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कानपुर: लापता सैनिकों को खोजने में वर्दी करेगी मदद, बताएगी जवान की लोकेशन

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Published : Aug 22, 2019, 3:09 PM IST

कानपुर स्थित उत्तर प्रदेश वस्त्र प्रौद्यौगिकी संस्थान भारतीय जवानों के लिये एक जीपीएस ट्रैकिंग वाला स्मार्ट फैब्रिक यूनिफार्म बनाने की तैयारी में है. जिससे दूर कहीं तैनात जवान की लोकेशन आसानी से ट्रैक की जा सकेगी और मुसीबत में मदद भी की जा सकेगी.

स्मार्ट यूनिफार्म से कर सकेंगे जवानों की लोकेशन ट्रैक

कानपुर: उत्तर प्रदेश वस्त्र प्रौद्योगिकी संस्थान भारतीय सेना के लिए एक ऐसा स्मार्ट फैब्रिक यूनिफार्म तैयार करने जा रहा है जिसमें लगे सेंसर और चिप से सैनिकों की लोकेशन आसानी से ट्रेस की जा सकेगी. साथ ही साथ उनके घायल होने या मुसीबत में फंसे होने पर आसानी से मदद पहुंचाई जा सकेगी.

जानकारी देते यूपीटीटीआई डॉयरेक्टर.

इसे भी पढ़ें :- कानपुर: DM ऑफिस में फर्जी शस्त्र लाइसेंस बनवाने का खुला पिटारा, साल भर में बने 73 लाइसेंस

सेंसर से की जा सकेगी जवानों की मदद-

शहर के सूटरगंज इलाके में बने यूपीटीटीआई भारतीय सेना के जवानों के लिए सेंसर और चिप लगे कपड़े को बनाने की तैयारी कर रहा है. इसके लिए केन्द्र सरकार और डिफेन्स की मंजूरी मिल गई है. बहुत जल्द भारतीय सेना को इस स्मार्ट कपड़े की वर्दी दी जाएगी जिससे उनकी लोकेशन हमेशा ट्रेस होती रहे.

ऐसे यूनिफार्म में लगे सेंसर के वजह से दूर-दराज में रहे जवानों की लोकेशन आसानी से ट्रेस करके मुसीबत के समय में उनकी मदद की जा सकती है.

देश की चुनौतियों का सामना करेगा स्मार्ट यूनिफार्म-

उत्तर प्रदेश वस्त्र प्रौद्योगिकी संस्थान के डायरेक्टर डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि यूनिफार्म स्मार्ट फैब्रिक का है जिसमें सेंसर्स लगे होंगे और ये हमारे देश की फ़ौज के जवानों के लिए होंगे. देश के सामने जो चुनौतियां है उन चुनौतियों का सामना करने के लिए हमारे संस्थान ने इस प्रोजेक्ट और शोध को किया है. इस प्रोजेक्ट से हम अपने सशस्त्र बलों को और अधिक शक्तिशाली बनाएंगे.

जैसे प्लेन और हैलीकॉप्टर में ब्लैक बॉक्स होता है हमारा ये शोध जवानों की ड्रेस का ब्लैक बॉक्स होगा. सेंसर लगा फैब्रिक दुर्गम पहाड़ों पर ड्यूटी के दौरान लॉस हुए जवान की आखिरी लोकेशन की हिस्ट्री बता देगा जिससे उसको ढूंढने में अच्छी मदद मिलेगी. इस फैब्रिक में जीपीएस ट्रैकिंग डिवाइस लगाएंगे जिससे बहुत आसानी से लोकेशन ट्रेस की जा सकेगी.
-शुभम जोशी, असिस्टेंट प्रोफ़ेसर, यूपीटीटीआई

कानपुर: उत्तर प्रदेश वस्त्र प्रौद्योगिकी संस्थान भारतीय सेना के लिए एक ऐसा स्मार्ट फैब्रिक यूनिफार्म तैयार करने जा रहा है जिसमें लगे सेंसर और चिप से सैनिकों की लोकेशन आसानी से ट्रेस की जा सकेगी. साथ ही साथ उनके घायल होने या मुसीबत में फंसे होने पर आसानी से मदद पहुंचाई जा सकेगी.

