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हवा में घुल रहा प्रदूषण, लोनी का AQI पहुंचा 406

दिल्ली एनसीआर के तमाम शहर प्रदूषण की मार झेल रहे हैं. गाजियाबाद में भी प्रदूषण का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार आज गाजियाबाद का प्रदूषण स्तर 363 AQI दर्ज किया गया है.

शहर में प्रदूषण.
शहर में प्रदूषण.
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Published : Nov 13, 2020, 4:27 PM IST

गाजियाबाद: ठंड का मौसम नजदीक आते ही गाजियाबाद की हवा में प्रदूषण घुलना शुरू हो गया है. बढ़ते प्रदूषण के चलते शहरवासियों को कई प्रकार की स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. जिला प्रशासन, विकास प्राधिकरण, नगर निगम और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा प्रदूषण की रोकथाम के लिए तमाम कदम तो उठाए जा रहे हैं, लेकिन गाजियाबाद का प्रदूषण अत्यंत खराब श्रेणी में बरकरार है.

गाजियाबाद में बढ़ा प्रदूषण.

दिल्ली-एनसीआर के तमाम शहर प्रदूषण की मार झेल रहे हैं. गाजियाबाद में भी प्रदूषण का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. गाजियाबाद में दम घोटती हवा ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों की माने तो आज गाजियाबाद का प्रदूषण स्तर 363 AQI दर्ज किया गया है. जो कि अत्यंत खराब श्रेणी में है. लोनी का प्रदूषण स्तर 406 एक्यूआई दर्ज किया गया है जो कि खराब श्रेणी में है और जिले में सबसे अधिक है.

एक नज़र गाजियाबाद के प्रदूषण स्तर पर:

स्थानAQI
इंदिरापुरम376
संजय नगर320
लोनी406
वसुंधरा350

हालांकि बीते दिनों की तुलना में शुक्रवार को गाजियाबाद की हवा में थोड़ा बहुत सुधार तो देखने को मिला है, लेकिन अभी भी गाजियाबाद का प्रदूषण स्तर अत्यंत खराब श्रेणी में है. इसके चलते शहरवासियों को कई प्रकार की स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. विशेषज्ञों की मानें तो एनसीआर के शहरों में आने वाले समय में एयर क्वालिटी इंडेक्स में और इजाफा देखने को मिल सकता है.

क्या होता है AQI

एयर क्वालिटी इंडेक्स या वायु गुणवत्ता सूचकांक एक नंबर होता है, जिसके जरिए हवा की गुणवत्ता का पता लगाया जाता है. साथ इसके जरिए भविष्य में होने वाले प्रदूषण के स्तर का भी पता लगाया जाता है.

एयर क्वालिटी इंडेक्स जब 0-50 होता है तो इसे 'अच्छी' श्रेणी में माना जाता है. 51-100 को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को 'खराब', 301-400 को 'अत्यंत खराब', 400-500 को 'गंभीर' और 500 से ऊपर एयर क्वालिटी इंडेक्स को 'बेहद गंभीर' माना जाता है.

गाजियाबाद: ठंड का मौसम नजदीक आते ही गाजियाबाद की हवा में प्रदूषण घुलना शुरू हो गया है. बढ़ते प्रदूषण के चलते शहरवासियों को कई प्रकार की स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. जिला प्रशासन, विकास प्राधिकरण, नगर निगम और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा प्रदूषण की रोकथाम के लिए तमाम कदम तो उठाए जा रहे हैं, लेकिन गाजियाबाद का प्रदूषण अत्यंत खराब श्रेणी में बरकरार है.

गाजियाबाद में बढ़ा प्रदूषण.

दिल्ली-एनसीआर के तमाम शहर प्रदूषण की मार झेल रहे हैं. गाजियाबाद में भी प्रदूषण का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. गाजियाबाद में दम घोटती हवा ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों की माने तो आज गाजियाबाद का प्रदूषण स्तर 363 AQI दर्ज किया गया है. जो कि अत्यंत खराब श्रेणी में है. लोनी का प्रदूषण स्तर 406 एक्यूआई दर्ज किया गया है जो कि खराब श्रेणी में है और जिले में सबसे अधिक है.

एक नज़र गाजियाबाद के प्रदूषण स्तर पर:

स्थानAQI
इंदिरापुरम376
संजय नगर320
लोनी406
वसुंधरा350

हालांकि बीते दिनों की तुलना में शुक्रवार को गाजियाबाद की हवा में थोड़ा बहुत सुधार तो देखने को मिला है, लेकिन अभी भी गाजियाबाद का प्रदूषण स्तर अत्यंत खराब श्रेणी में है. इसके चलते शहरवासियों को कई प्रकार की स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. विशेषज्ञों की मानें तो एनसीआर के शहरों में आने वाले समय में एयर क्वालिटी इंडेक्स में और इजाफा देखने को मिल सकता है.

क्या होता है AQI

एयर क्वालिटी इंडेक्स या वायु गुणवत्ता सूचकांक एक नंबर होता है, जिसके जरिए हवा की गुणवत्ता का पता लगाया जाता है. साथ इसके जरिए भविष्य में होने वाले प्रदूषण के स्तर का भी पता लगाया जाता है.

एयर क्वालिटी इंडेक्स जब 0-50 होता है तो इसे 'अच्छी' श्रेणी में माना जाता है. 51-100 को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को 'खराब', 301-400 को 'अत्यंत खराब', 400-500 को 'गंभीर' और 500 से ऊपर एयर क्वालिटी इंडेक्स को 'बेहद गंभीर' माना जाता है.

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