गोरखपुर: जिले में मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय एक दिसंबर को छठवां स्थापना दिवस समारोह मनाने जा रहा है. इस अवसर पर समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में विश्वेश्वरैया टेक्निकल यूनिवर्सिटी बेंगलुरु के पूर्व कुलपति प्रोफेसर एचपी खिंचा शामिल होंगे. स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित होने वाली 'एनर्जी एनवायरमेंट एंड मैटेरियल साइंसेज' विषय पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन भी होगा.
1969 में हुई थी मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की स्थापना
- मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय दिसंबर 2013 से पहले एक उच्च स्तरीय इंजीनियरिंग कॉलेज के रूप में अपनी ख्याति रखता था.
- इसकी स्थापना 1969 में हुई थी, लेकिन इंजीनियरिंग कॉलेज से विश्वविद्यालय के रूप में पुनर्गठित होने के बाद यहां बहुत से बदलाव हुए.
- इस विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय स्तर के एमओयू भी साइन हुए और यहां से जुड़ी गतिविधियों के बढ़ने और रिसर्च को भी बढ़ावा मिला.
- प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय बनने के बाद यहां 6 नए विभागों की भी स्थापना हुई.
जानिए किन-किन विषयों की होती है पढ़ाई
- सूचना प्रौद्योगिकी एवं संगणक अनुप्रयोग, गणित, भौतिकी, रसायन विज्ञान, मानविकी और प्रबंधन विज्ञान, केमिकल इंजीनियरिंग आदि शामिल हैं.
- विश्वविद्यालय को यूजीसी की भी मान्यता प्राप्त हो चुकी है और hackerrank.com द्वारा कोडिंग दक्षता में विश्व में 44वीं रैंक प्राप्त किए हुए है.
- भारत में इस विश्वविद्यालय को 15वां स्थान प्राप्त है और तकनीकी संस्थानों में देश में इसका 6वां स्थान प्राप्त है.
- विश्व बैंक सहायतित परियोजनाओं के क्रियान्वयन में पूरे देश में इसे प्रथम स्थान प्राप्त है.
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इसमें 7 नए पाठ्यक्रमों की भी शुरुआत की गई, जिसमें बीबीए, बीटेक, आईटी, बीटेक केमिकल इंजीनियरिंग, एमएससी गणित, एमएससी भौतिकी, पीएचडी अंग्रेजी और पीएचडी अर्थशास्त्र शामिल हैं. इन्हीं उपलब्धियों के बल पर विश्वविद्यालय के कुलपति भविष्य को लेकर काफी आशान्वित हैं. वह कहते हैं कि वह दिन दूर नहीं जब देश के टॉप संस्थानों में इसका नाम होगा.