गोरखपुर: केंद्रीय वन पर्यावरण जलवायु परिवर्तन और उपभोक्ता मामलों के राज्यमंत्री अश्वनी चौबे गुरुवार को गोरखपुर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा कि देश में वन का क्षेत्रफल बढ़ाने के लिए केंद्र की मोदी सरकार नीतियों के साथ आगे बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि देश में अब तक मात्र 19 प्रतिशत ही वन आच्छादन है, लेकिन इसे 33 प्रतिशत तक बढ़ाने का काम किया जा रहा है. जबकि अगर उत्तर प्रदेश की बात करें तो आंकड़ा संतोषजनक नहीं है. यहां मात्र 9 प्रतिशत ही वन आच्छादन है. पर अच्छी बात यह है कि प्रदेश की योगी सरकार कई विभागों में समन्वय स्थापित कर पौधरोपण और वन आच्छादन के प्रति समर्पित भाव से काम कर रही है, जिसके तहत करोड़ों पौधे रोपे जाएंगे.
राज्यमंत्री अश्वनी चौबे ने कहा कि पौधरोपण का प्रयास भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में भी सामंजस्य स्थापित करके किया जाएगा, जिससे वर्ष 2070 तक "नो कार्बन उत्सर्जन" लक्ष्य को हासिल करने में भारत सफल हो पाएगा, जो पीएम मोदी का लक्ष्य है.
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मंत्री ने कहा कि "रेड हेडेड" गिद्ध, जिनकी प्रजाति लगभग समाप्त सी हो गई है. उनके संरक्षण और प्रजनन दोनों के लिए गोरखपुर के कैंपियरगंज में देश का पहला गिद्ध संरक्षण केंद्र बनाया जा रहा है, जिसकी लागत 15 करोड़ रुपये है. इसका कार्य भी शुरू हो चुका है. वहीं, देश में शहरी क्षेत्र के लोगों को भी शुद्ध ऑक्सीजन मिल सके, इसके लिए प्रधानमंत्री की पहल पर नगर वन योजना बनाई गई है. यह करीब एक हजार शहरों में स्थापित होने जा रही है. गोरखपुर में ही इस योजना के तहत दो नगर वन बनाए जाने हैं, जिनका क्षेत्रफल 50-50 एकड़ होगा. साथ ही शहरी लोगों को सेहत का लाभ देने वाला यह एक बड़ा केंद्र होगा.
सीएम योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट रामगढ़ ताल और उसके वेटलैंड के उपयोग की भी मंत्री ने चर्चा करते हुए कहा कि वेटलैंड को और भी उपयोगी बनाया जा रहा है. गोरखपुर क्षेत्र में इसके दो केंद्र हैं. एक रामगढ़ ताल और दूसरा संत कबीर नगर का बखिरा ताल क्षेत्र. उन्होंने कहा कि देश के गरीबों तक खाद्यान्न पहुंचाने की भी जिम्मेदारी उनके पास है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल मार्गदर्शन में बड़ी सफलता से पूरा किया जा रहा है. गरीबों को मुफ्त अनाज देने पर सैकडों करोड़ रुपये का खर्च आ रहा है. लेकिन मोदी सरकार के लिए जनहित और गरीब हित से बड़ा कोई कार्य नहीं है.
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