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ऐतिहासिक लक्ष्मीताल के संरक्षण के लिए बन रहा एक्शन प्लान, एनजीटी का आदेश

झांसी के ऐतिहासिक लक्ष्मीताल के संरक्षण के लिए एनजीटी ने आदेश जारी किया है. आदेश के बाद शासन और स्थानीय स्तर पर सक्रियता बढ़ गई है. नगर विकास विभाग के सचिव की अध्यक्षता में स्थानीय अफसरों की कमेटी गठित करने की तैयारी चल रही है.

ऐतिहासिक लक्ष्मीताल.
ऐतिहासिक लक्ष्मीताल.
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Published : Jul 24, 2021, 12:10 PM IST

झांसीः ऐतिहासिक लक्ष्मीताल और उसके आसपास के क्षेत्र में प्रस्तावित पार्क की जमीन पर हुए अतिक्रमण के मामले में एनजीटी के आदेश के बाद शासन और स्थानीय स्तर पर सक्रियता बढ़ गई है. नगर विकास विभाग के सचिव की अध्यक्षता में स्थानीय अफसरों की कमेटी गठित करने की तैयारी चल रही है जो लक्ष्मीताल को अतिक्रमण मुक्त कराने, इसके पानी को गंदगी से मुक्त रखने, तालाब के पास पार्क विकसित करने और इसके सुंदरीकरण को लेकर एक कार्ययोजना तैयार करेगी और एनजीटी को अवगत कराएगी. इस मामले में झांसी के कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में याचिका दाखिल कर लक्ष्मीताल को संरक्षित करने और अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी.

आसपास हैं कई ऐतिहासिक स्थल

लक्ष्मीताल कई शताब्दी पूर्व का निर्मित तालाब है, जिसके संरक्षण में सरकार नाकाम साबित हुई है. इस तालाब के आसपास कई ऐतिहासिक महत्व के धरोहर मौजूद हैं. झांसी के राजा गंगाधर राव की समाधि इसी तालाब के एक छोर पर स्थित है. तालाब के ही निकट लक्ष्मी मंदिर है, जहां रानी लक्ष्मीबाई नियमित रूप से दर्शन करने आया करती थीं. तालाब के ही पास बड़े क्षेत्रफल में फैला हुआ नारायण बाग राजकीय उद्यान है, जहां बड़ी संख्या में लोग घूमने आते हैं. लक्ष्मीताल के आसपास कई अन्य छोटे-बड़े मंदिर और भवन हैं, जिन्हें ऐतिहासिक बताया जाता है, लेकिन इन्हें न तो संरक्षित किया गया न ही इस स्थल को विकसित करने की कोई योजना परवान चढ़ सकी. बताया जाता है कि कभी लक्ष्मीताल 83 एकड़ में फैला हुआ था, लेकिन अब इसका क्षेत्रफल सिर्फ 59 एकड़ ही बचा है और बाकी क्षेत्रफल अतिक्रमण की चपेट में आ चुका है.

लक्ष्मीताल के संरक्षण के लिए कमेटी के गठन की तैयारी.

इसे भी पढ़ें- बुंदेलखंड की ऐतिहासिक व सांस्कृतिक विरासत को मिलेगी राष्ट्रीय पहचान, कमिश्नर ने की अनूठी पहल

नगर विकास सचिव के स्तर पर कमेटी का गठन

झांसी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष सर्वेश कुमार दीक्षित कहते हैं कि एनजीटी ने सचिव नगर विकास के स्तर से टीम बनाने के निर्देश दिए हैं. इसमें कमिश्नर, डीएम और जेडीए के अफसरों को शामिल कर दिशा-निर्देशों के मुताबिक जिला पर्यावरण प्लान तैयार करने और तालाब को संरक्षित करने की कार्रवाई को कहा गया है. हम इसका अध्ययन कर जल्द ही कमेटी बनाकर इसका सर्वे कराएंगे. लक्ष्मीताल को संरक्षित करने के लिए जो भी कार्रवाई करनी है, वह करेंगे. एनजीटी के आदेश का पालन किया जाएगा. तालाब अपने स्वरूप में रहे, उस पर अतिक्रमण न हो, उसमें गन्दा पानी न जाये और पर्यावरण संरक्षित रखने के आदेश हैं. हम अध्ययन कर रहे हैं और जल्द कार्रवाई शुरू करेंगे.