जानकारी देते यूपीटीटीआई डॉयरेक्टर.

इसे भी पढ़ें :- कानपुर: DM ऑफिस में फर्जी शस्त्र लाइसेंस बनवाने का खुला पिटारा, साल भर में बने 73 लाइसेंस

सेंसर से की जा सकेगी जवानों की मदद-

शहर के सूटरगंज इलाके में बने यूपीटीटीआई भारतीय सेना के जवानों के लिए सेंसर और चिप लगे कपड़े को बनाने की तैयारी कर रहा है. इसके लिए केन्द्र सरकार और डिफेन्स की मंजूरी मिल गई है. बहुत जल्द भारतीय सेना को इस स्मार्ट कपड़े की वर्दी दी जाएगी जिससे उनकी लोकेशन हमेशा ट्रेस होती रहे.

ऐसे यूनिफार्म में लगे सेंसर के वजह से दूर-दराज में रहे जवानों की लोकेशन आसानी से ट्रेस करके मुसीबत के समय में उनकी मदद की जा सकती है.

देश की चुनौतियों का सामना करेगा स्मार्ट यूनिफार्म-

उत्तर प्रदेश वस्त्र प्रौद्योगिकी संस्थान के डायरेक्टर डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि यूनिफार्म स्मार्ट फैब्रिक का है जिसमें सेंसर्स लगे होंगे और ये हमारे देश की फ़ौज के जवानों के लिए होंगे. देश के सामने जो चुनौतियां है उन चुनौतियों का सामना करने के लिए हमारे संस्थान ने इस प्रोजेक्ट और शोध को किया है. इस प्रोजेक्ट से हम अपने सशस्त्र बलों को और अधिक शक्तिशाली बनाएंगे.

जैसे प्लेन और हैलीकॉप्टर में ब्लैक बॉक्स होता है हमारा ये शोध जवानों की ड्रेस का ब्लैक बॉक्स होगा. सेंसर लगा फैब्रिक दुर्गम पहाड़ों पर ड्यूटी के दौरान लॉस हुए जवान की आखिरी लोकेशन की हिस्ट्री बता देगा जिससे उसको ढूंढने में अच्छी मदद मिलेगी. इस फैब्रिक में जीपीएस ट्रैकिंग डिवाइस लगाएंगे जिससे बहुत आसानी से लोकेशन ट्रेस की जा सकेगी.
-शुभम जोशी, असिस्टेंट प्रोफ़ेसर, यूपीटीटीआई

Intro:कानपुर :-घायल या मुसीबत में फसे सैनिको की लोकेशन ट्रेस करेगा यूपीटीटीआई में निर्मित स्मार्ट फैब्रिक ।

आसाम की पहाड़ियों में सेना का हैलीकॉप्टर गायब होना तो सबको याद ही होगा जिसमे वायुसैनिकों के शवों को ढूंढने में काफी वक़्त लगा था,लेकिन अब ऐसा नहीं होगा | उत्तर प्रदेश वस्त्र प्रौद्योगिकी संस्थान (यूपीटीटीआई) भारतीय सेना के लिए एक ऐसा स्मार्ट फैब्रिक तैयार करने जा रहा है जिसमे लगे सेंसर और चिप से सैनिको की लोकेशन आसानी से ट्रेस की जा सकेगी और उनके घायल होने या मुसीबत में फँसे होने पर उनको आसानी से मदद पहुँचाई जा सकेगी | 





