स्कीम में बदलाव किया, तो प्राइवेट बस ऑपरेटर्स पीछे हटे - यूपी रोडवेज ने स्कीम में बदलाव किया

उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (Uttar Pradesh State Road Transport Corporation) ने अनुबंधित बस की स्कीम में बदलाव (Change in contract bus scheme) कर कर दिया. इसकी वजह से प्राइवेट बस ऑपरेटर्स पीछे हटने लगे हैं.

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transport corporation उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम Uttar Pradesh State Road Transport Corporation यूपी रोडवेज ने स्कीम में बदलाव किया अनुबंधित बस की स्कीम में बदलाव
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Published : Jun 15, 2023, 8:01 AM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोडवेज की सस्ती बस सेवा मिले. इसके लिए उन्होंने परिवहन निगम को निर्देशित किया कि रोडवेज बसों से असेवित गांवों को सेवित किया जाए, लेकिन परिवहन निगम के अधिकारी मुख्यमंत्री की भी बात को शायद गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. यही वजह है कि अनुबंधित बस की स्कीम में बदलाव (Change in contract bus scheme) कर दे रहे हैं, जिससे प्राइवेट बस ऑपरेटर अपनी बस का अनुबंध कराने से पहले ही हाथ खींच रहे हैं. ऐसे में असेवित यात्रियों को बसों की सुविधा दे पाना फिलहाल दूर की कौड़ी साबित हो सकता है.

गांव-गांव रोडवेज बसें पहुंचाने के लिए अनुबंधित बस योजना बेपटरी हो रही है. वजह यह है कि 1000 साधारण बसों को अनुबंध करने के लिए टेंडर जारी हुआ. इसके बाद शुद्ध आय की गणना में बिना सूचना अचानक बदलाव कर दिया गया. इस बदलाव से खफा निजी बस ऑपरेटरों ने अपनी शिकायत परिवहन निगम की प्रबंध निदेशक अन्नपूर्णा गर्ग से की. एएमडी ने इस गड़बड़ी को सुधारने का आश्वासन दिया.

उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त आदेश के बाद असेविस गांव को बसों से सेवित करने के लिए साधारण अनुबंधित बस योजना लांच की थी. उत्तर प्रदेश प्राइवेट बस ओनर्स एसोसिएशन के प्रांतीय महामंत्री अजीत सिंह ने बताया कि बीती 31 मई को निजी बस ऑपरेटरों को सूचित किए बिना शुद्ध आय की गणना के मूल प्रारूप को परिवर्तित कर दिया गया, जो याय संगत नहीं है. ऐसे में जिन वाहन स्वामियों ने ई-निविदा के तहत बसों का टेंडर डाला और अपनी बसों को बैंक से फाइनेंस की सुविधा लेते हुए अनुबंधित कराया, वह बस ऑपरेटर ठगा महसूस कर रहे हैं.

बता दें कि उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (Uttar Pradesh State Road Transport Corporation) की बसों की संख्या लगातार घटती जा रही है. इससे यात्रियों को बस के इंतजार में काफी समय बस स्टेशन पर ही गुजारना पड़ता है.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोडवेज की सस्ती बस सेवा मिले. इसके लिए उन्होंने परिवहन निगम को निर्देशित किया कि रोडवेज बसों से असेवित गांवों को सेवित किया जाए, लेकिन परिवहन निगम के अधिकारी मुख्यमंत्री की भी बात को शायद गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. यही वजह है कि अनुबंधित बस की स्कीम में बदलाव (Change in contract bus scheme) कर दे रहे हैं, जिससे प्राइवेट बस ऑपरेटर अपनी बस का अनुबंध कराने से पहले ही हाथ खींच रहे हैं. ऐसे में असेवित यात्रियों को बसों की सुविधा दे पाना फिलहाल दूर की कौड़ी साबित हो सकता है.

गांव-गांव रोडवेज बसें पहुंचाने के लिए अनुबंधित बस योजना बेपटरी हो रही है. वजह यह है कि 1000 साधारण बसों को अनुबंध करने के लिए टेंडर जारी हुआ. इसके बाद शुद्ध आय की गणना में बिना सूचना अचानक बदलाव कर दिया गया. इस बदलाव से खफा निजी बस ऑपरेटरों ने अपनी शिकायत परिवहन निगम की प्रबंध निदेशक अन्नपूर्णा गर्ग से की. एएमडी ने इस गड़बड़ी को सुधारने का आश्वासन दिया.

उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त आदेश के बाद असेविस गांव को बसों से सेवित करने के लिए साधारण अनुबंधित बस योजना लांच की थी. उत्तर प्रदेश प्राइवेट बस ओनर्स एसोसिएशन के प्रांतीय महामंत्री अजीत सिंह ने बताया कि बीती 31 मई को निजी बस ऑपरेटरों को सूचित किए बिना शुद्ध आय की गणना के मूल प्रारूप को परिवर्तित कर दिया गया, जो याय संगत नहीं है. ऐसे में जिन वाहन स्वामियों ने ई-निविदा के तहत बसों का टेंडर डाला और अपनी बसों को बैंक से फाइनेंस की सुविधा लेते हुए अनुबंधित कराया, वह बस ऑपरेटर ठगा महसूस कर रहे हैं.

बता दें कि उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (Uttar Pradesh State Road Transport Corporation) की बसों की संख्या लगातार घटती जा रही है. इससे यात्रियों को बस के इंतजार में काफी समय बस स्टेशन पर ही गुजारना पड़ता है.

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