जौनपुर : खेल के प्रति खिलाड़ियों का जुनून ही उनकी सफलता का कारण बनता है. ऐसे कई खिलाड़ियों के कई किस्से खेल की दुनिया में आपने सुने होंगे. मेहनत की सीढ़ी चढ़ते-चढ़ते एक दिन खिलाड़ी सफलता का मुकाम हासिल करता है.
यह कहानी है ऐसे ही एक मेहनती खिलाड़ी की जिसकी तारीफ हाल ही में भारत के सर्वश्रेष्ठ फिल्डर मोहम्मद कैफ ने भी की. यूपी के जौनपुर के रहने वाले 'पंकज घंटी' का वीडियो जब मोहम्मद कैफ ने देखा तो उन्होंने ट्विटर पर लिखा 'वाह-वाह घंटी'. आप भी यह वीडियो देखेंगे तो निश्चित रूप से आप भी वाह-वाह घंटी ही कहेंगे. नदी में गोते लगाकर डॉलफिन को कैच पकड़ते आपने खूब देखा होगा, मगर पंकज घंटी अपनी फील्डिंग स्किल को बढ़ाने के लिए ऐसे करतब करते रहते हैं. पंकज जोंटी रोड्स को अपना आदर्श मानते हैं.
जानें कौन है जौनपुर का जोंटी रोड्स जिसकी कैफ भी कर चुके हैं तारीफ पंकज घंटी यूपी के जौनपुर के रहने वाले हैं. इनका सपना भी भारत के लिए क्रिकेट खेलना था. पंकज के पिता सोमनाथ निषाद मुंबई में टैक्सी चलाते हैं. बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाले पंकज अपने सपने को पूरा करने के लिए जी तोड़ मेहनत करते हैं. हाल में ही पंकज का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो लोगों ने खूब सराहा. यहां तक कि इस वीडियो की तारीफ भारत के बेस्ट फील्डर मोहम्मद कैफ ने भी की. उन्हीने ट्विटर पर लिखा कि 'वाह वाह घंटी'.
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पंकज बताते हैं कि उन्हें फील्डिंग करना अच्छा लगता है. उन्होंने कहा कि क्रिकेट की दुनिया में कई लोग बैटिंग के दम पर तो कई बॉलिंग के दम पर अपना नाम बनाएं. लेकिन वह जब भी सुनते तो उन्हें फीलिंग के लिए जोंटी रोड्स का नाम सुनाई देता. यह बात उन्हें हैरान कर देती थी कि आखिर कोई फील्डिंग के दम पर अपना नाम कैसे बना सकता है. पंकज जोंटी रोड्स को देखते हुए उन्हें अपना आदर्श मान लिए. अब आलम यह है कि पंकज घंटी खुद इतनी बढ़िया फील्डिंग करते हैं कि जनपद के लोग उन्हें जौनपुर के जोंटी रोड्स कहते हैं.
जानें कौन है जौनपुर का जोंटी रोड्स जिसकी कैफ भी कर चुके हैं तारीफ क्रिकेटर और रोबोआर्म बॉल थ्रोअर पंकज निषाद उर्फ घंटी बताते हैं कि रोबोआर्म बॉल थ्रोअर के रूप में सफलता हासिल करना मेरा लक्ष्य है. प्रोफेनशल खिलाड़ी द्वारा मुझे सीखने को मिलता है और उनसे मोटिवेशन प्राप्त होता है. अगर उन्हें आईपीएल की कोई फ्रेंचाईजी या नेशनल की कोई टीम मौका दें तो वह उनके लिए अपना बेस्ट करके देंगे. वह कहते हैं कि मेहनत करके इंडिया टीम के लिए रोबोआर्म बॉल थ्रोअर स्पेशलिस्ट बनना चाहते हैं. रोबो आर्म से वह निरंतर एक टिप पर 135-140 किलोमीटर की गति से गेंद फेंकते हैं.घंटी के कोच गुलाब निषाद बताते हैं कि जौनपुर में प्रतिभाओं की कमी नहीं है. बताया कि घंटी अच्छे फील्डर हैं. शुरू से ही उसने अपनी टेक्निक पर काम किया जिसके कारण उसका क्षेत्ररक्षण अच्छा है. कोच ने बताया कि भारत के सबसे महान फिल्डर मोहम्मद कैफ ने उनकी तारीफ इसीलिए की है. कुछ कहते हैं की घंटी रोबो आर्म स्पेशलिस्ट बनना चाहते हैं. इसके लिए वह मैदान पर कड़ी मेहनत करता है. शुरू से ही घंटी क्रिकेट के प्रति समर्पित रहा है. कोच गुलाब निषाद कहते हैं कि जब से मोहम्मद कैफ ने उनकी तारीफ की है तब से वह बेहद खुश है. घंटी का एक अप्रत्याशित कैच लेते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. नदी में कलाबाजी करते हुए कैच पकड़ने का वीडियो मन मोहने वाला था. नदी हो या ठोस जमीन घंटी हर जगह ऐसी कलाबाजी करके कैच लपक लेते हैं. पैनी निगाह और सुरक्षित हाथ गेंद तक जाते हैं और गेंद हाथ में समा जाती है.