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गोरखपुर: नदियों में कटान से बाढ़ का खतरा बढ़ा

गोरखपुर के चौरी चौरा तहसील में स्थित गोर्रा नदी का जलस्तर बढ़ने से कटान जारी है. इसके कारण क्षेत्र के 52 गावों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है.

नदियों में कटान से बाढ़ का खतरा
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Published : Jul 14, 2019, 4:20 PM IST

गोरखपुर: जिले के चौरी चौरा तहसील में स्थित गोर्रा और राप्ती नदियों के दोआब में स्थित 52 गांव बाढ़ के प्रति अतिसंवेदनशील क्षेत्र में आते हैं. कुछ वर्ष पहले गोर्रा नदी की जलधारा मोड़ दी गई थी. क्षेत्र में जैसे ही भारी बरसात हुई गोर्रा नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है. गोर्रा नदी की जलधारा अब दोबारा अपने स्थान पर आ गयी है. इससे भगने के पास दोबारा कटान जारी है. ऐसे में क्षेत्र के 52 गावों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है.

नदियों में कटान बढ़ने से बाढ़ का खतरा

क्या है पूरा मामला-

  • गोर्रा नदी की जलधारा वापस अपने स्थान में आने से गांवों मे बाढ़ का खतरा.
  • जलस्तर बढ़ने के कारण लगभग 52 गांवों में बाढ़ का खतरा.
  • नदियों के तटबंध धंस जाने के कारण आवागमन बाधित.
  • कई वर्षों से मरम्मत न किये जाने के कारण धंसा तटबंध.
  • 2017 में गोर्रा नदी का तटबंध टूटने से भीषण तबाही हुई थी.

गोरखपुर: जिले के चौरी चौरा तहसील में स्थित गोर्रा और राप्ती नदियों के दोआब में स्थित 52 गांव बाढ़ के प्रति अतिसंवेदनशील क्षेत्र में आते हैं. कुछ वर्ष पहले गोर्रा नदी की जलधारा मोड़ दी गई थी. क्षेत्र में जैसे ही भारी बरसात हुई गोर्रा नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है. गोर्रा नदी की जलधारा अब दोबारा अपने स्थान पर आ गयी है. इससे भगने के पास दोबारा कटान जारी है. ऐसे में क्षेत्र के 52 गावों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है.

नदियों में कटान बढ़ने से बाढ़ का खतरा

क्या है पूरा मामला-

  • गोर्रा नदी की जलधारा वापस अपने स्थान में आने से गांवों मे बाढ़ का खतरा.
  • जलस्तर बढ़ने के कारण लगभग 52 गांवों में बाढ़ का खतरा.
  • नदियों के तटबंध धंस जाने के कारण आवागमन बाधित.
  • कई वर्षों से मरम्मत न किये जाने के कारण धंसा तटबंध.
  • 2017 में गोर्रा नदी का तटबंध टूटने से भीषण तबाही हुई थी.
Intro:चौरी चौरा।गोरखपुर बाढ़ प्रभावित जिलों में आता है।जिसमे चौरी चौरा तहसील में स्थित गोर्रा व राप्ती नदियो के दोआब में स्थित 52 गाव बाढ़ के दृष्टिकोण से अतिसंवेदनशील क्षेत्र में आते है।गोर्रा व राप्ती नदियो के बांधो के किनारे बसे गाँवो में अगस्त माह में जब नदियो का जलस्तर बढ़ता है तो बाढ़ का खतरा मंडराने लगता है।
2017 में झंगहा थाने के पीछे गौरी घाट पुल के पास गोर्रा नदी का तटबंध टूटने से भीषण तबाही हुई थी।सीएम योगी ने कुछ गाँवो का दौरा भी किया था।Body:गोर्रा नदी की मोड़ी हुई जलधारा बाँध तोड़कर दुबारा हुई सीधी

बावन गाँवो को बचाने के ब्रह्मपुर ब्लाक के भगने के पास पूर्वर्ती वर्षो में जहाँ सबसे अधिक कटान होता है।वहाँ की गोर्रा की जलधारा मोड़ दी गई थी।धारा मोड़ने पर लोगो ने कहा था कि सरकार का यह प्रयास सही है लेकिन क्षेत्र में जैसे ही भीषण बरसात हुई गोर्रा नदी का जलस्तर बढ़ा है ।तब से गोर्रा नदी कटान कर मोड़ी हुई जलधारा दुबारा अपने स्थान पर आ गयी है।जिससे भगने के पास दुबारा कटान जारी है। क्षेत्र के बावन गाव में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है ।चौरी चौरा एसडीएम ने हमारी स्थानीय टीम को बताया कि नदी की धारा बनाये गए बाढ़ के ऊपर से बह रही है।कि सूचना दे दी गई ही।
Conclusion:कई वर्षों से बन्धो की मरम्मत अधूरी बरसात के बाद ग्रामीणों की धकड़की बढ़ी

गोर्रा व राप्ती नदी के तटबंधों की कई वर्षों से मरम्मत नही किया गया है।स्थानीय लोगो ने मांग किया है।भीषण बरसात के बाद ब्रह्मपुर ब्लाक के भगने के पास कटान वाली जगह के सामने वाला तटबंध धस जाने से शनिवार को कई घण्टे बरही गुबड़ौर मार्ग पर आवागमन बाधित रहा ।देर शाम एसडीएम चौरी चौरा ने पहुचकर स्थानीय जिम्मेदार लोगों से कहकर मार्ग को सही कराया।उन्होंने यह भी कहा है।तटबंधों में जगह जगह रैट होल हो गए है।जिसके वजह से जब से नदी का जलस्तर बढ़ा है तब से बाढ़ आने का खतरा भी मंडरा रहा है।इसलिए लोग तटबंधों की मरम्मत की बात कर रहे है।


बाइट--त्रिवेणी प्रसाद वर्मा एसडीएम चौरी चौरा 1+1!=2
बाइट--सुभाष पासवान स्थानीय (सफेद कुर्ता वाला शख्स)

बाइट--दिलीप कुमार(चस्मा वाला शख्स)


अरुण कुमार (ईटीवी भारत चौरी चौरा)
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