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ब्लैक फंगस के मरीजों के इलाज में बीआरडी मेडिकल कॉलेज की मदद करेगा एम्स - cm yogi

ब्लैक फंगस के मरीजों के इलाज में एम्स बीआरडी मेडिकल कॉलेज की मदद करेगा. स्वास्थ्य मंत्रालय से ब्लैक फंगस की जांच के लिए मशीन मांगी गई है. मशीन मिलते ही जांच शुरू कर दी जाएगी.

बीआरडी मेडिकल कॉलेज
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Published : May 20, 2021, 6:09 AM IST

गोरखपुर: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की कार्यकारी निदेशक डॉ. सुरेखा किशोर ने बताया कि ब्लैक फंगस के मरीजों के इलाज में एम्स बीआरडी मेडिकल कॉलेज की मदद करेगा. स्वास्थ्य मंत्रालय से ब्लैक फंगस की जांच के लिए मशीन मांगी गई है.

मशीन मिलते ही जांच शुरू कर दी जाएगी

इस बीमारी के मरीजों के लिए पोस्ट कोविड ओपीडी की शुरुआत कर दी गई है. टेलिमेडिसिन के जरिए लोग सलाह ले सकते हैं. डॉ. सुरेखा किशोर ने बुधवार को एम्स में मीडिया से बातचीत में बताया कि ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए रेफरल सेंटर चयनित किए जा रहे हैं, जिससे की गंभीर स्थिति होने पर उन्हें रेफर किया जा सके. एम्स दिल्ली और किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी लखनऊ से इसके लिए बात की जा रही है. एम्स, बीआरडी मेडिकल कॉलेज और आरएमआरसी (क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान केंद्र) की एक टीम बनाई गई है, जो कोरोना की रोकथाम और बचाव के लिए लोगों को जागरूक करेगी.

इसे भी पढ़ें: इलाहाबाद हाईकोर्ट की टिप्पणी का सीएम के जिले में दिखा मिला-जुला असर

जरूरत पड़ने पर ली जाएगी आईएमए की मदद

इस काम में जरूरत पड़ने पर आईएमए की मदद ली जाएगी. ग्रामीण क्षेत्र के डॉक्टरों को इसके लिए ट्रेनिंग दी जाएगी. इसे लेकर इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) और स्वास्थ्य मंत्रालय से गाइडलाइन आ गई है. एक-दो दिनों में ट्रेनिंग शुरू कर दी जाएगी.


गोरखपुर: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की कार्यकारी निदेशक डॉ. सुरेखा किशोर ने बताया कि ब्लैक फंगस के मरीजों के इलाज में एम्स बीआरडी मेडिकल कॉलेज की मदद करेगा. स्वास्थ्य मंत्रालय से ब्लैक फंगस की जांच के लिए मशीन मांगी गई है.

मशीन मिलते ही जांच शुरू कर दी जाएगी

इस बीमारी के मरीजों के लिए पोस्ट कोविड ओपीडी की शुरुआत कर दी गई है. टेलिमेडिसिन के जरिए लोग सलाह ले सकते हैं. डॉ. सुरेखा किशोर ने बुधवार को एम्स में मीडिया से बातचीत में बताया कि ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए रेफरल सेंटर चयनित किए जा रहे हैं, जिससे की गंभीर स्थिति होने पर उन्हें रेफर किया जा सके. एम्स दिल्ली और किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी लखनऊ से इसके लिए बात की जा रही है. एम्स, बीआरडी मेडिकल कॉलेज और आरएमआरसी (क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान केंद्र) की एक टीम बनाई गई है, जो कोरोना की रोकथाम और बचाव के लिए लोगों को जागरूक करेगी.

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जरूरत पड़ने पर ली जाएगी आईएमए की मदद

इस काम में जरूरत पड़ने पर आईएमए की मदद ली जाएगी. ग्रामीण क्षेत्र के डॉक्टरों को इसके लिए ट्रेनिंग दी जाएगी. इसे लेकर इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) और स्वास्थ्य मंत्रालय से गाइडलाइन आ गई है. एक-दो दिनों में ट्रेनिंग शुरू कर दी जाएगी.


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