झांसी: दो दिवसीय राष्ट्रीय साहित्य सम्मेलन का झांसी में रविवार को समापन हो गया. इस सम्मेलन में देश भर से आए लेखकों, कवियों और साहित्यकारों ने हिस्सा लिया. सम्मेलन में साहित्य के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई और काव्य पाठ व मुशायरे का भी आयोजन हुआ. इसके साथ ही कई पुस्तकों का विमोचन भी हुआ.

सम्मेलन के दूसरे दिन साहित्य लोक पत्रिका का विमोचन हुआ. इसके अलावा आशा सिन्हा की अक्षत रे, फैयाज हुसैन की डिसीजन, डॉ राम स्वरूप साहू स्वरूप की मेरे गीत मीत जीवन के, कासिम बीकानेरी की आज कह दूं कोई गजल ऐसी और अरविंद श्रीवास्तव की लघु कथा संग्रह व्यंग्य बौछार का विमोचन इस कार्यक्रम में हुआ.

सम्मेलन के संयोजक राकेश वीरकमल ने बताया कि पिछले पांच वर्षों से झांसी में राष्ट्रीय साहित्य सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है. देश के अलग-अलग हिस्सों से आए साहित्यकारों का हम यहां सम्मान करते हैं. कई तरह के कार्यक्रम आयोजित होते हैं. लेखकों और कवियों को यहां मंच मिलता है.