कानपुर देहात: आज देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपने पैतृक गांव परौंख पहुंचे. इस दौरान उन्होंने गांव के सबसे बुजुर्ग एक महिला और पुरुष का मातृ-पितृ देवो भव: कहकर सम्मान किया. दोनों बुजुर्ग बताते हैं कि उन्होंने राष्ट्रपति को बचपन में अपनी गोद में खिलाया था. जैसे ही परौंख गांव में बूढ़ी मां ने अपने बेटे को देखा तो वह खुशी के मारे फूली नहीं समाईं. राष्ट्रपति से सम्मान पाने के बाद जब Etv Bharat ने उनसे बात की तो बुजुर्गों ने अपने बेटे (राष्ट्रपति) को आशीर्वाद दिया. बुजुर्गों ने कहा ऐसा लग रहा है कि अयोध्या में भगवान श्रीराम आए हों. बुजुर्ग मां ने कहा कि उन्हें बहुत खुशी है कि उनका लल्ला आज देश का राष्ट्रपति है.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद रविवार सुबह कानपुर देहात जिले के परौंख गांव में अपने जन्म स्थान पर पहुंचे, जहां उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका स्वागत किया. इस दौरान कोविंद ने अपनी जन्मभूमि पर नतमस्तक होकर मिट्टी को छूकर प्रणाम किया. इसके बाद जब वह अपनों से मिले तो उनकी आंखे नम हो गईं. सबसे पहले उन्होंने पथरी देवी मंदिर में जाकर पूजा-पाठ की. उनके साथ उनकी पत्नी सविता कोविंद और बेटी भी थीं. साथ में सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी मौजूद रहीं. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पुजारी कृष्ण कुमार को 1100 रुपये की भेंट दी और देवी मां के चरणों मे 11 हजार रुपये अर्पित किए.
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पैतृक गांव परौंख में पहुंचकर जनसभा स्थल मंच से राष्ट्रपति ने गांव वालों को संबोधित किया. संबोधन में उन्होंने कहा कि मेरे आने से जितनी आपको खुशी है, उससे ज्यादा खुशी मुझे है. इस दौरान उन्होंने जन्मभूमि को स्वर्ग से भी महान बताया. राष्ट्रपति कोविंद ने गांव की सबसे वृद्ध महिला को माता और बुजुर्ग पुरुष को पिता का दर्जा दिया. इन दोनों बुजुर्गों ने कोविंद को बचपन में अपनी गोद में खिलाया था. उनको देखते ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि मेरे माता-पिता का स्वर्गवास हो चुका है, लेकिन गांव में आज भी कोई ऐसा है जिसने मुझे मेरे बचपन याद दिला दी. उन्होंने दोनों बुजुर्गों को मातृ-पितृ देवो भव: कहते हुए सम्मान दिया. अपने लल्ला से सम्मान पाकर दोनों बुजुर्ग गदगद हो गए.
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