झांसीः ऐतिहासिक लक्ष्मीताल और उसके आसपास के क्षेत्र में प्रस्तावित पार्क की जमीन पर हुए अतिक्रमण के मामले में एनजीटी के आदेश के बाद शासन और स्थानीय स्तर पर सक्रियता बढ़ गई है. नगर विकास विभाग के सचिव की अध्यक्षता में स्थानीय अफसरों की कमेटी गठित करने की तैयारी चल रही है जो लक्ष्मीताल को अतिक्रमण मुक्त कराने, इसके पानी को गंदगी से मुक्त रखने, तालाब के पास पार्क विकसित करने और इसके सुंदरीकरण को लेकर एक कार्ययोजना तैयार करेगी और एनजीटी को अवगत कराएगी. इस मामले में झांसी के कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में याचिका दाखिल कर लक्ष्मीताल को संरक्षित करने और अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी.

आसपास हैं कई ऐतिहासिक स्थल

लक्ष्मीताल कई शताब्दी पूर्व का निर्मित तालाब है, जिसके संरक्षण में सरकार नाकाम साबित हुई है. इस तालाब के आसपास कई ऐतिहासिक महत्व के धरोहर मौजूद हैं. झांसी के राजा गंगाधर राव की समाधि इसी तालाब के एक छोर पर स्थित है. तालाब के ही निकट लक्ष्मी मंदिर है, जहां रानी लक्ष्मीबाई नियमित रूप से दर्शन करने आया करती थीं. तालाब के ही पास बड़े क्षेत्रफल में फैला हुआ नारायण बाग राजकीय उद्यान है, जहां बड़ी संख्या में लोग घूमने आते हैं. लक्ष्मीताल के आसपास कई अन्य छोटे-बड़े मंदिर और भवन हैं, जिन्हें ऐतिहासिक बताया जाता है, लेकिन इन्हें न तो संरक्षित किया गया न ही इस स्थल को विकसित करने की कोई योजना परवान चढ़ सकी. बताया जाता है कि कभी लक्ष्मीताल 83 एकड़ में फैला हुआ था, लेकिन अब इसका क्षेत्रफल सिर्फ 59 एकड़ ही बचा है और बाकी क्षेत्रफल अतिक्रमण की चपेट में आ चुका है.

लक्ष्मीताल के संरक्षण के लिए कमेटी के गठन की तैयारी.

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नगर विकास सचिव के स्तर पर कमेटी का गठन

झांसी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष सर्वेश कुमार दीक्षित कहते हैं कि एनजीटी ने सचिव नगर विकास के स्तर से टीम बनाने के निर्देश दिए हैं. इसमें कमिश्नर, डीएम और जेडीए के अफसरों को शामिल कर दिशा-निर्देशों के मुताबिक जिला पर्यावरण प्लान तैयार करने और तालाब को संरक्षित करने की कार्रवाई को कहा गया है. हम इसका अध्ययन कर जल्द ही कमेटी बनाकर इसका सर्वे कराएंगे. लक्ष्मीताल को संरक्षित करने के लिए जो भी कार्रवाई करनी है, वह करेंगे. एनजीटी के आदेश का पालन किया जाएगा. तालाब अपने स्वरूप में रहे, उस पर अतिक्रमण न हो, उसमें गन्दा पानी न जाये और पर्यावरण संरक्षित रखने के आदेश हैं. हम अध्ययन कर रहे हैं और जल्द कार्रवाई शुरू करेंगे.

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