Body:कानपुर के सूटरगंज इलाके में बने यूपीटीटीआई में इस समय भारतीय सेना के लिए नए प्रोजेक्ट पर काम तेजी से चल रहा है | यूपीटीटीआई भारतीय सेना के जवानो के लिए सेंसर और चिप लगे कपडे को बनाने की तैयारी कर रहा है | इसके लिए केन्द्र सरकार और डिफेन्स की मंजूरी मिल गई है , बहुत जल्द भारतीय सेना के उन जवानो को जो दुरूह और दुर्गम स्थानों पर तैनात रहते है उनको इस स्मार्ट कपडे की वर्दी दी जाएगी जिससे उनकी लोकेशन हमेशा ट्रेस होती रहे | 

        उत्तर प्रदेश वस्त्र प्रौद्योगिकी संस्थान के डायरेक्टर डॉ मुकेश कुमार सिंह जो इस प्रोजेक्ट को लीड कर रहे है ने बताया हमारा जो प्रोजेक्ट है वो स्मार्ट फैब्रिक का है जिसमे सेंसर्स लगे होंगे और ये हमारे देश की फ़ौज के जवानो के लिए होंगे  | देश के सामने जो चुनौतियाँ है उन चुनौतियों का सामना करने के लिए हमारे संस्थान ने इस प्रोजेक्ट और शोध को किया है | इस प्रोजेक्ट से हम अपने सशस्त्र बलों को और अधिक शक्तिशाली बनाएंगे | हमारा संस्थान जवानो के लिए जैकेट और ड्रेस बनाएगा जिसमे सेंसर लगे होंगे | युद्ध के दौरान घायल होने पर या किसी भी मुसीबत में होने पर प्लेन या हैलीकॉप्टर द्वारा उनकी लोकेशन ट्रेस का उनको मदद पहुँचाने में ड्रेस मददगार साबित होगी | बर्फीले क्षेत्रो में बर्फ के अंदर 3 से 5 मीटर बर्फ के नीचे दबे होने पर भी सेंसर काम करेगा | जवानो की वर्दी में लगे सेंसर्स की फ्रीक्वेंसी हमारी मशीनों पर सेट होंगी जिसे दुश्मन देश चाहकर भी नहीं देख पाएगा |  केंद्र सरकार के एमएचआरडी का प्रोजेक्ट है तकनिकी शिक्षा गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम के तहत हमारे संस्थान को 10 करोड़ की ग्रान्ट मिली है इसी ग्रान्ट से इस प्रोजेक्ट को मैनेज कर रहे है | 





Conclusion:यूपीटीटीआई के स्मार्ट फैब्रिक प्रोजेक्ट में असिस्ट कर रहे संस्थान के असिस्टेंट प्रोफ़ेसर शुभम जोशी ने बताया जैसे प्लेन और हैलीकॉप्टर में ब्लैक बॉक्स होता है हमारा ये शोध जवानो की ड्रेस का ब्लैक बॉक्स होगा | सेंसर लगा फैब्रिक दुर्गम पहाड़ो पर ड्यूटी के दौरान लॉस हुए जवान की आखिरी लोकेशन की हिस्ट्री बता देगा जिससे उसको ढूंढने में अच्छी मदद मिलेगी | इस फैब्रिक में जीपीएस ट्रैकिंग डिवाइस लगाएंगे जिससे बहुत आसानी से लोकेशन ट्रेस की जा सकेगी | ये सेंसर्स बैटरी ऑपरेटेड होंगे जिनको चार्ज किया जा सकेगा | ये चार्जेबल और नॉन चार्जेबल दोनों तरह की डिवाइस हो सकती है | इन डिवाइस की एक लाइफ रहेगी ड्यूरेबिल्टी रहेगी की ये कितनी देर तक वर्किंग कंडीशन में रहेगी |

बाइट - डॉ मुकेश कुमार सिंह (डायरेक्टर यूपीटीटीआई)

बाइट - शुभम जोशी (असिस्टेंट प्रोफ़ेसर यूपीटीटीआई)

रजनीश दीक्षित
कानपुर ।
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