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बीजेपी आईटी सेल 50 हजार लोगों को एक साथ जोड़ने में सक्षम, 27 हजार बूथों तक बनाई पहुंच - गोरखपुर आईटी सेल

भाजपा सोशल मीडिया को हथियार बनाकर इसका यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में अच्छा प्रयोग कर रही है. भारतीय जनता पार्टी इसमें बाकी दलों से काफी मजबूत दिखाई दे रही है. बीजेपी आईटी सेल ने ऐसा समीकरण बैठाया है, जिससे लोगों तक सीधे वर्चुअली रैली और संवाद स्थापित किया जा सकता है.

बीजेपी आईटी सेल
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Published : Jan 20, 2022, 2:30 PM IST

गोरखपुर: सोशल मीडिया के क्षेत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रभावित भारतीय जनता पार्टी ने जब इसे अपना हथियार बनाया तो वह सफलता के नए कीर्तिमान की ओर बढ़ चली. मौजूदा समय में वह इससे बड़ा लाभ कमा रही है. उत्तर प्रदेश के होने जा रहे चुनाव में इस प्लेटफार्म का बेहतर उपयोग कर वह अपनी चुनावी प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में जुटी है.

भारतीय जनता पार्टी इसमें बाकी दलों से काफी मजबूत दिखाई दे रही है. गोरखपुर क्षेत्र की बात करें तो यहां की 62 विधानसभा सीटों पर बीजेपी की आईटी सेल ने ऐसा समीकरण बैठाया है, जिससे बूथ तक पार्टी की रणनीति, संदेश, प्रचार और 50 हजार लोगों तक सीधे वर्चुअल रैली और संवाद स्थापित किया जा सकता है.

बीजेपी आईटी सेल

आईटी सेल का प्रमुख केंद्र गोरखपुर बना है, लेकिन बीजेपी के हर मोर्चा, प्रकोष्ठ में आईटी के बनाए गए प्रभारी इस काम को बड़ी सरलता से अंजाम दे रहे हैं. ईटीवी भारत ने बीजेपी के आईटी सेल जिसे वार रूम का नाम दिया गया है और उसके आईटी योद्धा यहां बैठकर अपनी रणनीति को आगे बढ़ा रहे हैं. उसकी ग्राउंड रिपोर्ट अपने पाठकों के लिए तैयार की है.

पार्टी के क्षेत्रीय कार्यालय बेनीगंज में यह आईटी सेल एक्टिव है, जिसमें तकनीकी विशेषज्ञ, पार्टी कार्यकर्ता कंप्यूटर सिस्टम पर बैठकर गतिविधियों को आगे बढ़ा रहे हैं. इन सबकी मॉनिटरिंग क्षेत्रीय अध्यक्ष डॉ. धर्मेंद्र सिंह के हवाले हैं, जिन्होंने बताया कि चुनाव आयोग की मौजूदा आचार संगीता में उन्हें इसी माध्यम से मतदाताओं और कार्यकर्ताओं तक पहुंचना है.

उन्होंने कहा कि गोरखपुर क्षेत्र में बीजेपी संगठन की दृष्टि से 286 मंडल हैं. संगठन के कुल 12 जिले हैं. इसमें 62 विधानसभा क्षेत्र आते हैं. इसमें 27736 बूथ हैं. इन सभी बूथों पर पार्टी ने वाट्सएप ग्रुप बनाया है. इसमें सिर्फ पार्टी के लोग शामिल नहीं है, ऐसे सामान्य वोटर जिनके पास स्मार्ट फोन है उन्हें भी इससे जोड़ा गया है. इन तक आईटी की टीम केंद्र और प्रदेश सरकार की उपलब्धियों को पहुंचाने का कार्य इसके माध्यम से कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार से जिन्हें विभिन्न योजनाओं में लाभ मिला है उनके भी छोटे-छोटे क्लिप्स बनाकर सोशल मीडिया से लोगों तक पहुंचा रहे हैं.

साइबर योद्धा के रूप में काम करने वाले बीजेपी आईटी सेल के कार्यकर्ताओं ने कहा कि उन्हें इस माध्यम में काम करना बड़ा आसान इसलिए हो चला है, क्योंकि वह साल 2014 से इस सिस्टम से जुड़ चुके थे. यही नहीं कोरोना काल में भी आईटी और वर्चुअली तमाम गतिविधियों को आगे बढ़ाएं, लोगों तक मदद पहुंचाएं. ऐसे में उन्हें पार्टी की इस रणनीति को आगे बढ़ाने में कोई कठिनाई सामने नहीं आ रही है.

