लखनऊः 6 साल पहले राजधानी में पहली बार मेट्रो की नींव रखी गई थी. 27 सितंबर 2014 को साढ़े आठ किलोमीटर की दूरी के लिए निर्माण कार्य शुरू हुआ था. तीन साल पहले कॉमर्शियल रन शुरू हुआ. आधे शहर में मेट्रो दौड़ रही है. लेकिन आधे शहर का काम पिछले साढ़े तीन साल से ज्यादा समय से अधर में ही लटका हुआ है. सोमवार को संसद में पेश हुए बजट में उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन को भी सेकंड फेज के लिए बजट पास होने की उम्मीद थी. लेकिन इस उम्मीद पर भी मोदी सरकार के बजट ने पानी फेर दिया. अब शहरवासियों को और भी लंबे समय तक चारबाग से बसंत कुंज के लिए मेट्रो सेवा शुरू होने का इंतजार करना पड़ेगा.
2017 में शहरवासियों को मिला था मेट्रो का तोहफा
सरकार की तरफ से बजट पास न हो पाने के कारण शहरवासियों को अब तक पूरे शहर में मेट्रो की सौगात नहीं मिल पाई है. 2017 में शहरवासियों को पहली बार मेट्रो में सफर का तोहफा मिला था. वर्तमान में 22.87 किलोमीटर रूट पर 22 स्टेशन के साथ लखनऊ मेट्रो चौधरी चरण सिंह इंटरनेशनल एयरपोर्ट मेट्रो स्टेशन से मुंशीपुलिया तक दौड़ रही है.
दूसरे फेज के लिए इंतजार
चारबाग से बसंत कुंज के बीच दूसरे फेज का काम शुरू होना है. साढ़े तीन साल से ज्यादा समय हो चुका है. सरकार की तरफ से निर्माण कार्य के लिए बजट ही नहीं दिया गया है. अब इस बार का भी बजट पेश हो गया. लेकिन उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन को फिर भी कोई राहत सरकार की तरफ से नहीं दी गई है. देश के अन्य राज्यों के कई शहरों के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तरफ से बजट पास करने की घोषणा कर दी गई. हालांकि लखनऊ मेट्रो के लिए कुछ भी नहीं मिला. अब और भी लंबे समय तक शहर वासियों को मेट्रो के संचालन के लिए प्रतीक्षा करनी पड़ेगी.
बजट पास न होने से अधिकारी मायूस
मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के अधिकारियों को उम्मीदों को सरकार ने फिर से झटका दिया है. जिससे वो काफी मायूस हैं. उन्हें उम्मीद थी कि इस बार के बजट में सरकार लखनऊ में अधूरे पड़े मेट्रो के काम को रफ्तार देगी, बजट पास करेगी. लेकिन मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के अधिकारियों की आस बजट पास न होने से धूमिल हो गई.