कानपुर: कहा जाता है, राजनीति में जब कोई व्यक्ति देश के सर्वोच्च पद पर आसीन हो तो उसकी बात और आदेश का पालन अधीनस्थ बिना देरी के करते हैं. लेकिन जब पद से कोई मुक्त होता है तो आदेशों का असर भी फीका सा होने लगता है. इसकी बानगी, कानपुर में देखने को मिली है. देश के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का लगाव कानपुर से हमेशा रहा है. अपने कार्यकाल के दौरान अक्सर ही वह कानपुर आते रहे. पिछले साल 2022 में उन्होंने शहर के सर्किट हाउस में एक नया भवन बनाने की इच्छा व्यक्त की थी. मामला सीधे राष्ट्रपति से जुड़ा था, इसलिए आनन-फानन ही अफसरों ने नया भवन बनाने को लेकर कवायद शुरू कर दी. करीब 15 करोड़ रुपये से भवन को बनाने का फैसला हुआ. 2022 तक तो यह काम तेजी से हुआ . खुद लोक निर्माण विभाग के अफसरों का कहना है कि अब फंड के फेर में प्रेसिडेंशियल सर्किट हाउस का काम रुक गया है.
राष्ट्रपति और राज्यपाल के रुकने की होगी व्यवस्था: शहर के सर्किट हाउस परिसर में बन रहे प्रेसिडेंशियल सर्किट हाउस भवन में राष्ट्रपति के साथ ही राज्यपाल के लिए दो सुइट तैयार किए गए हैं. इसके अलावा अन्य संवैधानिक पदों पर मौजूद गेस्ट के लिए चार विशिष्ट भवन हैं. राष्ट्रपति की पूजा के लिए एक विशेष कमरा बनाया गया है. इसके साथ ही चार अलग कमरे भी तैयार कराए जा रहे हैं. लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता राकेश वर्मा ने बताया किकुछ समय पहले ही 1.68 करोड़ रुपये से केस्को ने बिजली का काम शुरू कर दिया है. भवन का काम 90 फीसद तक पूरा है. फंड न मिलने के चलते काम रुका हुआ है. कई बार एस्टीमेट को भी रिवाइज किया जा चुका है, इसलिए देरी हुई है. डीएम विशाखजी का कहना है अगर बजट या फंड के चलते काम रुका है तो यह गंभीर बात है. लोक निर्माण विभाग के अफसरों संग बैठक करके जानकारी लेंगे और फिर शासन से जल्द बजट मंगवाकर काम शुरू कराएंगे.
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