यह भी पढ़ें: चंद्रशेखर आजाद गोरखपुर से सीएम योगी के खिलाफ लड़ेंगे चुनाव

उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के मुकाबले दूसरे दलों का आईटी सेल बहुत कमजोर है. उनके पास जिले में इसका गठन नहीं है. जबकि बीजेपी के विभिन्न फ्रंटल संगठनों में युवा मोर्चा, महिला मोर्चा, व्यापारी प्रकोष्ठ, चिकित्सा प्रकोष्ठ समेत सभी प्रकोष्ठ में अलग से आईटी सेल गठित किया गया है, जो अपनी गतिविधियों को अपने स्तर से आगे बढ़ा रही है और बीजेपी के जीत की राह आसान बना रही है.

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गोरखपुर: सोशल मीडिया के क्षेत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रभावित भारतीय जनता पार्टी ने जब इसे अपना हथियार बनाया तो वह सफलता के नए कीर्तिमान की ओर बढ़ चली. मौजूदा समय में वह इससे बड़ा लाभ कमा रही है. उत्तर प्रदेश के होने जा रहे चुनाव में इस प्लेटफार्म का बेहतर उपयोग कर वह अपनी चुनावी प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में जुटी है.

भारतीय जनता पार्टी इसमें बाकी दलों से काफी मजबूत दिखाई दे रही है. गोरखपुर क्षेत्र की बात करें तो यहां की 62 विधानसभा सीटों पर बीजेपी की आईटी सेल ने ऐसा समीकरण बैठाया है, जिससे बूथ तक पार्टी की रणनीति, संदेश, प्रचार और 50 हजार लोगों तक सीधे वर्चुअल रैली और संवाद स्थापित किया जा सकता है.

बीजेपी आईटी सेल

आईटी सेल का प्रमुख केंद्र गोरखपुर बना है, लेकिन बीजेपी के हर मोर्चा, प्रकोष्ठ में आईटी के बनाए गए प्रभारी इस काम को बड़ी सरलता से अंजाम दे रहे हैं. ईटीवी भारत ने बीजेपी के आईटी सेल जिसे वार रूम का नाम दिया गया है और उसके आईटी योद्धा यहां बैठकर अपनी रणनीति को आगे बढ़ा रहे हैं. उसकी ग्राउंड रिपोर्ट अपने पाठकों के लिए तैयार की है.

पार्टी के क्षेत्रीय कार्यालय बेनीगंज में यह आईटी सेल एक्टिव है, जिसमें तकनीकी विशेषज्ञ, पार्टी कार्यकर्ता कंप्यूटर सिस्टम पर बैठकर गतिविधियों को आगे बढ़ा रहे हैं. इन सबकी मॉनिटरिंग क्षेत्रीय अध्यक्ष डॉ. धर्मेंद्र सिंह के हवाले हैं, जिन्होंने बताया कि चुनाव आयोग की मौजूदा आचार संगीता में उन्हें इसी माध्यम से मतदाताओं और कार्यकर्ताओं तक पहुंचना है.

उन्होंने कहा कि गोरखपुर क्षेत्र में बीजेपी संगठन की दृष्टि से 286 मंडल हैं. संगठन के कुल 12 जिले हैं. इसमें 62 विधानसभा क्षेत्र आते हैं. इसमें 27736 बूथ हैं. इन सभी बूथों पर पार्टी ने वाट्सएप ग्रुप बनाया है. इसमें सिर्फ पार्टी के लोग शामिल नहीं है, ऐसे सामान्य वोटर जिनके पास स्मार्ट फोन है उन्हें भी इससे जोड़ा गया है. इन तक आईटी की टीम केंद्र और प्रदेश सरकार की उपलब्धियों को पहुंचाने का कार्य इसके माध्यम से कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार से जिन्हें विभिन्न योजनाओं में लाभ मिला है उनके भी छोटे-छोटे क्लिप्स बनाकर सोशल मीडिया से लोगों तक पहुंचा रहे हैं.

साइबर योद्धा के रूप में काम करने वाले बीजेपी आईटी सेल के कार्यकर्ताओं ने कहा कि उन्हें इस माध्यम में काम करना बड़ा आसान इसलिए हो चला है, क्योंकि वह साल 2014 से इस सिस्टम से जुड़ चुके थे. यही नहीं कोरोना काल में भी आईटी और वर्चुअली तमाम गतिविधियों को आगे बढ़ाएं, लोगों तक मदद पहुंचाएं. ऐसे में उन्हें पार्टी की इस रणनीति को आगे बढ़ाने में कोई कठिनाई सामने नहीं आ रही है.

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उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के मुकाबले दूसरे दलों का आईटी सेल बहुत कमजोर है. उनके पास जिले में इसका गठन नहीं है. जबकि बीजेपी के विभिन्न फ्रंटल संगठनों में युवा मोर्चा, महिला मोर्चा, व्यापारी प्रकोष्ठ, चिकित्सा प्रकोष्ठ समेत सभी प्रकोष्ठ में अलग से आईटी सेल गठित किया गया है, जो अपनी गतिविधियों को अपने स्तर से आगे बढ़ा रही है और बीजेपी के जीत की राह आसान बना रही है.

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