गोरखपुर: बारिश के कारण नदियों का जलस्तर बढ़ गया है. इस कारण बांध के तटवर्ती इलाकों में बाढ़ का खतरा बना हुआ है और जिले के 63 गांव बाढ़ की चपेट में हैं. किसानों की कई एकड़ में लगी फसलें पानी में डूब गयी हैं. जलस्तर बढ़ने के कारण सरयू, रोहिन, राप्ती नदियां खतरे के निशान के ऊपर से बह रही हैं. वहीं बाढ़ से निपटने के लिए जिला प्रशासन तैयारियों में जुटा है. जिले के चौरी-चौरा तहसील में शनिवार को भाजपा नेताओं ने मौजूदा हालात का जायजा लिया.
भाजपा अनुसूचित मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष अमरनाथ पासवान ने शनिवार को जिले के चौरी-चौरा तहसील क्षेत्र में बरही गांव के पास नदी की तेज कटान और बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया. नाव पर सवार होकर भाजपा नेताओं ने नदी की मौजूदा स्थिति और बांध के हालात का निरीक्षण किया.
ईटीवी भारत से बातचीत में अमरनाथ पासवान और क्षेत्रीय उपाध्यक्ष दीपक जायसवाल ने कहा कि यह इलाका साल 2017 की बाढ़ में भी प्रभावित हुआ था. बारिश के कारण नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण एक बार फिर से बाढ़ का खतरा बना हुआ है. उन्होंने कहा कि बंधे को पक्के मार्ग के रूप में तब्दील करने से इसके टूटने और कटने की आशंका खत्म हो जाएगी. भाजपा नेताओं ने कहा कि हालात से प्रदेश सरकार और पार्टी को अवगत कराया जाएगा और समस्याओं का जल्द समाधान किया जाएगा.
जिले में सक्रिय रुप से 86 बाढ़ चौकियों की स्थापना की गई है. साथ ही बाढ़ प्रभावित 63 गांवों में 123 नाव लगाई गई हैं. बाढ़ का खतरा सबसे ज्यादा सदर तहसील क्षेत्र के गांवों में बना हुआ है. यहां पर 68 नाव लगाई गई है. सहजनवा में 30, गोला में 8, कम्पियरगंज में 7, खजनी में 6 और चौरी- चौरा में 4 नाव लगाई गई है. राप्ती नदी खतरे के निशान 74.98 की 76.06 पर बह रही हैं तो रोहिन नदी खतरे के निशान से 82.44 की जगह 82.74 पर बह रही है.