गोंडा: जिले में मनकापुर के तहसील के हरना टायर गांव के निवासी संदीप तिवारी ने यूपी पीसीएस 2022 में चयनित होकर मेरिट सूची में संदीप को 10वीं रैंक हासिल की है. संदीप एसडीएम के पद पर चयनित हुए हैं. संदीप के चयन पर जिले में जश्न का माहौल है. लोग परिजनों बधाई देने उनके घर पहुंच रहे है. संदीप के बधाई देने वालों का घर पर तांता लगा हुआ है. इसके पहले संदीप राज्य कर विभाग में सहायक आयुक्त के पद पर भी चयनित हुए थे.
गोंडा में नलकूप चालक के बेटे संदीप तिवारी (Tubewell operator son Sandeep Tiwari) ने अपनी सफलता का श्रेय अपने बाबा स्वर्गीय सियाराम तिवारी, पिता शिवकुमार तिवारी, माता जया देवी समेत अपने शिक्षकों को दिया. जिले के मनकापुर ब्लाक के हरना टायर गांव के निवासी संदीप तिवारी पढ़ाई में शुरू से ही मेधावी थे. संदीप की आठवीं तक की शिक्षा सरस्वती ज्ञान मन्दिर झिलाही बाजार तथा हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की पढ़ाई मनकापुर केएपी इंटर कालेज से हुई थी.
वर्ष 2006 में हाईस्कूल परीक्षा में संदीप को पूरे तहसील में सर्वाधिक अंक मिले थे. विज्ञान वर्ग से इंटरमीडिएट की पढ़ाई करने के बाद दिल्ली से कंप्यूटर साइंस से बीटेक किया. उसके बाद वे सिविल सर्विस की तैयारी करने लगे. देश का सर्वोच्च परीक्षा आईएएस की मुख्य परीक्षा में दो बार शामिल हुए लेकिन कुछ अंकों से सफलता नहीं मिली. इसके बाद वर्ष 2021 की पीसीएस की परीक्षा में संदीप का चयन वाणिज्य कर विभाग के सहायक आयुक्त पद पर हुआ था, उससे वह इससे संतुष्ट नहीं थे. उन्होंने अपना प्रयास जारी रखा.
अब पीसीएस 2022 की परीक्षा में संदीप तिवारी ने अपनी प्रतिभा का परचम लहराते हुए. पीसीएस चयन सूची में 10 वां स्थान हासिल किया है. संदीप का चयन एसडीएम के पद पर चयन हुआ है. शुक्रवार को परीक्षा का परिणाम जारी होते ही संदीप तिवारी के घर बधाई देने वालों का भीड़ लग गयी. संदीप के चयनित होने पर उनके पैतृक गांव सहित पूरे जिले में जश्न का माहौल है.
यूपी पीसीएस 2022 की परीक्षा में टॉप टेन सूची में स्थान बनाकर संदीप ने साबित कर दिया कि प्रतिभा किसी संसाधन की मोहताज नहीं होती. मेहनत और लगन हो तो कुछ भी असंभव नहीं है. उन्होंने सफलता से ग्रामीण ने साबित कर दिया कि ग्रामीण परिवेश के बच्चे भी अपना मुकाम हासिल कर सकते हैं. संदीप के पिता शिवकुमार तिवारी नलकूप चालक और माता जी जया देवी गृहणी हैं. छह भाई बहनों में संदीप सबसे बड़े हैं. संदीप ने अपनी सफलता का श्रेय अपने स्वर्गीय बाबा सियाराम तिवारी, पिता शिवकुमार तिवारी, माता जया देवी समेत अपने शिक्षकों को दिया.
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