गोरखपुर: 22 मई 2007 को शहर के व्यस्ततम इलाके गोलघर में सीरियल ब्लास्ट हुआ था. जिसमें पहला ब्लास्ट गोलघर के जलकल बिल्डिंग के पास, कुछ देर बाद बलदेव प्लाजा के पेट्रोल पंप के पास और कुछ ही मिनटों के बाद गणेश चौराहे पर ब्लास्ट हुआ था. इस घटना से पूरे शहर में अफरा-तफरी का माहौल व्याप्त हो गया था. लेकिन जान माल की हानि नहीं हुई थी. यह ब्लास्ट साइकिल में झोले के अंदर टाइम बम के माध्यम से किया गया था.
फैजाबाद, बाराबंकी, लखनऊ समेत गोरखपुर में हुए सीरियल ब्लास्ट के आरोपी आजमगढ़ के रहने वाले तारिक काजमी की गिरफ्तारी बाराबंकी से की गई थी. आरोपी के पास से जो सामान बरामद हुए थे वह गोरखपुर में हुए सीरियल ब्लास्ट की घटना से मेल खाते हुए मिले. इस पर माननीय न्यायालय ने तारिक काजमी को दोषी पाते हुए उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.
फौजदारी के जिला शासकीय अधिवक्ता यशपाल सिंह ने बताया कि गोरखपुर के व्यस्ततम बाजार गोलघर में 22 मई 2007 को 3 सीरियल ब्लास्ट हुए थे. इसके आरोपी आजमगढ़ के शंभूपुर थाना रानी की सराय के निवासी तारिक काजमी को गोरखपुर सिविल कोर्ट के अपर सत्र न्यायाधीश एवं विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम कोर्ट संख्या 1 नरेंद्र कुमार सिंह ने सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके अलावा तारिक काजमी को आईपीसी की धारा 307 के तहत 10 साल, 7 क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट एक्ट के तहत 3 साल की सजा हुई है. विधि विरुद्ध क्रियाकलाप अधिनियम की धाराओं 16,18 और 23 में 10-10 साल और 5 साल की सजा के अलावा अर्थदंड भी लगाया गया है.
गोरखपुर ब्लास्ट में इंडियन मुजाहिद्दीन का नाम आया था सामने
22 मई 2007 को गोरखपुर में हुए 3 सीरियल ब्लास्ट के बाद 22 नवंबर 2007 को फैजाबाद, बाराबंकी और लखनऊ कचहरी ने भी तीन ब्लास्ट किए गए थे. गोरखपुर के गोलघर सीरियल ब्लास्ट में पहली बार आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन का नाम सामने आया था. गोरखपुर में हुए तीनों सीरियल ब्लास्ट साइकिल पर टंगे हुए टिफिन में किए गए थे. इसी की तर्ज पर फैजाबाद, बाराबंकी और लखनऊ में भी सीरियल ब्लास्ट किए गए. गोरखपुर सीरियल ब्लास्ट में 6 लोग घायल भी हुए थे. गोरखपुर सीरियल ब्लास्ट के आरोपी तारिक काजमी को बाराबंकी, वहीं मोहम्मद सैफ को गुजरात के अहमदाबाद ब्लास्ट के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. समय-समय पर दोनों की पेशी होती रही है.